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देश के प्राचीन व आधुनिक कृषि विज्ञान के बीच समन्वय बनाने के संकल्प के साथ मोहाली (पंजाब ) में एक बड़ा कृषि सम्मेलन संपन्न हुआ। 17 से 20 फरवरी तक चले इस सम्मेलन में विभिन्न राज्यों के गैर कांग्रेसी मुख्यमंत्री और पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के
कृषि मंत्री सहित अनेक कृषि विशेषज्ञ उपस्थित रहे।
पंजाब सरकार द्वारा मोहाली स्थित देश की अति-आधुनिक सब्जी मंडी में देश भर से आए गैर कांग्रेसी सरकारों के प्रतिनिधियों ने पंजाब के मुख्यमंत्री श्री प्रकाश सिंह बादल से नेतृत्व करने की अपील की। बादल ने सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि जब भारत आजाद हुआ था तो उस समय देश भुखमरी के कगार पर था परंतु देश के किसानों ने इस चुनौती को स्वीकारते हुए दिन-रात अपना खून-पसीना बहाकर देश को भुखमरी से निकाला, परंतु दु:ख की बात है कि केंद्र सरकार की गलत नीतियों के कारण आज अन्नदाता कहलाने वाला किसान आत्महत्या करने के लिए मजबूर हो रहा है। अन्नदाता स्वयं कर्ज में डूबने के कारण आत्महत्या करने लगा है। इस कारण पंजाब के एक लाख से ज्यादा किसान प्रति वर्ष खेती छोड़कर दूसरे कारोबार करने लगते हैं। उन्होंने कहा कि कृषि वस्तुएं बीज, खाद्य व डीजल के भाव बड़ी तेजी से बढ़ने के कारण कृषि की लागत बढ़ रही है परंतु किसानों को उनकी फसलों का उचित भाव नहीं मिल रहा। बादल ने केंद्र सरकार से मांग की है कि किसानों के हित में एक विशेष नीति बनाई जाए। किसानों व उनकी फसलों के लिए बीमा योजना लागू हो। रेल बजट की तरह कृषि बजट भी अलग से बनाया जाए। इस मौके पर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री डा़ॅ रमन सिंह ने कहा कि छत्तीसगढ़ गठन के समय राज्य कृषि उत्पादन में देश में सबसे नीचे था।
उन्होंने बताया कि जब वर्ष 2010 में वे मुख्यमंत्री बने तब कृषि उत्पाद में उन्होंने पंजाब से सीख लेकर 19 प्रतिशत बढ़ोतरी दर्ज करवायी। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि पंजाब के मुख्यमंत्री हमेशा किसानों के हितों का ध्यान रखते हैं। उन्होंने कहा कि भारत कृषि प्रधान देश है परंतु केंद्र सरकार की नीतियों के कारण अन्नदाता को इस समय गंभीर संकट का सामना करना पड़ रहा है और किसानों के हितों के बिना देश तरक्की नहीं कर सकता।
बिहार के कृषि मंत्री ने कहा कि उनकी सरकार यहां किसान हित में सुझाए गए कदमों का समर्थन करेगी। उन्हांेने किसानों को सब्सिडी देने की पुरजोर मांग की। इस मौके पर आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने किसानों की भलाई के लिए किए जा रहे कार्यों के लिए पंजाब सरकार की सराहना की।
पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के कृषि मंत्री जावेद ने कहा कि पाकिस्तान व भारत के पंजाब प्रांतों की कृषि क्षेत्र की समस्याएं एक जैसी ही हैं, इसीलिए दोनों प्रांतों को एक-दूसरे के साथ मिलकर इन समस्याओं को हल करना चाहिए।
चार दिवसीय इस सम्मेलन में विभिन्न कृषि विशेषज्ञों ने किसानों की वर्तमान समस्याओं, कृषि क्षेत्र में आ रहे परिवर्तनों, नवीनतम तकनीक, कृषि चुनौतियों, पर्यावरण, जल समस्या, भूजल के गिरते स्तर, विदेशों में कृषि, पशुपालन जैसे विषयों पर विचार प्रस्तुत किए।
– प्रतिनिधि
क्यों नरम बनाया इटली के नौसैनिकों का मामला
