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'वनवासियों के हितों पर हो रहा कुठाराघात'

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Feb 8, 2014, 12:00 am IST
in Archive
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दिंनाक: 08 Feb 2014 16:04:30

-समन्वय नंद-

जल, जंगल जमीन पर वनवासियों को प्राकृतिक संसाधन अधिकार प्रदान करने के अलावा छह अन्य मांगों को लेकर वनवासी कल्याण आश्रम द्वारा हजारों की संख्या में लोगों ने भुवनेश्वर में जनजाति अधिकार रैली निकाली। राज्य के सभी जिलों से करीब 50 हजार की संख्या में वनवासी रैली में पहुंचे। सभी पारंपरिक वेशभूषा में थे। रैली का आयोजन वनवासी कल्याण आश्रम के संस्थापक वनयोगी बाला साहेब देशपांडे के जन्मशताब्दी वर्ष के अवसर पर किया गया था।
इस अवसर पर मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित वनवासी कल्याण आश्रम के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्री कृपा प्रसाद सिंह ने कहा कि वनवासी इलाकों में शिक्षा, स्वास्थ्य तथा अवागमन की व्यवस्था, जल, जंगल जमीन पर जनजातियों का प्राकृतिक अधिकार, संविधान द्वारा प्रदत्त आरक्षण के अधिकार की सुरक्षा, वनवासी लोगों के आस्था, विश्वास व संस्कृति की रक्षा का अधिकार, खनिज संपदा के लाभांश से 26 प्रतिशत राशि को स्थानीय इलाके में विकास कार्यों में खर्च करने सहित सात मांगों को लेकर इस रैली का आयोजन किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि वनवासी कल्याण आश्रम के संस्थापक बालासाहेब देशपांडे के जन्मशताब्दी वर्ष पर पूरे देश में इस तरह की जनजातीय अधिकार रैलियों का आयोजन किया जा रहा है। वनवासी लोगों के विकास और उत्थान के लिए वनवासी कल्याण आश्रम 374 जिलों में पिछले 60 वर्षों से कार्य कर रहा है। अपने संबोधन में जनजातीय मामलों के पूर्व केन्द्रीय मंत्री जुएल ओराम ने कहा कि वनवासी लोगों को विकास के नाम पर अपनी भूमि से बेदखल किया जा रहा है । जब वे इसका विरोध करते हैं तो उन्हें गोलियों से भून दिया जाता है। ओडिशा में कलिंगनगर में विस्थापन का विरोध कर रहे वनवासियों को गोलियों से भून दिया गया। उन्होंने कहा कि जनजातीय लोग सिर कटाना पसंद करते हैं, लेकिन सिर झुकाना उन्हें मान्य नहीं है।
उन्होंने राज्य सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि कंधमाल व अन्य जिलों में अनेक लोगों ने नकली जनजाति प्रमाण पत्र हासिल कर लोग नौकरियां कर रहे हैं, लेकिन सरकार उन पर कोई भी कार्रवाई करने की हिम्मत नहीं जुटा पा रही है। इस तरह वनवासी लोगों के हितों के प्रति कुठाराघात किया जा रहा है। वनवासियों के साथ हो रहे इस अन्याय के खिलाफ सभी लोगों को एकजुट होकर संघर्ष करना पड़ेगा। कार्यक्रम में उपस्थित अनुसूचित जनजाति आयोग के पूर्व अध्यक्ष दिलीप सिंह भुरिया ने वनवासी समाज से एकजुट होकर आंदोलन करने का आह्वान किया। कार्यक्रम के दौरान पूज्य स्वामी प्राणरुपानंद सरस्वती ने कहा कि समाज की रक्षा के लिए वनवासियों को आगे आना होगा। कार्यक्रम में वनवासी कल्याण आश्रम के प्रदेश अध्यक्ष लछमन नायक ने इस कार्यक्रम में शामिल होने के लिए सभी का आभार व्यक्त किया। संगठन के कार्यकारी अध्यक्ष श्री जगदीश प्रसाद मिश्र की अध्यक्षता में कार्यक्रम आयोजित किया गया था। स्वागत समिति के अध्यक्ष लक्ष्मण महिपाल ने स्वागत भाषण कर उपस्थिति लोगों का धन्यवाद ज्ञापित किया।

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