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आपदा राहत एवं पुनर्वास योजना के दूसरे चरण में उत्तरांचल दैवी आपदा पीडि़त सहायता समिति के द्वारा विभिन्न प्रकार के सेवा प्रकल्प- विशेष कर शिक्षा, स्वास्थ्य और स्वावलम्बन के क्षेत्र में शुरू किए गये हैं। इसके साथ ही उपयोग की आवश्यक वस्तुएं(जैसे राशन, वस्त्र, सौर ऊर्जा लालटेन इत्यादि) वितरित की जा रही हैं।
अब तक संघ के द्वारा जो प्रकल्प शुरू किए गये हैं उनमें तीन छात्रावास गुप्तकाशी, देहरादून और कोटि कलोनी में हैं। जिन में कक्षा 6 से 12 के छात्रों को रखा गया है। इन छात्रों के लिए रहने, भोजन, कपड़े तथा शिक्षा की सभी व्यवस्थायें नि:शुल्क हैं।
स्वास्थ्य सुविधाओं की आवश्यकताओं को पूरा करने हेतु उखीमठ तहसील में तीन प्राथमिक चिकित्सा केन्द्र- नारायण कोटि, नागजगई और अन्द्रवाड़ी गांव में प्रारम्भ की गई हैं। इन केन्द्रों में आपदाग्रस्त गांव वासियों को नि:शुल्क चिकित्सा सुविधा प्रदान की जा रही है।
साधना केंद्र की सहायता
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और साधना केंद्र की सहायता से तीन सिलाई प्रशिक्षण केन्द्र प्रारम्भ किए गए हैं। यह प्रशिक्षण केंद्र उखीमठ तहसील के त्रियुगी नारायण, चन्द्रापुरी तथा डडोली गांवों में हैं। इन केन्द्रों के उद्घाटन समारोह में साधना केन्द्र के ट्रस्टी एवं निदेशक स्वामी प्रेम विवेकानन्द जी तथा रा़ स्व़ संघ उत्तराचंल के प्रान्त कार्यवाह श्री लक्ष्मी प्रसाद जायसवाल उपस्थित थे। उत्तराखंड के सह प्रान्त सेवा प्रमुख सुनील कुमार भी इस अवसर पर उपस्थित थे।
इसी सप्ताह त्रियुगी नारायण तथा राउलेंक ग्राम में दो कम्प्यूटर प्रशिक्षण केन्द्र का भी उद्घाटन स्वामी प्रेम विवेकानन्द तथा श्री लक्ष्मी प्रसाद जायसवाल द्वारा किया गया।
श्री सुहासराव हिरमेठ ने तीनों छात्रावास का निरीक्षण किया, छात्रों से वार्ता की और कार्यकर्ताओं को सम्बोधित करते हुए आवश्यक दिशानिर्देश दिये। सेवा प्रमुख ने कुछ आपदाग्रस्त क्षेत्रों का भी अवलोकन किया। वे आपदाग्रस्त परिवारों से भी मिले।
यह अत्यन्त ही प्रेरणादायी है कि स्वामी प्रेम विवेकानन्द ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ द्वारा चलाये जा रहे राहत एवं पुनर्वास कायोंर् में सहयोगात्मक हाथ बढ़ाया है। साधना केन्द्र ने दस कम्प्यूटर (इन्वर्टर, प्रिन्टर्स इत्यादि सहित) तथा दस सिलाई मशीन (इलैक्ट्रीक प्रेस, र्केची इत्यादि सहित) दान दी है। इसके अतिरिक्त उन्होंने संघ कार्यकर्ताओं के सहयोग से 1800 सौर ऊर्जा लालटेन का 40 गांवों में वितरण भी किया।
साधना केन्द्र ने संघ के सहयोग से जो छात्र निर्धनता के कारण अध्ययन जारी रखने में असमर्थ हैं ऐसे 100 निर्धन छात्रों को 1000 रु़ प्रतिमाह छात्रवृत्ति देने का भी निर्णय लिया है।
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