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गत 12 फरवरी को भारतीय जनता पार्टी के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार श्री नरेन्द्र मोदी ने पूरे देश में 'चाय पे चर्चा' से जुड़ा एक कार्यक्रम रखा था। शायद ही ऐसा कार्यक्रम पहले किसी राजनेता ने किया हो। मोदी अमदाबाद में बैठे थे, लेकिन आधुनिक तकनीक के जरिए देश के 300 से ज्यादा स्थानों से जुड़े हुए थे। देश के लगभग 1000 स्थानों पर भाजपा द्वारा चाय की चौपाल सजाई गई थी। इस दौरान मोदी ने देश के अलग-अलग हिस्सों से चर्चा में हिस्सा ले रहे लोगों के सवालों का जवाब भी दिया। अक्सर अपने चुनावी अभियान में कुछ नया करने वाले मोदी ने इस बार भी एक इतिहास बनाया। अमदाबाद के सरखेज-गांधीनगर हाईवे पर नमो टी स्टाल सजी और वहीं से मोदी दिल्ली, मुंबई, पटना, लखनऊ, दिल्ली समेत 300 से ज्यादा शहरों में टी स्टाल पर जमा हुए लोगों से ऑनलाइन टीवी के जरिए रूबरू हुए। पहली चाय चौपाल में मुद्दा था सुशासन। अपने शुरुआती संबोधन में मोदी ने खुद न बोलते हुए ज्यादा समय जनता के लिए छोड़ दिया। फिर एक के बाद एक वडोदरा, पटना, दिल्ली, भोपाल, लखनऊ जैसे शहरों से सुझाव और सवालों की झड़ी लग गई। पटना से एक व्यक्ति ने गरीबी और बेरोजगारी की बात कर सत्ता में उनके आने की मंगल कामना की। काले धन पर जब बात हुई तो उन्होंेने कहा कि हम देश का धन वापस लायेंगे और उससे संपूर्ण देश का विकास करेंगे। मोदी ने लोगों से अपने बचपन की भी यादों को साझा किया और कहा कि उस समय की सभी यादें आज ताजा हो गई हैं। अपमान भी सहे तो जीवन के लिए कई सीख भी ली। अब वह जानते हैं कि देश के लिए नीतियां कमरों में बैठकर नहीं बन सकतीं। जनता के दुख-दर्द को समझने पर ही संवेदनशीलता आती है। मोदी ने कहा कि बुरा शासन डायबिटीज की तरह है, जो अगर एक बार हो जाए तो एक साथ कई परेशानियों को ले आता है। उन्होंने कहा कि उनका मकसद चौपाल के जरिए लोगों से सुशासन पर बात करने और सुझाव लेने से है।
दो घंटे तक चली पहली चाय चौपाल पर मोदी ने एकत्र हुए लाखों लोगों से सीधा संवाद किया। चाय पे चर्चा में आपसी बातचीत के अंदाज में लोगों की सुनी, अपनी बताई और यह भरोसा देकर उठे कि सत्ता मिलने पर गरीबी भी दूर होगी व बेरोजगारी भी, देश भी मजबूत होगा और जनता भी। उल्लेखनीय है कि हर सप्ताह देश के अलग-अलग हिस्सों में ऐसी चौपाल लगेगी। इसके जरिए मोदी कम से कम दो करोड़ लोगों से सीधे जुड़ेंगे। प्रतिनिधि
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