प्रबुद्ध चिंतक एवं पत्रकार शिवकुमार जी नहीं रहे
July 12, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम Archive

प्रबुद्ध चिंतक एवं पत्रकार शिवकुमार जी नहीं रहे

by
May 3, 2014, 12:00 am IST
in Archive
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

दिंनाक: 03 May 2014 15:41:24

गत 29 अप्रैल की सुबह 5:30 बजे वरिष्ठ पत्रकार एवं लेखक श्री शिवकुमार गोयल का उनके पिलखुवा स्थित आवास पर निधन हो गया। वे 75 वर्ष के थे। शिवकुमार जी कुछ दिनों से अस्वस्थ चल रहे थे, लेकिन 20 अप्रैल को उन्हें दिल का दौरा पड़ जाने से उनका स्वास्थ्य और बिगड़ गया।
गाजियाबाद के यशोदा अस्पताल में उनका इलाज हुआ, पर स्वास्थ्य लगातार बिगड़ता गया। अन्तत: वह नश्वर देह छोड़कर चले गए। उनका अंतिम संस्कार गढ़मुक्तेश्वर स्थित गंगा घाट पर किया गया। उनके ज्येष्ठ पुत्र नरेन्द्र गोयल ने उन्हें मुखाग्नि दी। देश की अनेक पत्र-पत्रिकाओं में विभिन्न विषयों पर लिखते रहे शिवकुमार जी का पिछले दिनों अमृत महोत्सव मनाया गया था, जिसमें उनके प्रशंसकों, लेखकों, साहित्यकारों और समाजसेवियों ने भाग लिया था। वे एक सच्चे धार्मिक, मृदुभाषी, सरल और विनम्र स्वभाव के व्यक्ति थे । वह अपने से छोटी उम्र के लोगों से भी अत्यंत विनम्रता के साथ व्यवहार करते थे। उन्हें स्वतंत्रता सेनानियों और स्व. शिवकुमार गोयल के पिता भक्त रामशरणदास धार्मिक और आध्यात्मिक क्षेत्र की सुपरिचित विभूति थे। शिवकुमार जी ने अपनी पत्रकारिता की शुरुआत हिन्दुस्थान समाचार से की थी। उसके बाद पाञ्चजन्य में भी उन्होंने लम्बे समय तक कार्य किया।
इधर अनेक वर्षों से शिवकुमार जी विभिन्न विषयों पर अपने शोधपरक आलेख और विश्लेषण पाञ्चजन्य के लिए सहर्ष लिखते रहे। वैसे भी जब कभी वे किसी विषय के बारे में बहुत गहराई से सोचते थे और उन्हें लगता था कि इस पर कोई सामग्री जानी चाहिए तो वे बेझिझक फोन कर बताते और बहुत ही अल्प समय में उसे लिखकर भेज देते। इतिहास से जुड़े अनेक प्रसंग उन्हें जुबानी याद थे। साहित्य में रुचि होने की वजह से उन्होंने विभिन्न सामयिक विषयों पर अनेक पुस्तकें लिखीं। वर्ष 1962 के भारत-चीन युद्ध में शहीद हुए सैनिकों पर लिखी उनकी किताब ह्यहिमालय के प्रहरीह्ण के लिए राष्ट्रपति ने उनको सम्मानित किया था। गणेश शंकर विद्यार्थी सम्मान सहित उन्हें साहित्य क्षेत्र में अनेक सम्मान प्राप्त हुए थे। पिलखुवा स्थित उनका घर आध्यत्मिक विभूतियों का जैसे मिलन केंद्र रहा। घर में पत्र-पत्रिकाओं का प्रचुर संकलन शिवकुमार जी ने अपनी मेहनत से किया था और उन्हें हर पत्रिका और हर पुस्तक में क्या और कहां छपा है, सब याद रहता था। किसी पुरानी घटना पर चर्चा होते ही वे तपाक से बताते थे कि फलां पत्रिका के फलां अंक में फलां लेखक का इसी से संबंधित आलेख छपा था। पाञ्चजन्य परिवार दिवंगत आत्मा के प्रति अपनी भावभीनी श्रद्धाञ्जलि अर्पित करता है। ल्ल प्रतिनिधि
देहदानी सुरेन्द्रनाथ अग्रवाल का प्रयाण
ऐसे लोग बहुत कम ही होते हैं जो जीते जी समाज की हर प्रकार से सेवा करने को तत्पर रहते हैं और नश्वर देह त्यागने के बाद भी किस प्रकार वह समाज के काम आए उसकी चिंता रहती है। ऐसे ही अनूठे व्यक्तित्व के धनी थे श्री सुरेंद्रनाथ अग्रवाल। देश की उन्नति के लिए संघ कार्य के माध्यम से आजीवन सक्रिय रहे वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता सुरेन्द्रनाथ जी का गत 26 अप्रैल को नई दिल्ली में निधन हो गया।
15 नवम्बर 1928 को जन्मे श्री सुरेन्द्रनाथ अग्रवाल ने स्वतंत्रता संग्राम में बढ़-चढ़कर भाग लिया था। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की रीति-नीति का पालन करते हुए वे जीवनभर समाज और देश से जुड़े विभिन्न विषयों को लेकर सक्रिय रहे।
संघ में विभिन्न दायित्वों को निभाने वाले श्री अग्रवाल ने 10 वर्ष तक महानगर व्यवस्था प्रमुख का दायित्व संभाला। सुरेन्द्रनाथ जी के परिवार में पत्नी, दो बेटे और एक बेटी है, जिनको उन्होंने संघ के संस्कारों में ही रचाया-पगाया है। अपनी मृत्यु से पूर्व ही अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान को देहदान और गुरु तेगबहादुर नेत्र चिकित्सालय को अपनी आंखें दान करने का संकल्प लेकर राष्ट्रसेवी दधीचि सुरेन्द्रनाथ जी ने समाज को जाते-जाते भी अद्भुत सीख व प्रेरणा प्रदान की। उल्लेखनीय है कि वे जीते जी भी न जाने कितने लोगों को देहदान करने की प्रेरणा देते रहते थे और उनके विनम्र स्वभाव और तेजस्वी विचारों से प्रभावित बड़ी संख्या में लोगों ने देहदान के लिए संकल्प पत्र भी भरा था।
दिल्ली विधानसभा के पूर्व उपाध्यक्ष श्री आलोक कुमार अपने पिता स्व. सुरेन्द्रनाथ जी का स्मरण करते हुए बताते हैं कि मुझे संघ की शाखा में पहली बार पिताजी ही ले गए थे। 1977 में जब आपातकाल में हम लोग अमृतसर में जेल गए तो पिताजी ने छोटे भाई को भी संघ शाखा में जाने का निर्देश दिया। दिल्ली में ग्रेटर कैलाश में हमारे घर के पीछे घनी झाडि़यां और ऊंची-ऊंची घास उगी होती थी इसलिए उस सघन
स्थान पर संघ की सारी गतिविधियां आपातकाल में संचालित होती रही थीं। हाल ही में मुजफ्फरनगर में हुए दंगों को लेकर वे बहुत आहत रहते थे। समाज में लोगों की सहायता के लिए वे सदैव तैयार रहते थे। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के समर्पित और व्रती स्वयंसेवक सुरेन्द्रनाथ जी के निधन पर संघ और विहिप के अधिकारियों ने अपनी हार्दिक संवेदना व्यक्त की। ऐसे तपस्वी कार्यकर्ता के निधन पर पाञ्चजन्य परिवार अपनी हार्दिक संवेदना व्यक्त करता है। ल्ल प्रतिनिधि

ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

देश और समाज के खिलाफ गहरी साजिश है कन्वर्जन : सीएम योगी

जिन्होंने ने बसाया उन्ही के लिए नासूर बने अप्रवासी मुस्लिम : अमेरिका में समलैंगिक काउंसिलवुमन का झलका दर्द

कार्यक्रम में अतिथियों के साथ कहानीकार

‘पारिवारिक संगठन एवं विघटन के परिणाम का दर्शन करवाने वाला ग्रंथ है महाभारत’

नहीं हुआ कोई बलात्कार : IIM जोका पीड़िता के पिता ने किया रेप के आरोपों से इनकार, कहा- ‘बेटी ठीक, वह आराम कर रही है’

जगदीश टाइटलर (फाइल फोटो)

1984 दंगे : टाइटलर के खिलाफ गवाही दर्ज, गवाह ने कहा- ‘उसके उकसावे पर भीड़ ने गुरुद्वारा जलाया, 3 सिखों को मार डाला’

नेशनल हेराल्ड घोटाले में शिकंजा कस रहा सोनिया-राहुल पर

‘कांग्रेस ने दानदाताओं से की धोखाधड़ी’ : नेशनल हेराल्ड मामले में ईडी का बड़ा खुलासा

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

देश और समाज के खिलाफ गहरी साजिश है कन्वर्जन : सीएम योगी

जिन्होंने ने बसाया उन्ही के लिए नासूर बने अप्रवासी मुस्लिम : अमेरिका में समलैंगिक काउंसिलवुमन का झलका दर्द

कार्यक्रम में अतिथियों के साथ कहानीकार

‘पारिवारिक संगठन एवं विघटन के परिणाम का दर्शन करवाने वाला ग्रंथ है महाभारत’

नहीं हुआ कोई बलात्कार : IIM जोका पीड़िता के पिता ने किया रेप के आरोपों से इनकार, कहा- ‘बेटी ठीक, वह आराम कर रही है’

जगदीश टाइटलर (फाइल फोटो)

1984 दंगे : टाइटलर के खिलाफ गवाही दर्ज, गवाह ने कहा- ‘उसके उकसावे पर भीड़ ने गुरुद्वारा जलाया, 3 सिखों को मार डाला’

नेशनल हेराल्ड घोटाले में शिकंजा कस रहा सोनिया-राहुल पर

‘कांग्रेस ने दानदाताओं से की धोखाधड़ी’ : नेशनल हेराल्ड मामले में ईडी का बड़ा खुलासा

700 साल पहले इब्न बतूता को मिला मुस्लिम जोगी

700 साल पहले ‘मंदिर’ में पहचान छिपाकर रहने वाला ‘मुस्लिम जोगी’ और इब्न बतूता

Loose FASTag होगा ब्लैकलिस्ट : गाड़ी में चिपकाना पड़ेगा टैग, नहीं तो NHAI करेगा कार्रवाई

Marathi Language Dispute

‘मराठी मानुष’ के हित में नहीं है हिंदी विरोध की निकृष्ट राजनीति

यूनेस्को में हिन्दुत्त्व की धमक : छत्रपति शिवाजी महाराज के किले अब विश्व धरोहर स्थल घोषित

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies