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बिटिया को दिल्ली भेजते लगता है डर
वसंत विहार इलाके में पैरामेडिकल छात्रा के साथ सामूहिक दुष्कर्म किए जाने का मामला हो या फिर धौलाकुंआ पर दिनदहाड़े दिल्ली विश्वविद्यालय की छात्रा की गोली मारकर हत्या किए जाने की बात हो या फिर मुंबई में महिला पत्रकार के साथ सामूहिक दुष्कर्म। कांग्रेस सरकार हर जगह महिलाओं को सुरक्षा मुहैया कराने में विफल साबित हुई है। विशेषकर दिल्ली में सबसे लड़कियां खुद को सबसे ज्यादा असुरक्षित महसूस करती हैं। फिर चाहे वह कॉलेज जाने वाली लड़कियां हो या फिर कामकाजी और नौकरी पर जाने वाली महिलाएं। कहीं पर भी महिलाएं खुद को सुरक्षित महसूस नहीं करती है। दिल्ली सरकार की तरफ से महिलाओं के लिए शुरू की गई हेल्प लाइन पिछले दिनों कई दिनों तक बंद पड़ी रही। जब इस बारे में सरकार के आलाधिकारियों से पूछा गया तो उनके पास कोई जानकारी नहीं थी कि ऐसा क्यों हुआ।
कांग्रेस शासित दिल्ली और महाराष्ट्र में लड़कियों के साथ होने वाली इस तरह की घटनाएं चिंता का विषय हैं, लेकिन इसका कोई हल न तो केंद्र सरकार निकाल पा रही है और न ही राज्य सरकारें। यदि दिल्ली विश्वविद्यालय की बात करें तो विश्वविद्यालय परिसर के आसपास घूमते आसमाजिक तत्व अकसर छात्राओं के साथ छेड़छाड़ करते हैं।
अकसर छात्राओं के साथ छेड़छाड़ की जाती है। फिकरे कसे जाते हैं। विशेषकर पूर्वोत्तर राज्यों की रहने वाली छात्राओं के साथ बहुत दिक्कत है। अराजक तत्व किसी मौके पर उनके साथ छेड़छाड़ करने से बाज नहीं आते हैं। पूर्वोत्तर राज्यों के छात्रों के हित में काम करने वाली संस्था कुकरी के सदस्य गोऊ चोंगलूई का कहना है कि पूवोत्तर राज्यों के छात्रों के साथ दिल्ली में बड़ा सौतला सा व्यवहार होता है। कई बार यहां की लड़कियों के साथ बलात्कार जैसे घिनौने अपराध हो चुके हैं। सरकार हर बार दावे तो करती है, लेकिन सुरक्षा के लिए कोई सही उपाय नहीं कर पाती है।
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