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महिलाएं ही परिवार को मजबूती प्रदान कर सकती हैं। इसलिए इस दिशा में महिलाओं को अपनी सक्रियता बढ़ानी होगी। महिलाओं को अपने परिवार की निर्णय प्रक्रिया में आगे आना चाहिए। महिलाओं की सहभागिता से ही परिवार मजबूत बनता है।' ये विचार हैं राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक श्री मोहनराव भागवत के। श्री भागवत 1 मई को नागपुर में संघ के विभिन्न संगठनों की महिला प्रतिनिधियों को सम्बोधित कर रहे थे।सरसंघचालक ने आगे कहा कि संघ चाहता है महिलाएंं स्वावलंबी बनें और समाज का नेतृत्व करें। हमारे देश में नारी के सम्मान को प्राचीनकाल से सर्वोपरि माना गया है। आज भी हम नदी, भूमि आदि को मां कहकर पुकारते हैं। ये हमारे संस्कार हैं। आज इन संस्कारों की अवहेलना हो रही है।रेशमबाग स्थित ड़ॉ. हेडगेवार भवन में आयोजित बैठक में श्री भागवत ने कहा कि महिलाएं अपने परिवार के बड़े-बुजुगोंर् के साथ बैठें, बातचीत करें, उनकी सुनें, अपनी बात कहें और इस तरह से आपसी संवाद से परिवार व्यवस्था को मजबूत बनाएं। महिलाओं को समय के साथ आगे बढ़ने की आवश्यकता है। पुरुषों का रास्ता न देखें कि वे मदद करेंगे। महिलाएं और ताकत के साथ आगे बढ़ें, यही आज की आवश्यकता है। प्रतिनिधि
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