विचार: गरीबी, बेईमानी, हिंसा का जवाबसंपन्न भारत
July 14, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम Archive

विचार: गरीबी, बेईमानी, हिंसा का जवाबसंपन्न भारत

by
May 31, 2014, 12:00 am IST
in Archive
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

दिंनाक: 31 May 2014 15:08:05

अगर पचास आदमियों के खाने लायक भोजन हो और पांच हजार आदमी मौजूद हों तो, आप यह पक्का समझ लीजिए कि यह बहुत मुश्किल है कि यहां चोरी और उपद्रव शुरू न हो जाएं। जहां पचास लोगों के लिए भोजन उपलब्ध हो और पांच हजार लोग भोजन पाने के लिए तैयार हों, वहां बहुत प्रतीक्षा नहीं की जा सकती। लोग बेईमानी, चालबाजी, हर तरह से भोजन को पाने की कोशिश में लग जाएंगे। अगर इन पांच हजार लोगों को ईमानदार बनाना हो तो कम से कम पांच हजार लोगों के लायक भोजन चाहिए। अन्यथा यह ईमानदारी बहुत मुश्किल है, यह अपेक्षा नहीं की जा सकती।
अगर दिल्ली में पानी की कमी हो जाए तो लोग पानी को रात में चोरी कर ले जाने लगेंगे। अभी कोई पानी को चोरी कर नहीं ले जा रहा है। कल तक कोई पानी को नहीं चुरा रहा था, आज पानी की कमी हो गई है और लोग पानी को चुराने लगे हैं। इसका क्या मतलब है? लोग चोर हैं या पानी की कमी है? आदमी जिंदा रहना चाहता है। जब उसके जिंदा रहने के लिए ईमानदारी आसान नहीं रह जाती, तो वह बेईमानी करने पर मजबूर हो जाता है। यह जितनी बेईमानी हमें चारों ओर दिखाई पड़ रही है, इस बेईमानी का बुनियादी कारण आदमी की खराबी कम, हमारी गरीबी की अधिकता ज्यादा है।
अगर आज यूरोप और अमरीका के मुल्कों में सड़क पर अखबार रख दिया जाता है और पेटी रख दी जाती है। लोग पैसा डालते हैं और अखबार ले जाते हैं। तो इसका मतलब यह नहीं है कि वे बहुत ईमानदार हो गए हैं। इसका कुल मतलब इतना है कि एक आने की चीज चुराने की किसी को भी कोई जरूरत नहीं रह गई है। वे कोई हमसे ज्यादा ईमानदार हो गए हैं, इस भ्रम में पड़ने की कोई जरूरत नहीं है। वे भी हमारे जैसे लोग हैं। लेकिन एक आने का अखबार कौन चुराएगा? एक आने का अखबार चुराने योग्य हैसियत किसी की भी नहीं रह गई है। तो आदमी एक आने को डाल जाता है, अपना अखबार ले जाता है।
अगर दिल्ली में हम पेटी रख दें बाजार में सुबह पांच बजे और अखबार रख दें, तो पहला ही आदमी अखबार भी ले जाएगा और पेटी भी ले जाएगा। दूसरे आदमी को पैसे डालने की मुसीबत नहीं आएगी। इसका कारण यह नहीं है कि दिल्ली के लोग चोर हैं। इसका कारण सिर्फ इतना है कि एक आना भी इतनी मुश्किल चीज है कि उसके लिए आदमी चोर हो जाता है।
असल में जिंदगी अगर बहुत कठिन हो जाए तो हम बेईमानी को रोक नहीं सकते। और जिंदगी बहुत कठिन हो गई है। और इस जिंदगी के कठिन होने में कौन जिम्मेदार है? इतनी आसानी से यह बात नहीं कही जा सकती।
मुल्क के पास शक्ति कम रह गई है। भोजन की, कपड़े की, रोजगार की सुविधाएं कम रह गई हैं और लोग बढ़ते जा रहे हैं। अभी तो आसान है, अभी तो इतनी चोरी और बेईमानी नहीं हो रही है। अगर दस-बीस साल आबादी उदारभाव से बढ़ती गई, तब आपको चोरी और बेईमानी की शिकायत करने का मौका भी नहीं रहेगा, क्योंकि चोरी और बेईमानी ही रह जाएगी। अगर एक-एक पैसे के लिए आदमी की हत्या न होने लगे बीस साल में इस मुल्क में, तो आप समझना कि आश्चर्य की बात है। वह होने लगेगी। क्योंकि जब इतने लोग बढ़ जाएंगे और जिंदगी मुश्किल हो जाएगी, तो फिर जिंदगी को जीने की हर आदमी दम तोड़ कर कोशिश करता है। और जहां जिंदगी दांव पर लगी हो, वहां फिर वह ईमानदारी वगैरह की फिक्र नहीं करता। ईमानदारी वगैरह सब लग्जरीज़ हैं, सुविधा संपन्न लोगों की बातें हैं। असुविधा से भरे हुए लोगों की बातें नहीं हैं।
असल में किसी देश या कौम को अगर ईमानदार, भला और सज्जन होना हो, तो संपन्न होना पहली शर्त है। अगर संपन्नता को हम पूरी न कर पाएं, तो यह हो सकता है कि लाख, दो लाख आदमी में एकाध आदमी ईमानदार सिद्ध हो जाए। लेकिन एकाध आदमी से कोई जिंदगी नहीं चलती, वह आदमी अपवाद है। यह हो सकता है पूरे मुल्क में दस-पच्चीस लोग शीर्षासन करने में कुशल हो जाएं। यह ठीक है, हो सकता है। लेकिन सारे लोग सिर के बल खड़े नहीं हो सकते। सारे लोग तो पैर के बल ही चलते रहेंगे। जिंदगी के सामान्य नियम यह कहते हैं कि हमारी हालतें इतनी बुरी हैं कि हमें इस पर हैरानी नहीं होनी चाहिए कि इतनी बेईमानी क्यों है? हमें इस पर हैरानी होनी चाहिए कि और ज्यादा बेईमानी क्यों नहीं है। इतनी चीजें बुरी स्थिति में खड़ी हो गई हैं। इस स्थिति को बदलने के लिए संपत्ति पैदा करने के प्रयास में लगना जरूरी है।

