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पीएमओ ने वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय को रक्षा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) की सीमा 26 प्रतिशत से बढ़ाकर 51 फीसदी करने संबंधी प्रस्ताव कैबिनेट में पेश करने की अनुमति दे दी है। पीएमओ के इस कदम को अंतरराष्ट्रीय निवेशकों को लुभाने, कड़े सुधारों के प्रति मोदी सरकार के प्रतिबद्ध होने और देश में विनिर्माण को बढ़ावा देने के संकेत के तौर पर देखा जा रहा है। हालांकि रक्षा मंत्रालय, फिक्की और सीआईआई इस क्षेत्र में 49 फीसदी से अधिक एफडीआई के पक्ष में नहीं हैं। इसके अलावा पीएमओ ने रेलवे, ई-कॉमर्स और विनिर्माण में एफडीआई नियमों में ढील देने की भी अनुमति दी है।
डीआईपीपी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, हमें रक्षा क्षेत्र में एफडीआई की सीमा बढ़ाने की दिशा में आगे बढ़ने की अनुमति मिल गई है। हम 74 प्रतिशत एफडीआई का सुझाव देंगे, ताकि प्रतिष्ठित कंपनियां देश में आएं और बड़े निवेश के साथ शुरुआत करें। इससे पहले वाणिज्य और उद्योग मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस मुद्दे पर वित्ता और रक्षा मंत्रालय से राय मांगी थी। उन्होंने डीआईपी के प्रस्ताव के साथ दोनों मंत्रालयों की राय पीएमओ को भेज दी थी। अब पीएमओ ने रक्षा के अलावा रेलवे और विनिर्माण क्षेत्र में सुधार की दिशा में आगे बढ़ने की अनुमति दे दी है। पीएमओ एफडीआई की सीमा और विदेश संस्थागत निवेशकों के लिए नियमों के मामले में एक समेकित नीति चाहता है। उल्लेखनीय है कि यूपीए सरकार ने रक्षा क्षेत्र में एफडीआई की सीमा को 26 प्रतिशत से अधिक करने का विरोध किया था।
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