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आवरण कथा ह्यएक थाली झूठी सीह्ण में सही लिखा गया है कि गाँव में भी सन्तुलित भोजन की एक थाली 40 रुपए से कम में नहीं आती है। यही थाली किसी नगर में 60 रुपए से कम की नहीं होगी। योजना आयोग किस आधार पर यह कहता है कि गाँवों में 27 रुपए और शहर में 33 रुपए रोजाना कमाने वाला गरीब नहीं रहा? गरीबों के साथ यह भद्दा मजाक है। सोनिया-मनमोहन सरकार को यह मजाक बड़ा भारी पड़ेगा। महंगाई इतनी है कि आम आदमी दाल-रोटी के जुगाड़ में ही हांफ रहा है।
-राजेश कुमार
सुभाष पार्क एक्सटेंशन
नवीन शाहदरा, दिल्ली
० संप्रग सरकार का कहना है कि गाँवों में केवल 25.7 प्रतिशत और शहरों में 13.7 प्रतिशत लोग ही गरीबी रेखा से नीचे रह रहे हैं। इससे बड़ा सफेद झूठ और कुछ नहीं हो सकता है। हकीकत तो यह है कि गाँवों में 70 प्रतिशत और नगरों में 60 फीसदी से भी अधिक लोग दयनीय जीवन जी रहे हैं। वषोंर् से कांग्रेस नारा दे रही है गरीबी हटाओ,किन्तु उसका काम गरीबों को ही हटाओ वाला हो गया है। निहायत ही गलत आंकड़े देकर वह गरीबों की संख्या कम बता रही है।
-प्रमोद वालसंगकर
1-10-81,रोड ऩ 8-बी, द्वारकापुरम दिलसुख नगर
हैदराबाद-500060(आं.प्र.)
० गरीबी पर सरकार का उपहास कब तक? आज भी ऐसे करोड़ों परिवार हैं जिनके घर का चूल्हा तब जलता है जब उसका मालिक रोजाना कहीं से दो पैसा कमा कर लाता है। ऐसे लोग किसी दिन बीमारी,बाजार बंदी या और किसी भी कारण से कमा नहीं पाते हैं तो उनकी हालत कितनी खराब होती होगी यह कोई भुक्तभोगी ही बता सकता है। गरीबी मिटाओ के नाम पर जमकर सरकारी धन को लूटा जा रहा है। उधर बेचारा गरीब तो और गरीब होता जा रहा है।
-राममोहन चन्द्रवंशी
अभिलाषा निवास,विट्ठल नगर, टिमरनी
जिला-हरदा (म.प्र.)
० कांग्रेसी नेता रशीद मसूद ने कहा कि दिल्ली में 5 रुपए में भरपेट भोजन मिलता है। वहीं कांग्रेसी सांसद राज बब्बर ने कहा कि मुम्बई में 12 रुपए में एक आदमी खा सकता है। आश्चर्य होता है कि जो नेता दिन भर में कम से कम 75 रुपए का पानी (5 बोतल) पी जाते हैं वे ऐसी बातें करते हैं। ये नेता अपनी पार्टी की सरकार को बचाने के लिए इस हद तक नीचे गिरेंगे यह किसी को कल्पना भी नहीं थी। जनता ऐसे नेताओं को सबक जरूर सिखाएगी।
-हरेन्द्र प्रसाद साहा
नया टोला
कटिहार -854105(बिहार)
० गरीबों का खून-पसीना घोटालों और भष्टाचार द्वारा चूसने के बाद गरीबी और गरीबों के फर्जी आंकड़ों का सहारा लेना स्वाभाविक बेशर्मी कांग्रेस की हकीकत बन गई है। फारूख अब्दुल्ला फरमाते हैं कि लोग एक रुपए में भी पेट भर लेते हैं। कांग्रेस की दलाली करने वाले ऐसे नेताओं को शर्म भी नहीं आती है। सत्ता के लिए ये नेता कुछ भी कर सकते हैं।
-हरिओम जोशी
चतुर्वेदी नगर, भिण्ड (म.प्र.)
० एक,पाँच और बारह रुपए में भरपेट भोजन मिलने का दावा करने वाले नेता महँगाई की मार से वंचित हैं,क्योंकि उन्हें तो मुफ्त का खाना मिलता है। इन लोगों को यह भी नहीं पता होगा कि गरीबी क्या चीज होती है। अथाह दौलत पर बैठे इन नेताओं के बैंक खातों को जब्त करके इन्हें 33 रुपए प्रतिदिन देना चाहिए,ताकि ये इन आंकड़ों की सच्चाई से अवगत हो सकें।
-ममता विनोद मिश्र
51,केशव नगर,कादरिया
महू-453441(म.प्र.)
यही है सेकुलरवाद
दिल्ली के बटला हाउस में आतंकवादियों और पुलिस के बीच हुई मुठभेड़ को जो लोग फर्जी बता रहे थे वे लोग अब चुप हैं। आतंकवादियों की वकालत करना और मजहबी उन्मादियों को भड़काना ही इनके लिए सेकुलरवाद है। न्यायालय ने इस मुठभेड़ को सही बताकर पुलिस का मनोबल ही बढ़ाया है। अब प्रयास यह होना चाहिए कि जो लोग इस मुठभेड़ को लेकर हंगामा मचा रहे थे उन्हें सबक सिखाया जाए। ऐसे लोगों को दण्ड मिलना ही चाहिए।
-बी.एल. सचदेवा
263,आई एन ए मार्केट
नई दिल्ली-110023
० दिल्ली पुलिस के बहादुर अधिकारी मोहन चन्द शर्मा की शहादत पर अंगुली उठाने वाले बेनकाब हो गए हैं। मोहन चन्द शर्मा को उन आतंकवादियों ने मारा था जो कई बम विस्फोटों के आरोपी थे। शर्मा अपने कर्तव्य निभाते हुए शहीद हुए थे। पर जिन लोगों को हर चीज में राजनीति दिखती है उन्हें कोई कर्तव्यनिष्ठ व्यक्ति पसन्द नहीं होता है।
-वनमाली दा़ सप्रे
9, विवेकानन्द नगर
जबलपुर (म.प्र.)
० देश के लिए जो लोग अपनी जान की बाजी लगा देते हैं उन पर किन्तु, परन्तु करना बहुत ही घटिया सोच है। किसी की शहादत पर राजनीति नहीं होनी चाहिए। देशभक्त नागरिकों का यह दायित्व है कि वे अपने देश के कर्मठ अधिकारियों,कर्मचारियों तथा देश की सुरक्षा में लगे सपूतों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर देश की प्रगति में साथ दें।
-उदय कमल मिश्र
गाँधी विद्यालय के समीप
सीधी-486661 (म.प्र.)
अपने पाप छिपाने की चाल
सेकुलर नेता भारतीय जनता पार्टी को मुस्लिम विरोधी ठहराने में कोई कसर नहीं छोड़ते हैं। पाञ्चजन्य में सही लिखा गया है कि जनसंघ की तरह भाजपा को बदनाम किया जा रहा है,जबकि यह सच है कि भाजपा हो या जनसंघ इन दोनों ने कभी भी मुस्लिमों को हेय की नजर से नहीं देखा है। जब भी मौका लगा है संविधान के दायरे में मुस्लिमों के हित में काम किया है। जो लोग संविधान से बाहर जाकर मुस्लिम तुष्टीकरण में लगे हैं वही लोग अपने पापों को छिपाने के लिए भाजपा को बदनाम करते हैं।
-काजल मिश्र
गरेड़ी टोला,कटिहार(बिहार)
कांग्रेस का मीडिया प्रबंधन