-प्रस्तुति- अजय विद्युत

ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

terrorist attack in congo

इस्लामिक आतंकवादी समूह ADF का कांगो में कहर: वाल्से वोनकुतु में 66 की गला काटकर हत्या

धर्मशाला में परम पावन दलाई लामा से आशीर्वाद लेते हुए केन्द्रीय मंत्री श्री किरन रिजीजू

चीन मनमाने तरीके से तय करना चाहता है तिब्बती बौद्ध गुरु दलाई लामा का उत्तराधिकारी

EC to start SIR

Voter Verification: चुनाव आयोग का बड़ा फैसला: पूरे देश में लागू होगा SIR

Iran warns europe drone attack

ईरान की धमकी: पांच ड्रोन यूरोप को बनाएंगे निशाना

नूंह में शोभायात्रा पर किया गया था पथराव (फाइल फोटो)

नूंह: ब्रज मंडल यात्रा से पहले इंटरनेट और एसएमएस सेवाएं बंद, 24 घंटे के लिए लगी पाबंदी

गजवा-ए-हिंद की सोच भर है ‘छांगुर’! : जलालुद्दीन से अनवर तक भरे पड़े हैं कन्वर्जन एजेंट

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

terrorist attack in congo

इस्लामिक आतंकवादी समूह ADF का कांगो में कहर: वाल्से वोनकुतु में 66 की गला काटकर हत्या

धर्मशाला में परम पावन दलाई लामा से आशीर्वाद लेते हुए केन्द्रीय मंत्री श्री किरन रिजीजू

चीन मनमाने तरीके से तय करना चाहता है तिब्बती बौद्ध गुरु दलाई लामा का उत्तराधिकारी

EC to start SIR

Voter Verification: चुनाव आयोग का बड़ा फैसला: पूरे देश में लागू होगा SIR

Iran warns europe drone attack

ईरान की धमकी: पांच ड्रोन यूरोप को बनाएंगे निशाना

नूंह में शोभायात्रा पर किया गया था पथराव (फाइल फोटो)

नूंह: ब्रज मंडल यात्रा से पहले इंटरनेट और एसएमएस सेवाएं बंद, 24 घंटे के लिए लगी पाबंदी

गजवा-ए-हिंद की सोच भर है ‘छांगुर’! : जलालुद्दीन से अनवर तक भरे पड़े हैं कन्वर्जन एजेंट

18 खातों में 68 करोड़ : छांगुर के खातों में भर-भर कर पैसा, ED को मिले बाहरी फंडिंग के सुराग

बालासोर कॉलेज की छात्रा ने यौन उत्पीड़न से तंग आकर खुद को लगाई आग: राष्ट्रीय महिला आयोग ने लिया संज्ञान

इंटरनेट के बिना PF बैलेंस कैसे देखें

EPF नियमों में बड़ा बदलाव: घर खरीदना, इलाज या शादी अब PF से पैसा निकालना हुआ आसान

Indian army drone strike in myanmar

म्यांमार में ULFA-I और NSCN-K के ठिकानों पर भारतीय सेना का बड़ा ड्रोन ऑपरेशन

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies