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वर्ष 2010 में भारत में प्रतिबंधित किया गया है।

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Mar 3, 2014, 12:00 am IST
in Archive
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दिंनाक: 03 Mar 2014 12:27:29

'हिंदू धर्म, हमारी संस्कृति, हमारे महापुरुषों और संतों पर षड्यंत्र के तहत लेख और ऐसी किताबें हमेशा से लिखी जाती रही हैं, जिससे लोग भ्रमित हो। अभिव्यक्ति के नाम पर किसी के लिए कुछ भी बोल देना सही नहीं है। वेंडी डोनीगर की एक और किताब 'ऑन हिंदुज्म ' में भी हिंदू धर्म को लेकर आपत्तिजनक बातें लिखी गई हैं। हमने किताब के प्रकाशक से बात कर इस किताब के प्रकाशन को बंद करने के लिए कहा है, यदि वे ऐसा नहीं करते हैं तो हम कानूनी कार्रवाई करेंगे।' अतुल भाई कोठारी: संयोजक शिक्षा बचाओ समिति

'धुंधी ' : इस किताब में भगवान गणेश को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणियां की गई हैं। इस किताब के लेखक योगेश मास्टर को वर्ष 2013 में गिरफ्तार किया गया। उस पर भारतीय दंड संहिता 295 ए और 298 के तहत मामला दर्ज किया गया। इस किताब को प्रतिबंधित किया गया है।

 

'दा इपिक ऑफ शिवाजी: इसमें छत्रपति शिवाजी को लेकर गलत तथ्य देकर उनकी छवि को खराब करने की कोशिश की गई है। वर्ष 2006 में प्रकाशित लेखक ' जेम्स लेन ' की इस किताब को भारत में प्रतिबंधित किया गया है।

'शिवाजी: हिंदू किंग इन इस्लामिक इंडिया': इसमें छत्रपति शिवाजी को लेकर गलत तथ्य देकर उनकी छवि को खराब करने की कोशिश की गई है। वर्ष 2004 में प्रकाशित लेखक 'जेम्स लेन' की इस किताब को मान्नीय उच्चतम न्यायालय ने वर्ष 2010 में भारत में प्रतिबंधित किया गया है।

'रामा रीटोल्ड': आजादी के बाद यह पहली किताब थी जिसे भारत में प्रतिबंधित किया गया। ओब्री मिनेन की इस किताब में रामयाण के बारे में आपत्तिजनक बातें लिखी गई हैं। 1955 में प्रकाशित इस किताब पर प्रतिबंध लगाया गया है। इस किताब को 'दा रामायणा' नाम से भी जाना जाता है।

मिथ ऑफ द होली काऊ: इस किताब में गऊ माता को लेकर कहा गया है कि भारतीय गाय का मांस खाते थे। वर्ष 2001 में प्रकाशित देवेंद्र नारायण झा की इस किताब को प्रतिबंधित किया गया है।

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