|
इन दिनों ब्रिटेन में बढ़ती इस्लामी कट्टरता को लेकर बवाल मचा हुआ है। पूर्व प्रधानमंत्री टोनी ब्लेयर और वर्तमान प्रधानमंत्री डेविड कैमरून दोनों मान रहे हैं कि ब्रिटेन में इस्लामी कट्टरता बढ़ रही है। टोनी ब्लेयर तो खुलेआम यह कह रहे हैं कि कट्टरवादी इस्लाम से ब्रिटेन ही नहीं, सभी यूरोपीय देशों को खतरा है। 23 अप्रैल को लन्दन में एक सभा को सम्बोधित करते हुए ब्लेयर ने कहा कि ब्रिटेन को इस्लामी कट्टरता से मुकाबला करने के लिए आपसी मतभेदों को भुलाकर चीन और रूस से भी सहयोग लेना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि इस्लाम के कट्टरवादी और राजनीतिक रंग दिए गए विचारों को खत्म करना वैश्विक राजनीति की प्राथमिकता होनी चाहिए।
ब्लेयर ने विश्व बिरादरी से आग्रह किया कि वह मिस्र में मुस्लिम ब्रदरहुड का विरोध और सैनिक शासन का समर्थन करे। ब्लेयर का यह बयान जिस समय आया है वह बहुत ही महत्वपूर्ण है। माना जा रहा है कि ब्लेयर ने यह बयान डेविड कैमरून के समर्थन में दिया है। उल्लेखनीय है कि डेविड कैमरून का अप्रैल के प्रथम सप्ताह में ह्यचर्च टाइम्सह्ण में एक लेख प्रकाशित हुआ हुआ था। इस लेख में उन्होंने कहा है कि उन्हें ईसाई मत में शान्ति मिलती है और ब्रिटेन के लोग इस बात से आश्वस्त रहें कि ब्रिटेन एक ईसाई देश है। ईसाइयों को अपने मूल्यों की रक्षा के लिए सजग रहना चाहिए। साथ ही उन्होंने यह भी कहा है कि इसका यह अर्थ नहीं कि अन्य मत-पंथों को नीचा दिखाया जाए। कैमरून के इस लेख का ब्रिटेन में काफी विरोध हो रहा है। ब्रितानी मानवतावादी संघ के अध्यक्ष प्रोफेसर जिम अल खलीली के नेतृत्व में कई पत्रकार, कलाकार और बुद्धिजीवी कैमरून के इस विचार की निन्दा कर रहे हैं। इन लोगों ने डेली टेलीग्राफ में एक पत्र लिखकर विरोध जताया है। पत्र में कहा गया है कि हम प्रधानमंत्री की मजहबी आस्था का सम्मान करते हैं,लेकिन ब्रिटेन को एक ईसाई देश बताना ठीक नहीं है। इन लोगों ने यह भी कहा है कि ब्रिटेन मूलत: एक सेकुलर और बहुलतावादी देश है। इसलिए जब कोई इसे ईसाई देश बताता है तो समाज में अलगाव की भावना और विभाजन बढ़ता है। यह भी बता दें कि डेविड कैमरून इसके पहले भी कई बार कह चुके हैं कि ब्रिटेन को कट्टर इस्लाम से सबसे अधिक खतरा है। डेविड कैमरून प्रधानमंत्री हैं। जाहिर है कि उनके पास इसके ठोस सबूत होंगे। ब्रिटेन को नजदीक से देखने वालों का भी कहना है कि जब से वहां इस्लामी बैंक को काम करने की इजाजत दी गई है तब से ब्रिटेन में मुसलमानों की आबादी बहुत तेजी से बढ़ी है। इस्लामी बैंक मुसलमान युवकांे को बिना सूद घर खरीदने और व्यापार करने के लिए ऋण देते हैं। यही वजह है कि इस समय लन्दन में अधिकांश टैक्सी चालक या तो पाकिस्तानी हैं या बंगलादेशी। यह भी पता चला है के ब्रिटेन में हलाल मांस की दुकानों की संख्या भी बढ़ रही है। इतना ही नहीं,ब्रिटेन के मुसलमान अपने बच्चों के लिए अलग शिक्षण संस्थान की मांग करने लगे हैं। ऐसी पृथकतावादी मांगें दिनोंदिन बढ़ती जा रही हैं। शायद यही कारण है कि प्रधानमंत्री कैमरून की चिन्ता बढ़ रही है। ल्ल