केरल तट पर दो भारतीय मछुआरों की हत्या के आरोपी इतालवी नौसैनिकों के मामले में केंद्र सरकार ने सर्वोच्च न्यायालय को 24 फरवरी को सूचित किया है कि उनके खिलाफ जल दस्यु निरोधक कानून के तहत मामला नहीं चलाया जाएगा। इसका मतलब यह है कि दोषी पाए जाने पर भी इतालवी नौसैनिकों को मौत की सजा नहीं मिलेगी।
सर्वोच्च न्यायालय इटली सरकार की उस याचिका पर विचार करने को तैयार हो गया है, जिसमें राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) द्वारा इतालवी नौसैनिकों की जांच के अधिकार को चुनौती दी गई है। सर्वोच्च न्यायालय इटली सरकार के आतंकवाद विरोधी कानून को चुनौती देते हुए एक याचिका पर सुनवाई कर रहा है। इटली सरकार का तर्क है कि आतंकवादी विरोधी-कानून के तहत कार्रवाई सर्वोच्च न्यायालय के उस आदेश के खिलाफ है, जिसके अनुसार सिर्फ मैरीटाइम जोन एक्ट, आईपीसी, सीआरपीसी और ह्यअनक्लजह्ण (यूएनसीएलओएस-समुद्र के कानूनों पर संयुक्त राष्ट्र संधि) के तहत ही कार्रवाई की जा सकती है। पिछली सुनवाई के बाद इटली सरकार ने मुकदमे की सुनवाई में और देरी होने पर विरोधस्वरूप भारत से अपना राजदूत वापस बुला लिया था। इटली के विदेश मंत्रालय ने तब एक बयान जारी कर कहा था कि इस मामले में इटली एक संप्रभु राष्ट्र के रूप में अंतरराष्ट्रीय कानूनों के अनुसार अपने अधिकारों का प्रयोग करेगा। बीती 18 फरवरी को हुई सुनवाई के दौरान इटली सरकार और नौसैनिकों की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने कहा था कि सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के बावजूद केंद्र सरकार इस मामले में आगे नहीं बढ़ रही है। उन्होंने प्रार्थना की थी कि जब तक केंद्र सरकार इस मामले में कोई फैसला नहीं लेती तब तक आरोपी नौसैनिकों को उनके देश जाने दिया जाए। मामले की सुनवाई कर रही पीठ ने तब मामले को 24 फरवरी तक टाल दिया था और कहा था कि इसी तारीख को वह केंद्र का जवाब सुनेगी। इतालवी नौसैनिकों पर फरवरी, 2012 में केरल के नजदीक समुद्र में दो भारतीय मछुआरों की हत्या का आरोप है। वहीं नौसैनिकों का कहना है कि उन्होंने मछुआरों को गलती से समुद्री डाकू समझकर गोली चलाई थी। – प्रतिनिधि
सीबीआई ने हेलीकॉप्टर घोटाले में पीई दर्ज की
सीबीआई ने 24 फरवरी को वीवीआईपी हेलीकॉप्टर खरीद मामले में प्रारंभिक जांच (पीई) दर्ज कर ली है। इसमें पूर्व वायुसेना प्रमुख एस. पी. त्यागी सहित 11 लोगों और चार कंपनियों के नाम सामने आए हैं, लेकिन पुख्ता साक्ष्यों के अभाव में मुकदमा दर्ज नहीं किया जा सका है। सीबीआई पीई में नामजद भारतीयों के खिलाफ ह्यलुकआउटह्ण नोटिस जारी करने की तैयारी में है।
इटली से लौटी टीम को वहां के वकील से कुछ पुख्ता जानकारियां मिली थीं जिसके बाद भारत में रहने वाले लोगों से स्पष्टीकरण मांगे जाने की तैयारी की जा रही है। सीबीआई अब रिकॉर्ड भी खंगालने की तैयारी में है। उधर रक्षा मंत्रालय इस बात को लेकर मंथन कर रहा है कि आखिर अगस्ता वेस्टलैंड कंपनी को अदा की जा चुकी राशि वह इटली से कैसे वसूल करेगा? सरकार इस संबंध में मजबूत आधार तैयार कर कदम फंूक-फूंक कर आगे बढ़ा रही है। इसके लिए कंपनी को एक नोटिस भी जारी कर भेजा जा रहा है।
जांच के लिए इटली गया दल भी अपनी रपट रक्षा मंत्री ए. के. एंटनी को सौंपने वाला है। खास बात यह है कि हेलीकॉप्टर कंपनी सौदे में दलाल की बात को अस्वीकार कर सौदा बरकरार रखने की अपील भी कर रही है। इस मसले पर संसद में भी चर्चा होने की संभावनाए हैं। – प्रतिनिधि
'संजय दत्त पर इतनी मेहरबानी क्यों?'
