जिसने दिखाई आंख उसकी डूबी लुटिया
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नरेन्द्र मोदी पर जिन-जिन नेताओं ने तंज कसा उन्हें जनता ने अच्छी तरह कस दिया है। पहले सलमान खुर्शीद का ही हाल देख लेते हैं। खुर्शीद ने कहा था कि मोदी की आंखें राक्षसों जैसी हैं। फर्रुखाबाद के मतदाताओं ने उनका वह हाल किया कि वे अपनी जमानत जब्त करा बैठे। ज्यादा दिन नहीं हुए कि जब वित्त मंत्री पी. चिदम्बरम न नरेन्द्र मोदी के लिए कहा था कि ह्यवे तो आदतन झूठे हैं। वे मुझे रिकाउंटिंग मिनिस्टर कह रहे हैं तो मैं उन्हें एनकाउंटर चीफ मिनिस्टर कहूंगा।ह्ण उनके बेटे कार्तिक पी. चिदम्बरम तमिलनाडु के शिवगंगा क्षेत्र में चौथे पायदान पर रहे हैं। चिदम्बरम ने स्वयं चुनाव नहीं लड़ने का निर्णय लिया था, लेकिन उन्हें यह आभास कतई नहीं था कि बेटे को सांसद बनाने का उनका सपना अधूरा ही रह जाएगा। बड़बोले मणिशंकर अय्यर ने कहा था कि मोदी इक्कीसवीं सदी में तो प्रधानमंत्री नहीं बन सकते,लेकिन अगर वे चाहें तो कांग्रेस की बैठक में चाय जरूर बांट सकते हैं। एक और कांग्रेसी नेता कपिल सिब्बल कहते रहे ह्यअदाणी को जमीनें आवंटित कर अपने प्रचार अभियान के लिए धन जुटाना ही मोदी की आर्थिक नीति है।ह्ण सिब्बल भी दिल्ली के चांदनी चौक से बुरी तरह हारे। मोदी को रा.स्व.संघ का सबसे बड़ा गुंडा कहने वाले बेनी प्रसाद वर्मा भी गांेडा लोकसभा क्षेत्र से हार गए। मायावती ने सबसे पहले नरेन्द्र मोदी पर शब्दों के बाण चलाए थे, उत्तर प्रदेश में भाजपा को रोकने का दावा किया था, कहां गई मायावती की अकड़।
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने नरेन्द्र मोदी पर व्यंग्य मारा था,ह्यदे दे राम दिला दे राम, पी.एम. की कुर्सी पर बिठा दे राम।ह्ण नीतीश स्वयं प्रधानमंत्री बनने का सपना देखते थे,पर मतदाताओं ने उन्हें ऐसा झटका दिया कि उनकी पार्टी जनता दल (यू) केवल दो क्षेत्रों-पूर्ण्िायां और नालन्दा में ही सिमट कर रह गई। देखा जाए तो इस चुनाव में सबसे अधिक दुर्गति नीतीश कुमार की ही हुई है। जनता दल (यू) के अध्यक्ष शरद यादव ने गुजरात में बन रही सरदार पटेल की मूर्ति को लेकर कहा था,ह्यदेश बन रहा बुतों का कबाड़खाना।ह्ण वे भी मोदी लहर में मधेपुरा से अच्छी तरह हार गए।
सपा नेता आजम खान ने मोदी को लेकर ऐसे-ऐसे बयान दिए कि जिन्हें लिखा भी नहीं जा सकता है। उनकी पार्टी सपा भी मात्र 5 सीटों में सिमट गई। आजम अपने गृह नगर रामपुर की सीट भी अपनी पार्टी को नहीं दिला पाए। वहां से भाजपा के डॉ. नेपाल सिंह विजयी रहे। फारुख अब्दुल्ला के अटपटे बोल भी आपको याद होंगे-ह्यनरेन्द्र मोदी को वोट देने वालों को समंदर में डूब जाना चाहिए।ह्ण ह्यकश्मीर के लोग साम्प्रदायिकता को बर्दाश्त नहीं करेंगे और देश साम्प्रदायिक हुआ तो वे भारत के साथ नहीं रहेंगे।ह्ण अब्दुल्ला भी बुरी तरह हार गए हैं। एच.डी. देवगौड़ा ने कहा था,ह्ययदि नरेन्द्र मोदी की अगुआई में भाजपा जादुई आंकड़े 272 पर पहुंच जाती है और अपने बलबूते केन्द्र में सरकार बना लेती है तो मैं कर्नाटक छोड़ दूंगा और राजनीति से संन्यास ले लूंगा।ह्ण अब देखना यह है कि एच.डी.देवगौड़ा किस दिन राजनीति से संन्यास लेने और कर्नाटक छोड़ने की घोषणा करते हैं।-अरुण कुमार सिंह
उत्तर प्रदेश में देश के पहले प्रधानमंत्री पं. जवाहर लाल नेहरू के समय से कांग्रेस का गढ़ रही फूलपुर लोकसभा सीट से इस बार भाजपा के केशव प्रसाद मौर्या विजयी रहे हैं। यह पहली बार है कि भाजपा ने इस सीट से अपनी उपस्थिति दर्ज कराई है। यहां तक कि राजनीतिक विश्लेषक भी चर्चा होने पर इस सीट को कांग्रेस और बाद में सपा व बसपा का ही गढ़ बताते थे। लेकिन इस बार परम्परा टूट गई है। पं. नेहरू के बाद यहां से विजय लक्ष्मी पंडित, विश्वनाथ प्रताप सिंह, राम पूजन पटेल कांग्रेस, जबकि समाजवादी पार्टी के जंग बहादुर पटेल, धर्मराज पटेल, अतीक अहमद और बसपा के कपिल मुनि सांसद रह चुके हैं।
ह्यमोदी इक्कीसवीं सदी में तो प्रधानमंत्री नहीं बन सकते, लेकिन अगर वे चाहें तो कांग्रेस की बैठक में चाय जरूर बांट सकते हैं। ह्ण
-मणिशंकर अय्यर, कांग्रेसी नेता
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