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गत 24 अगस्त को उड़ीसा के कंधमाल जिले के फूलबनी शहर में स्वामी लक्ष्मणानंद सरस्वती की पांचवीं पुण्य तिथि के अवसर पर उनके शिष्यों और समर्थकों ने एक रैली आयोजित करके स्वधर्म रक्षा का संकल्प गुंजाया। स्वामी लक्ष्मणानंद सरस्वती ने ईसाई मिशनरियों के मतान्तरण षड्यंत्र के खिलाफ मोर्चा संभाला था और इसी से चिढ़कर माओवादियों के कथित सहयोग से चर्च के तत्वों ने उनकी हत्या करवा दी थी। उनकी हत्या के पांच साल बाद इस पुण्यतिथि के दिन विश्व हिन्दू परिषद और लक्ष्मणानंद सरस्वती श्रद्धांजलि समारोह समिति ने यह रैली निकाली और स्मृति सभा का आयोजन किया। इस सभा में किसी राजनीतिक नेता को नहीं बुलाया गया था, सिर्फ जनजातीय समाज के प्रतिनिधि और धर्मानुरागी लोग ही आमंत्रित किये गये थे।
फूलबनी शहर में पुलिस के भारी बन्दोबस्त के बीच स्थानीय डीआरडीए चौक से निकली रैली दोपहर में करीब 2 बजे कोरोनेशन मैदान पर समाप्त हुई जहां वह श्रद्धांजलि सभा में परिवर्तित हो गयी। उपस्थितजन को विहिप के वरिष्ठ कार्यकर्ताओं ने सम्बोधित किया, जिनमें प्रमुख थे जबलपुर के अखिलेश्वर नंद जी महाराज, क्षेत्रीय संगठन मंत्री धर्मनारायण शर्मा, अच्युतानंद कर, विनायक सेनापति, प्रियान्त शर्मा। वक्ताओं ने स्वामी लक्ष्मणानंद सरस्वती के हत्यारों को पांच साल बीत जाने के बाद भी न पकड़ पाने पर राज्य सरकार की तीखी भर्त्सना की। उनका कहना था कि सरकार अगर गंभीरता से प्रयास करे तो अपराधियों को बहुत जल्दी पकड़ा जा सकता है।
इस बीच वरिष्ठ भाजपा नेता श्री अशोक साहू और उनके समर्थकों ने स्वामी लक्ष्मणानन्द के हत्यारों की अविलम्ब गिरफ्तारी की मांग करते हुए जिलाधिकारी कार्यालय के सामने आमरण अनशन आरंभ कर दिया।
जन्माष्टमी के दिन 28 अगस्त को फूलबनी में ही स्वामी लक्ष्मणानंद सरस्वती स्मृति न्यास की ओर से स्मृति सभा आयोजित की गयी थी जिसमें उत्कल विश्वविद्यालय की स्नातकोत्तर परिषद् के अध्यक्ष प्रो. प्रफुल्ल कुमार मिश्र ने स्वामी जी के द्वारा जनजातीय समाज में स्वधर्म के प्रति गौरव जगाने के महत कार्य की याद करते हुए कहा कि उनकी हत्या से हिन्दू समाज, विशेष रूप से जनजातीय समाज की अपूरणीय क्षति हुई है। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि थे अनंत आश्रम, खंडगिरी के स्वामी अभिराम सरस्वती। पंचानन अग्रवाल
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