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गत 3 मार्च को दिल्ली विश्वविद्यालय में विधि संकाय-1 तथा सामाजिक संगठन ह्यसंस्कृतिह्ण के तत्वावधान में एक संगोष्ठी आयोजित हुई। संगोष्ठी में विदेशी लेखिका वेंडी डोनिगर की पुस्तक ह्यद हिन्दू : एन ऑल्टरनेटिव हिस्ट्रीह्ण के सन्दर्भ में चर्चा हुई। इसमें हिन्दुओं को लेकर आपत्तिजनक बातें लिखी गई हैं। और यही वह पुस्तक है जिसे प्रकाशक ने भारत के बाजार से वापस लेने की घोषणा की है। संगोष्ठी को संबोधित करते हुए भाजपा नेता डॉ़ सुब्रह्मण्यम स्वामी ने कहा कि ऐसा विकृत इतिहास लेखन लेखिका की विकृत मानसिकता का परिचायक है। भारतीय दंड संहिता के अंतर्गत लेखिका वेंडी डोनिगर के ऊ पर एक नहीं कई मुकदमे दायर किए जा सकते हंै। संविधान में मौलिक अधिकार संबंधी भाग में जो स्वतंत्रता के अधिकार दिए गए हैं उनमें व्यक्ति के विचारों की अभिव्यक्ति प्रमुख है़,लेकिन ध्यान रखने की बात यह है कि संविधान में जितने मौलिक अधिकार दिए गए हैं, उनमे से कोई भी अधिकार ह्यअसीमितह्ण नही है। सभी अधिकारों पर कुछ न कुछ सीमाएं हैं। शिक्षा बचाओ आन्दोलन समिति के संयोजक श्री दीनानाथ बत्रा ने संगोष्ठी को संबोधित करते हुए कहा कि भारत पर ह्यबौद्धिक आक्रमणह्ण के माध्यम से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की छवि धूमिल की जा रही है। यह असहनीय है। हम इस प्रकार के बौद्धिक-आक्रमण का जवाब देने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
शिक्षा बचाओ आन्दोलन समिति के सह संयोजक श्री अतुल कोठारी ने कहा कि लेखिका वेंडी डोनिगर की इस पुस्तक को अब सन्दर्भ के रूप में उपयोग नहीं किया जा सकेगा। यह बहुत बड़ी बात है। देश के नौजवानों को इस प्रकार के बौद्धिक आक्रमण के खिलाफ आगे आना चाहिए। संगोष्ठी में विधि संकाय के डीन डा़ अश्वनी बंसल समेत लगभग 300 विद्यार्थियों ने भाग लिया। इस अवसर पर डा़ॅ सुब्रह्मण्यम स्वामी ने शिक्षा बचाओ आन्दोलन समिति के मीडिया विभाग द्वारा प्रकाशित पुस्तक ह्यसफलता की कहानीह्ण का लोकार्पण भी किया। प्रतिनिधि
'ऑन हिन्दुइज्म' की वापसी की मांग
शिक्षा बचाओ आन्दोलन समिति के राष्ट्रीय संयोजक श्री दीनानाथ बत्रा ने वेंडी डोनिगर की पुस्तक ह्यऑन हिन्दुइज्मह्ण के प्रकाशक एल्फ बुक कंपनी को पुस्तक वापस लेने हेतु चेतावनी पत्र लिखा है। पत्र में प्रकाशक को पुस्तक वापसी संबंधी फैसले लेने हेतु 10 मार्च, 2014 तक का समय दिया गया है। साथ ही प्रकाशक से यह मांग की गई है कि सभी बिक्री केन्द्रों से पुस्तकें वापस मंगाकर इन्हें नष्ट करे़, पुस्तक की बिक्री बन्द करे़,पुस्तक फिर से प्रकाशित न करने का विश्वास दिलाए। यदि ऐसा नहीं किया गया तो प्रकाशक के खिलाफ प्रजातांत्रिक ढंग से उचित कार्रवाई की जाएगी। साथ ही यदि आवश्यकता पड़ी तो न्यायालय का दरवाजा भी हिन्दुत्व पर खटखटाया जाएगा। इस पुस्तक में भी हिन्दुत्व पर बड़ी आपत्तिजनक बातें लिखी गई हैं। प्रतिनिधि
मथुरा में अवैध मांस की बिक्री का विरोध
तीर्थनगरी मथुरा में अवैध मांस की बिक्री धड़ल्ले से हो रही है। जगह-जगह मांस बेचने की अवैध दुकानें खुल रही हैं। कसाई गायों की चोरी कर उनकी हत्या कर रहे हैं, जबकि इलाहाबाद उच्च न्यायालय का स्पष्ट आदेश है कि तीर्थनगरी मथुरा में इस तरह की अवैध दुकानें न हों। इसके बावजूद वहां मांस का व्यापार बढ़ता ही जा रहा है। इस कारण तीर्थ यात्रियों और वहां के हिन्दुओं में बड़ा गुस्सा है। पिछले दिनों हिन्दू जागरण मंच ने अवैध मांस की दुकानों को बन्द कराने की मांग करते हुए एक ज्ञापन मथुरा के जिलाधिकारी को सौंपा है। हिन्दू जागरण मंच ने कहा है कि मांस की अवैध बिक्री का निरंतर जारी रहना उच्च न्यायालय की अवमानना के साथ ही हिन्दू धर्मावलम्बियों की धार्मिक भावनाओं को जानबूझकर आहत करने का गंभीर अपराध भी है। प्रतिनिधि
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