फिल्म अभिनेता संजय दत्त को बार-बार पैरोल दिए जाने पर मुंबई उच्च न्यायालय ने कड़ी आपत्ति जतायी है। पैरोल दिए जाने को भेदभावपूर्ण बताते हुए उच्च न्यायालय ने फटकार लगाते हुए सरकार से पूछा है कि मुंबई विस्फोट के दौरान हथियार रखने के दोषी को आखिर नौ माह में 118 दिन की पैरोल कैसे दे दी गई? साथ ही यह भी कहा कि सरकार दूसरे दोषियों के साथ इस तरह व्यवहार क्यों नहीं करती।
न्यायमूर्ति एन. एच. पाटिल एवं वी. एल. अचलिया की पीठ ने 25 फरवरी को एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि कई बार महीनों तक पैरोल की अर्जी पर निर्णय नहीं होता है। कई बार हस्तक्षेप के कारण दोषियों को पैरोल पर छोड़ना भी पड़ता है। पीठ ने कहा कि हथियार रखने के आरोप में सजा मिलने के बाद 16 मई, 2013 को जेल गए संजय दत्त पत्नी की बीमारी के कारण अब तक तीन बार में 118 दिनों की पैरोल ले चुके हैं। अभी उनकी छुट्टी 21 मार्च तक बढ़ाई गई है। दूसरी तरफ मुंबई बम धमाके के मामले में ही सजा काट रहे एक दोषी जैबुन्निसा काजी का गुर्दा खराब हो चुका है तो फारुक मोटरवाला की पत्नी गंभीर बीमारी से जूझ रही है। फिर भी उन दोनों को पैरोल पर रिहाई के लिए कोर्ट से गुहार लगानी पड़ी थी। पीठ ने भेदभावपूर्ण रवैये को लेकर कहा कि संजय दत्त से रिहाई की जमानत राशि के रूप में मात्र पांच हजार रुपये जमा कराए गए, जबकि दूसरे कैदियों से दस से बीस हजार रुपये जमा कराये जाते हैं। भेदभाव को रोकने के लिए पीठ ने राज्य सरकार को निर्देश दिया है कि वे चार सप्ताह में गृह, कानून, न्याय और जेल विभाग के अधिकारियों की समिति गठित कर पैरोल नियमों की समीक्षा करें। उल्लेखनीय है कि संजय दत्त की पैरोल बढ़ाए जाने पर उठे सवालों पर मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने कानून के दायरे में रहकर पैरोल दिए जाने की सफाई दी थी।
पिछले दिनों मालेगांव विस्फोट के आरोपी कर्नल श्रीकांत पुरोहित के परिवार ने मदद के लिए अब राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से गुहार की अपील की थी। परिवार ने हवाला दिया था कि जब धमाकों में अभी तक आरोपपत्र में उनका नाम नहीं था तो पिछले पांच वर्ष से कर्नल को जेल में क्यों रखा गया है? – प्रतिनिधि
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