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मुजफ्फरनगर के सिखेड़ा स्थित गांव बहादुरपुर में तीन युवकों की नृशंस हत्या कर दी गई। इस हत्याकांड के बाद एक बार फिर से जिले में तनाव व्याप्त है। आशंका जताई जा रही है कि दिवाली के मौके पर कुछ उन्मादी यहां अमन कायम नहीं रहने देना चाहते हैं।
जानकारी के मुताबिक मुजफ्फरनगर के सिखेड़ा थाना के गांव बहादुरपुर निवासी कुंवरपाल, सुरेंद्र और सुंदर 24 घंटे से लापता थे। गत 4 अक्तूबर की रात उनकी धारदार हथियार से गला रेतकर हत्या कर दी गई। उनके शव जानसठ रोड से बरामद कि ए गए। हत्या की खबर मिलने के बाद पूरे क्षेत्र में तनाव व्याप्त हो गया। मृतकों के परिजनों और गुस्साएं ग्रामीणोें ने घटना के विरोध मंे पानीपत-खटीमा राजमार्ग पर घंटों जाम लगा दिया। मुजफ्फरनगर प्रशासन ने तीनों मृतकों के परिजनों को ढाई-ढाई लाख रुपए की मुआवजा राशि प्रदान की। जिस स्थान पर क्रूर हत्यारों ने तीन निदार्ेषों की बर्बरतापूर्वक हत्या की थी उसके आधा किमी दूर निराना गांव के गोपालपुरी क्षेत्र में 60 मुस्लिम विस्थापितों की बस्ती है। विश्वसनीय सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक हत्यारों के तार वहां से जुडे़ हो सकते हैं।
बकरीद के मौके पर हत्यारों के इस घटना को अंजाम देने के पीछे यह मंशा हो सकती है कि मुजफ्फरनगर में फिर से हिंसा फैल जाए। खास बात यह है कि हत्यारों ने पहचान करने के बाद तीनों युवकों की अलग-अलग और डेढ़ किमी क्षेत्र के दायरे में हत्याएं की यानी एक ही स्थान पर हत्याएं नहीं की गईं। हत्यारों ने मृतकों के पास से किसी तरह का कोई सामान, नगदी और मोबाइल फोन आदि भी नहीं लूटा।
पुलिसकर्मियों के मुताबिक हत्यारों की संख्या आठ से दस हो सकती है। पुलिस अधिकारी घटना की सच्चाई पर पर्दा डालने की कोशिश में लगे हंै। ऐसे संकेत मिल रहे हंै कि पुलिस जनजातीय समुदाय के ऊपर ही इस हत्याकांड को अंजाम देने का आरोप लगाकर अपनी जिम्मेदारी से बचना चाहती है। यदि पुलिस-प्रशासन ने दृढ़ता और ईमानदारी के साथ इस घटना का खुलासा किया तो लोगो मंे पनपी असुरक्षा की भावना दूर होगी वरना अविश्वास की स्थिति कायम रहेगी, जो कानून व्यवस्था और शांति के लिए ठीक नहीं है।
इस हत्याकांड के बाद से लोग काफी आशंकित हैं और सभी दीपावली का पर्व शांतिपूर्ण निकलने की कामना कर रहे हैं। मेरठ रेंज के पुलिस महानिरीक्षक आलोक शर्मा ने दो बार मौके पर जाकर पुलिस अधिकारियों को त्वरित कार्रवाई करने के निर्देश दिए। उन्होंने सभी कोणों से मामले की जांच करने को कहा है। पुलिस अधिकारी चाहकर भी वहां की तलाशी लेने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे हंै। खबर लिखे जाने तक हत्यारों तक पुलिस नहीं पहुंच पाई है।
दूसरी तरफ कई बार इस तरह की धमकियां और सूचनाएं सामने आ चुकी हैं कि सिमी और लश्कर-ए-तैयबा जैसे आतंकी संगठन मुजफ्फरनगर हिंसा का बदला लेने की फिराक में हैं। बिजनौर में हुआ धमाका, सहारनपुर से आईएम के आतंकी की गिरफ्तारी और मेरठ से आईएसआई एजेंट के पकड़े जाने की घटना इसके अहम प्रमाण हैं। -सुरेंद्र सिंघल
दस्तावेज सौंपे
कोलकाता। सारदा चिट फंड घोटाले में तृणमूल कांग्रेस के करीबी चित्रकार शुभप्रसन्न भट्टाचार्य ने सीबीआई को चैनल बिक्री से संबंधित दस्तावेज सौंपे हैं। इनकी जांच के बाद सीबीआई उनसे पूछताछ का निर्णय करेगी। संभावना है कि सीबीआई इस माह के अंत तक घोटाले में पहला आरोपपत्र दाखिल कर देगी।
मंत्री पहुंचा जेल
झारखंड। झारखंड के पूर्व कृषि मंत्री और बड़कागांव से कांग्रेस के विधायक योगेन्द्र साव को हजारीबाग न्यायालय ने आतंकवादियों से संबंध रखने के आरोप वाले मामले में जेल भेज दिया। साव पर अपराधियों और आतंकियों से साठगांठ के आरोप हैं। पूर्व में पुलिस ने जिस आतंकी संगठन का पर्दाफाश किया था, उसके सदस्यों ने भी मंत्री के संपर्क में रहने की बात कही थी। संबंधित मामले की जांच सीआईडी शाखा कर रही है।
संदिग्ध गिरफ्तार
एटा। उत्तर प्रदेश के कासगंज रेलवे स्टेशन से जीआरपी ने संदिग्ध को गिरफ्तार किया है। उसके पास से वाराणसी, मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मभूमि, वैष्णो देवी के नक्शे भी बरामद किए गए हैं। उससे विस्फोटक मेंे प्रयोग किए जाने वाले फ्यूज के रसायन और पेन ड्राइव भी बरामद हुई है। आरोपी के पास से कराची का हवाई टिकट भी मिला है। उसके पास से दिल्ली की रामलीला कमेटी का बिल्ला भी मिला है।
सुनंदा की मौत जहर से
दिल्ली। कांग्रेसी नेता व पूर्व केन्द्रीय मंत्री शशि थरूर की पत्नी सुनंदा पुष्कर की मौत के मामले में नया खुलासा हुआ है कि उनकी मौत जहर देने से हुई थी। रहस्यमयी हालत में दिल्ली के होटल लीला में मृत मिलीं सुनंदा की मौत का कारण पहले नींद की अत्यधिक गोली खाना बताया गया था। लेकिन एम्स के डॉक्टरों पर उंगली उठने के बाद दोबारा तीन डॉक्टरों की देखरेख में जांच शुरू की गई थी। अब विसरा रपट में खुलासा हुआ है कि सुनंदा की मौत जहर से हुई थी। -प्रतिनिधि
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