अपनी बात - गड़बड़ी का पोस्टमार्टम
May 9, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • अधिक ⋮
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • अधिक ⋮
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • संस्कृति
  • पत्रिका
होम Archive

अपनी बात – गड़बड़ी का पोस्टमार्टम

by
Jun 14, 2014, 12:00 am IST
in Archive
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

दिंनाक: 14 Jun 2014 16:58:41

पड़ोस में शांति है तो घर में शांति है। घर में शांति है तो दिल में शांति है। कथन तो ठीक है, परंतु पाकिस्तान जैसे पड़ोसी के साथ घर और दिल की शांति जैसी बातें दुर्लभ और अप्राप्य लगने लगती हैं। बात में कोई उलाहना नहीं, बल्कि ठोस सचाई है। सेना प्रतिष्ठानों और कराची हवाई अड्डे पर हुए ताजा हमले की तीव्रता को देखते हुए आज यह जरूरी हो गया है कि पाकिस्तान के राज-समाज की खदबदाती अंतर्धाराओं को समझा जाए। यहां मजहबी उन्माद का आतंकी लावा है और इस ज्वालामुखी को दीए की लौ की तरह बचाते सैन्य सत्ता के हाथ भी। जनरलों के पट्टे पर चलती लोकतांत्रिक व्यवस्था है और हाशिए पर पड़े मुहाजिरों और अन्य मतावलंबियों की कराहें भी। धमाके की गूंज कैसी थी, इसके जिक्र की आज जरूरत नहीं। जरूरत गड़बड़ी के पोस्टमार्टम की है।

पहली बात, इस धमाके में इस्लामी कट्टरवाद के विस्तार की आहट है। पाकिस्तान के सीमांत इलाकों में और कुछ हो न हो सेना और आतंकी कमांडरों के गठजोड़ के लिए दुनिया की नजरों से दूर का यह बदहाल कबीलाई जीवन इस्लामी कट्टरवाद की फसल उगाने की उर्वर भूमि है। इस जनजातीय इलाके में लोगों को जिहादी घुट्टी पिलाते हुए अत्याधुनिक हथियार थमाने का खेल पुराना है। यही नहीं 'शरिया राज की खातिर मुस्लिम बिरादरान में एका' करने की इस बड़ी मुहिम में अफगानिस्तानी तालिबान से लेकर चीन के मुस्लिम उइगर विद्रोहियों को भी इस इलाके में शरण, संरक्षण मिलता रहा है। हाल की घटना तो और भी चौंकाने वाली है। पाकिस्तान पैरामिलिट्री सेना के अनुसार भले ही तहरीक-ए-तालिबान ने कराची हमले की जिम्मेदारी ली हो, लेकिन खूनी अभियान को उज्बेक हमलावरों ने अंजाम दिया। पाकिस्तानी तालिबान के शीर्ष कमांडर अब्दुल्ला बहर महसूद ने भी कहा है कि हमला तालिबान और उज्बेक लड़ाकों का साझा अभियान था। अति सक्रिय उज्बेक भूमिका को इस संदर्भ में भी देखा जाना चाहिए कि 90 के दशक में स्थापित जिहादी समूह, इस्लामिक मूवमेंट का उद्देश्य उज्बेक राष्ट्रपति इस्लाम करीमोव को हटाने से लेकर पूर्व सोवियत मध्य एशियाई देशों में शरीयत का राज्य स्थापित करना था। फिलहाल खबरें ऐसी हैं कि तालिबानी दबदबे की छतरी तले उज्बेक और उइगुर आतंकी वजीरिस्तान के पहाड़ों में एकजुट हो रहे हैं।
दूसरी बात, इस धमाके में मुहाजिर विरोध का पंजाबी बारूद भी है। पृथक बंगलादेश बन जाने के बाद भी भाषाई वर्चस्व और देश पर असली दावा ठोकने की लड़ाई पाकिस्तान में बहुत तेज है। ऐसा सिर्फ पाकिस्तान में ही हो सकता है। लंदन में निर्वासित जीवन बिता रहे मुहाजिर कौमी मूवमेंट के नेता अल्ताफ हुसैन का दृष्टिकोण ध्यान देने लायक है। वह अरसे से कह रहे हैं कि मुहाजिरों को सबक सिखाने के सोचे-समझे षड्यंत्र के अंतर्गत ही कराची में आतंकवाद को पैर पसारने की छूट दी गई है। उनकी बात खारिज नहीं की जा सकती, क्योंकि यहां सत्ता में सौतेले व्यवहार के शिकार मुहाजिर आज भी उस पंजाबी समुदाय को खटकते हैं, जिसका सत्ता,शासन और विशेषकर सैन्य अधिष्ठान में बोलबाला है।
तीसरी और अत्यंत महत्वपूर्ण बात, यह वर्दी की वजीर से लड़ाई है। कभी नवाज शरीफ की जान हलक में अटका देने वाले जनरल परवेज मुशर्रफ आज भी यदि आलीशान फॉर्म हाउस में कैद काट रहे हैं तो यह बेदम सरकार और सेना के दबदबे का ही एक उदाहरण है। पाकिस्तान में सेना एक ऐसी छलिया भूमिका में है जिसने पूरे देश के साथ और लोकतांत्रिक व्यवस्था के साथ लगातार धोखा किया है। तीन बार तख्तापलट देने वाली सेना ने मुल्क के प्रति वफादारी की ऐसी हवा बनाई है कि लोग सेना को ही स्थाई सरकार मानने लगे हैं। यह भी सच है कि यहां शासन की हर तह के नीचे सेना के वफादार सूत्र हैं। भारत के न्यौते पर पाकिस्तानी प्रधानमंत्री का गर्मजोशी भरा रवैया सेना और उसके पोसे आतंकी विषधरों को बौखलाहट से भरने वाली बात थी। तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान के हमलों का विश्लेषण करने वाले सुरक्षा विशेषज्ञ यह मानते हैं कि ऐसा सटीक, योजनाबद्ध और घातक हमला अंदर की खबर रखने वालों और हवाई अड्डे पर तैनात सैन्यकर्मियों की मदद के बिना संभव ही नहीं था। वैसे भी सत्ता की फजीहत और सामाजिक जीवन में उथल-पुथल का कोई मौका पाकिस्तानी सेना नहीं छोड़ती। उठापटक से कमाई इस धमक के बूते आज व्यापार और सामाजिक जीवन से लेकर नीति-निर्धारण तक कोई ऐसा क्षेत्र नहीं है, जहां सेना शासकीय सत्ता के सामने ताल नहीं ठोक रही।
बहरहाल, गड़बड़ बड़ी है। अलग-अलग स्तर पर है और पाकिस्तान का आंतरिक मसला है। लेकिन, पड़ोस में उठती यह चिंगारी भारत और बाकी दुनिया के लिए भी चिंता की वजह है, क्योंकि परमाणु शक्ति संपन्न देश में जिहादी बारूद का जखीरा पूरी दुनिया में शांति ध्वंस का विनाशकारी सपना देख रहा है।

ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

जम्मू-कश्मीर में नियंत्रण रेखा पर पाकिस्तान द्वारा नागरिक इलाकों को निशाना बनाए जाने के बाद क्षतिग्रस्त दीवारें, टूटी खिड़कियां और ज़मीन पर पड़ा मलबा

पाकिस्तानी सेना ने बारामुला में की भारी गोलाबारी, उरी में एक महिला की मौत

बलूच लिबरेशन आर्मी के लड़ाके (फाइल चित्र)

पाकिस्तान में भड़का विद्रोह, पाकिस्तानी सेना पर कई हमले, बलूचिस्तान ने मांगी आजादी, कहा – भारत में हो बलूच दूतावास

“भय बिनु होइ न प्रीति “: पाकिस्तान की अब आएगी शामत, भारतीय सेना देगी बलपूर्वक जवाब, Video जारी

खेत हरे, खलिहान भरे

पाकिस्तान ने उरी में नागरिक कारों को बनाया निशाना

कायर पाकिस्तान ने नागरिकों को फिर बनाया निशाना, भारतीय सेना ने 50 ड्रोन मार गिराए

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ

पाकिस्तान बोल रहा केवल झूठ, खालिस्तानी समर्थन, युद्ध भड़काने वाला गाना रिलीज

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

जम्मू-कश्मीर में नियंत्रण रेखा पर पाकिस्तान द्वारा नागरिक इलाकों को निशाना बनाए जाने के बाद क्षतिग्रस्त दीवारें, टूटी खिड़कियां और ज़मीन पर पड़ा मलबा

पाकिस्तानी सेना ने बारामुला में की भारी गोलाबारी, उरी में एक महिला की मौत

बलूच लिबरेशन आर्मी के लड़ाके (फाइल चित्र)

पाकिस्तान में भड़का विद्रोह, पाकिस्तानी सेना पर कई हमले, बलूचिस्तान ने मांगी आजादी, कहा – भारत में हो बलूच दूतावास

“भय बिनु होइ न प्रीति “: पाकिस्तान की अब आएगी शामत, भारतीय सेना देगी बलपूर्वक जवाब, Video जारी

खेत हरे, खलिहान भरे

पाकिस्तान ने उरी में नागरिक कारों को बनाया निशाना

कायर पाकिस्तान ने नागरिकों को फिर बनाया निशाना, भारतीय सेना ने 50 ड्रोन मार गिराए

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ

पाकिस्तान बोल रहा केवल झूठ, खालिस्तानी समर्थन, युद्ध भड़काने वाला गाना रिलीज

देशभर के सभी एयरपोर्ट पर हाई अलर्ट : सभी यात्रियों की होगी अतिरिक्त जांच, विज़िटर बैन और ट्रैवल एडवाइजरी जारी

‘आतंकी समूहों पर ठोस कार्रवाई करे इस्लामाबाद’ : अमेरिका

भारत के लिए ऑपरेशन सिंदूर की गति बनाए रखना आवश्यक

पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ

भारत को लगातार उकसा रहा पाकिस्तान, आसिफ ख्वाजा ने फिर दी युद्ध की धमकी, भारत शांतिपूर्वक दे रहा जवाब

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies