|
गत 26 मार्च को नई दिल्ली में 'पूर्वोत्तर को लेकर दिल्ली की नीतियों में हो सुधार' विषय पर एक संगोष्ठी आयोजित हुई। इसके मुख्य अतिथि थे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह-सरकार्यवाह और पूर्वोत्तर मामलों के विशेषज्ञ डॉ. कृष्ण गोपाल। उन्होंने कहा कि पूर्वोत्तर को गहराई से समझना पड़ेगा। इसके बाद पूर्वोत्तर और शेष भारत के बीच की दूरियों को समाप्त करने के ईमानदार प्रयास होने चाहिएं। गोष्ठी के अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद श्री तरुण विजय ने कहा कि पूर्वोत्तर में यातायात की सुविधाओं का घोर अभाव है। वहां यातायात की सुविधाएं बढ़नी चाहिएं और पूर्वोत्तर की संस्कृति को पाठ्य पुस्तकों में शामिल कर बच्चों को उसकी जानकारी दी जानी चाहिए। आई.बी. के पूर्व निदेशक श्री अजित डोवल ने कहा कि पूर्वोत्तर के लोगों को स्वावलम्बी बनाने की कोशिश हो। उनके प्रति केवल सहानुभूति प्रकट करने से बात नहीं बनेगी। वनवासी कल्याण आश्रम के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्री कृपा प्रसाद सिंह ने बताया कि कल्याण आश्रम द्वारा पूर्वोत्तर में वनवासियों के लिए अनेक प्रकल्प चलाए जा रहे हैं। आवश्यकता है पूर्वोत्तर
और शेष भारत के लोगों के बीच आपसी मेलजोल बढ़ाने की। गोष्ठी को पूर्वोत्तर से
जुड़े कई संगठनों के पदाधिकारियों ने भी सम्बोधित किया। प्रतिनिधि
टिप्पणियाँ