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मेरठ में ग्रामीण इलाकों में गोवंश को कारों में बेहोश कर काटा जा रहा है। इन लोगों ने कारों को चलती-फिरती वधशाला बना दिया है। उत्तर प्रदेश में गोवध विरोधी सख्त कानून बना है, लेकिन सपा सरकार की मंशा उसे लागू करने की नहीं रही।
मेरठ की गंगानगर नामक नई कॉलोनी में शहर के महापौर के सामने ही सीसीटीवी कैमरा लगा हुआ है। कैमरे में जबरन गाय को कार में बिठाकर ले जाने का दृश्य कैद हो गया है, फिर गाय को लेकर गो तस्कर फरार हो जाते हैं। कैमरे में कैद गाय का मालिक अशोक पड़ोस में ही दूध की डेयरी चलाता है और उसकी गायें वहीं आसपास चरती हैं। वह पानी पीने गया और उसी बीच गाय गायब हो गई। इस गिरोह के सदस्य गाय को कुछ खिलाने का लालच देकर नशीला पदार्थ खिला देते हैं जिससे वह कुछ ही सेकेंड में बेहोश हो जाती है और उसके बाद गाय को कार में धकेल दिया जाता है। इस गिरोह द्वारा शहर के भीतरी इलाकों में आए दिन गोवंश को चोरी कर काटा जा रहा है। लेकिन पुलिस विभाग द्वारा ऐसे में कार्रवाई शून्य रहती है। एक गाय को काटने पर गो हत्यारे को लगभग सवा लाख रुपये मिलते हैं। इसमें कुछ आमदनी का हिस्सा अधिकारियों और सत्ता में बैठे लोगों तक पहंुचाया जाता है। संवाददाता को अम्हेड़ा नामक इलाके के लोगों ने बताया कि उनके यहां एक भी बछड़ा-बछिया जीवित नहीं बचे हैं। रिझानी गांव के लोगों का भी कहना है कि वहां से गोवंश लगातार चोरी हो रहे हैं।
-अजय मित्तल
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