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लोकसभा चुनावों का समय जैसे-जैसे समीप आ रहा है उत्तर प्रदेश में सत्तारूढ़ समाजवादी पार्टी में बेचैनी बढ़ती जा रही है क्योंकि तमाम प्रयासों के बावजूद न तो प्रदेश की बिगड़ती कानून व्यवस्था पटरी पर आ रही है और न सपाइयों की गुंडई पर अंकुश लग पा रहा है।
सपा सरकार अपने शासनकाल की अल्प अवधि में ही साम्प्रदायिक दंगांे का नया कीर्तिमान स्थापित कर चुकी है। मुजफ्फनगर दंगों के बाद हिन्दू विरोधी सरकार के रूप में चर्चित हो गई है। ऐसे में लोकसभा चुनाव में पार्टी की डूबने वाली नैया को बचाने के लिए सपा नेतृत्व को फिर वही बाहुबली याद आ रहे हैं जिनसे पार्टी ने वर्ष 2009 के चुनाव से पहले ही अपना दामन छुड़ा लिया था। बसपा विधायक राजूपाल की हत्या के आरोपी बनाये लाने के बाद फरार हुए तत्कालीन सपा सांसद अतीक अहमद प्रदेश के बाहुबलियों में गिने जाते थे। अतीक अहमद की करतूतों से पार्टी की छवि को बचाने के लिए सपा ने वर्ष 2008 में ही अतीक को पार्टी से बाहर कर दिया था। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव ने सार्वजनिक सभाओं ने यह तक डाला था कि उनके जीवनकाल में अतीक के लिए पार्टी में कोई स्थान नहीं है। अतीक पर हत्या समेत गंभीर अपराध के दो दर्जन से अधिक मामले दर्ज हैं।
इस बार लोकसभा चुनाव से पूर्व सपा ने फिर से अतीक को सुल्तानपुर से लोक सभा सीट का प्रत्याशी बना दिया है। हालांकि इस कदम का स्थानीय स्तर पर कार्यकर्ताओं में काफी विरोध है। इसके साथ ही आगे भाजपा विधायक कृष्णानंद राय की हत्या के आरोपी मुख्तार अंसारी व अफजाल अंसारी को पार्टी में शामिल कर सपा लोकसभा चुनाव में प्रत्याशी बनाने की तैयारी में है, जबकि अंसारी बंधु अपने कौमी एकता दल से गंठबंधन कर चुनाव लड़ना चाहते हैं।
इस संबंध में सूत्रों का कहना है कि अंसारी बंधु अपनी सीटों को लेकर भी अड़े हुए हैं। ये वाराणसी, मऊ, बलिया और सलेमपुर सीट चाहते हैं। यहां से मुख्तार अंसारी, पत्नी आफंसा, भाई अफजाल और ओमप्रकाश राजभर चुनाव लड़ेंगे। सपा वाराणसी और मऊ से उन्हें सीट देने को तैयार है क्योंकि बलिया से सपा प्रत्याशी नीरज शेखर है। पार्टी किसी भी सूरत में उनका टिकट काटने को तैयार नहीं है। सूत्रों का मानना है कि जल्द ही यह मामला तय हो जाएगा क्योंकि जितनी जरूरत सपा को पूर्वांचल में अंसारी बंधुओं की है उससे अधिक अंसारी बंधुओं को अपना अस्तित्व बचाने के लिए सपा की आवश्यकता है। इससे साफ है कि जल्द ही अंसारी बंधु सपा में शामिल होकर प्रत्याशी बनेंेगे। हरिमंगल
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