सीरिया में लड़ रहे हैं डच जिहादी
खबर है कि सीरिया के गृहयुद्ध में नीदरलैण्ड के डच-भाषी 100 नागरिक आतंकी संगठनों की ओर से जिहाद कर रहे हैं। यह खुलासा नीदरलैण्ड की गुप्तचर संस्था की वार्षिक रपट से हुई है। इस रपट को हाल ही में नीदरलैण्ड के गृह मंत्री रोनाल्ड पल्स्तर्क ने जारी किया है। रपट के अनुसार पिछले छह माह में सीरिया और इराक में 2 डच नागरिकों ने आत्मघाती हमला किया है और 2013 में 100 डच नागरिक सीरिया गए थे। ये लोग वहां के जिहादी संगठनों में शामिल हुए हैं। रपट में यह भी कहा गया है कि ये लोग आदतन घोर कट्टरवादी और हिंसावादी हैं। नीदरलैण्ड ने यूरोपीय देशों से कहा है कि सावधान रहें,क्योंकि सीरिया से जिहादी वापस आ रहे हैं। उल्लेखनीय है कि सीरिया में कई आतंकी गुट वहां के राष्ट्रपति बशर-अल-असद को उखाड़ फेंकने के लिए जिहाद कर रहे हैं। आतंकी गुटों के साथ कई देशों के कट्टरवादी भी जिहाद कर रहे हैं। अभी कुछ दिन पहले ही यह भी पता चला है कि सीरिया में भारत के भी कट्टरवादी मुसलमान युवा जिहाद कर रहे हैं।
जिहादी बने ह्यभस्मासुरह्ण
19 अप्रैल को कराची हवाई अड्डे के बाहर पाकिस्तान के मशहूर पत्रकार और जियो टी.वी. के सम्पादक हामिद मीर पर जानलेवा हमला हुआ। खुद हामिद मीर कहते रहे हैं कि आतंकवादियों से उनकी जान को खतरा है। इसलिए आशंका यह जताई जा रही है कि यह काम आतंकवादियों का है। हामिद मीर पिछले कुछ समय से पाकिस्तानी गुप्तचर संस्था आईएसआई के खिलाफ भी बोलते रहे हैं। इसलिए आईएसआई भी हामिद को लेकर तल्ख रुख रखती है। भले ही अब हामिद मीर और आईएसआई की राहें अलग हों,पर एक समय था जब पाकिस्तानी मीडिया आतंकवादियों का महिमामण्डन किया करता था। उन्हें ह्यइस्लाम के सिपाहीह्ण कहते थे। अब वही ह्यसिपाहीह्ण भस्मासुर बन गए हैं। उधर पाकिस्तान के रक्षा मंत्रालय ने 23 अप्रैल को जियो न्यूज चैनल पर राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में लिप्त रहने का आरोप लगाया है। यह भी कहा है कि जियो टीवी बिना किसी सबूत के खुफिया एजेंसी आईएसआई की छवि खराब करता रहा है। मंत्रालय ने पाकिस्तान इलेक्ट्रॉनिक मीडिया रेगुलेटरी अथॉरिटी के समक्ष जियो टीवी के खिलाफ एक शिकायत भी दर्ज कराई है। इसके बाद जियो टीवी को बन्दी का नोटिस भी दे दिया गया है। प्रस्तुति : अरुण कुमार सिंह
टिप्पणियाँ