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केंद्रीय गृहमंत्रालय ने 100 दिन में उठाए कई महत्वपूर्ण कदम-
- आंध्र प्रदेश व तेलंगाना के विभाजन से जुड़े बेहद जटिल एवं संवेदनशील मुद्दों को समय सीमा के अंदर सुलझाया।
- असम व नागालैंड सीमा पर हिंसा एवं तनाव पर फौरी तौर पर काबू करना। राज्यपालों को दिशा-निर्देश देकर आंध्र-तेलंगाना व असम-नागालैंड के मुख्यमंत्रियों की बैठक करवाकर तनाव में कमी और विश्वास बहाली की पहल। असम-नागालैंड सीमा विवाद को लेकर अनसुलझे मामले सुलझाने की कोशिश जारी।
- सहारनपुर में सांप्रदायिक हिंसा भड़कने पर उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से केंद्रीय बलों की मांग न किए जाने पर भी हिंसा पर काबू करने के लिए केंद्रीय बल भेजना।
- पर्यटन मंत्रालय की योजना के मुताबिक देशभर के नौ हवाई अड्डों पर 'वीजा ऑन अराइवल' सेवा शुरू।
- लसभी राज्यांें को पुलिस आधुनिकीकरण में तेजी लाने का आग्रह। इसके लिए केंद्र की ओर से 800 करोड़ रु. की राशि जारी।
- महिलाओं के खिलाफ अपराध पर रोकथाम के लिए प्रत्येक राज्य को अधिकाधिक महिला पुलिस की नियुक्ति के लिए सलाह।
- नक्सल समस्या से ग्रस्त जिलों में जनता की प्रतिक्रिया पर ज्यादा से ज्यादा जोर। मोबाइल टावर को तेजी से स्थापित करना। आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों के समुचित पुनर्वास के कदम। राष्ट्रीय जनसंख्या पंजी पर द्रुत गति से कार्यवाही पर जोर ताकि आसानी के साथ अवैध नागरिकों, घुसपैठियों की पहचान की जा सके।
- नौकरी, शिक्षा व अन्य विषयों में पुलिस जांच की प्रक्रिया को ऑनलाइन करने का आदेश देकर छात्रों व आम नागरिकों के कार्य को सुगम बनाया।
- आने वाले दिनों में अफगानिस्तान से अमरीकी सैनिकों की वापसी के बाद पैदा होने वाली सुरक्षा की चुनौतियों के मद्देनजर दूरगामी योजनाओं और रणनीति पर विचार शुरू।
“इस सरकार में फैक्शन नहीं एक्शन है।' —राजनाथ सिंह, केंद्रीय गृह मंत्री
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