कांग्रेस के सन्दर्भ में प्रकाशित लेख ह्यएक कलंदर बाकी बन्दरह्ण में अनेक कटु सत्य सामने आए हैं। कांग्रेस का मीडिया प्रबंधन बहुत तगड़ा है। सोनिया गाँधी और राहुल गाँधी की कौन सी खबर मीडिया में आए और कौन सी न आए इसका पूरा प्रबंध किया जाता है। जो मीडिया यह दावा करते हुए अघाता नहीं है कि उससे कोई खबर नहीं छूटती है राहुल गांधी और सोनिया गांधी के बारे में उसका मुँह बन्द कौन करता है? हम बड़े जोर-जोर से दुनिया में यह ढिंढोरा पीटते हैं कि हमारे देश में प्रजातंत्र प्रणाली है। पर देश की सबसे बड़ी पार्टी कांग्रेस में हावी वंशवाद और परिवारवाद पर चुप रहते हैं। क्या कांग्रेस में राहुल गाँधी के अलावा और कोई युवा नेता नहीं है जिसको राहुल गाँधी जैसा बड़ा दायित्व दिया जा सके? लेकिन ऐसा नहीं किया जाता है। पूरी कांग्रेस पार्टी राहुल के पीछे -पीछे चल रही है। क्या यह प्रजातंत्र है? इसी तरह पिछले 15 साल से कांग्रेस पार्टी का अध्यक्ष पद सोनिया गाँधी के पास गिरवी रखा हुआ है। उस पद के लिए कभी चुनाव नहीं कराया जाता है,केवल दिखावा किया जाता है। पार्टी के अन्य पदाधिकारियों का चयन भी खुद सोनिया करती हैं। कार्यकारिणी समिति की केवल मुहर लगती है। ऐसा लगता है कि कांग्रेस को लोकतंत्र में विश्वास ही नहीं है। वह केवल प्रजातंत्र का अपने हित में इस्तेमाल कर सत्ता का सुख भोगना चाहती है। पर देश का सेकुलर मीडिया खामोशी की चादर ओढ़कर तमाशा देखता रहता है। सेकुलर मीडिया कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह की बेबुनियाद बातों को भी बड़ी प्रमुखता से छापता है। जानकारों का मानना है कि ऐसा 10, जनपथ (सोनिया का घर) के इशारे पर होता है। दिग्विजय सिंह 10, जनपथ के विचारों की मात्र अभिव्यक्ति करते हैं। कांग्रेस पार्टी और 10, जनपथ के विचारों में कोई तालमेल नहीं है। इसलिए दिग्विजय सिंह के कई बयानों पर कांग्रेस को कहना पड़ा है कि यह उनका व्यक्तिगत विचार था।
कांग्रेस को ह्यहिन्दू राष्ट्रवादी' शब्द पर घोर आपत्ति है, क्योंकि कांग्रेस को यह शब्द सेकुलरवाद के लिए खतरा प्रतीत होता है। इसी कारण कांग्रेस के महासचिव ने पहली बार यह कहा है कि ह्यसर्व धर्म समभाव ही सच्चा सेकुलरवाद है,जो कि इस देश के बहुसंख्यक हिन्दुओं की रग-रग में समाया हुआ है।ह्ण जबकि इस देश के गैर-हिन्दू समाज का सर्वधर्म समभाव में विश्वास ही नहीं है। वे अपने सामने और किसी के अस्तित्व को मानते ही नहीं हैं। उदाहरण के लिए कश्मीर घाटी को ले सकते हैं। 1990 से पहले वहाँ 4-5 प्रतिशत हिन्दू थे। कश्मीर के कट्टरवादियों को उनका वहाँ रहना भी नहीं सुहाया और आतंकवाद की आड़ में उन्हें वहाँ से भागने के लिए मजबूर किया गया। अधिकांश हिन्दू भाग गए। जो वहाँ रह गए हैं वे किस प्रकार जी रहे हैं,यह किसी से छिपा नहीं रह गया है। पाकिस्तान और बंगलादेश में भी हिन्दुओं के साथ क्या हो रहा है यह भी पूरी दुनिया को पता है,फिर भी कोई कुछ नहीं बोलता है। हमारे देश का सेकुलर मीडिया तो हिन्दुओं के मामले पर इस तरह चुप रहता है मानो उसे सांप सूंघ गया हो। चूंकि कांग्रेस इस मामले में चुप रहती है शायद इसलिए सेकुलर मीडिया भी चुप रहता है।
-परमानन्द रेड्डी
डी-19,सेक्टर-1,देवेन्द्र नगर
रायपुर-492001(छत्तीसगढ़)
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