हैदराबाद में ऐतिहासिक हुंकार
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मोदी को सुनने उमड़ा जनसमूह, 1,20,000 लोगों ने कराया पंजीकरण
गत 11 अगस्त को आंध्र प्रदेश की राजधानी हैदराबाद के लालबहादुर शास्त्री स्टेडियम में भारतीय जनता पार्टी की एक ऐतिहासिक सभा हुई। ऐतिहासिक इसलिए कि जहाँ इन दिनों राजनीतिक दलों को अपनी सभाओं में भीड़ जुटाने के लिए किराए पर लोग लाने पड़ते हैं,वहीं इस सभा में आने वाले लोगों ने 5 रुपए की पर्ची कटवाई। इस सभा के ऐतिहासिक होने का दूसरा कारण यह भी है कि शायद आंध्र प्रदेश,जहाँ अभी तक भाजपा का कोई मजबूत जनाधार नहीं है,में यह भाजपा की सबसे बड़ी सभा थी। तीसरा कारण यह है कि श्री नरेन्द्र मोदी के भाजपा चुनाव प्रचार अभियान समिति के अध्यक्ष बनने के बाद यह उनकी सबसे बड़ी और पहली सभा थी। इस सभा से यह भी साफ हो गया कि इस समय भारतीय राजनीति में सबसे अधिक लोकप्रिय नेता नरेन्द्र मोदी हैं। उनको सुनने के लिए ही लोगों ने नाम मात्र का शुल्क भी अदा किया। श्री नरेन्द्र भाई मोदी ने इस सभा में जो हुंकार भरी है उसकी आवाज पूरे देश में गूंजी है। लोग इस सभा की चर्चा खूब कर रहे हैं। लोगों का मानना है कि आंध्र प्रदेश में ऐसी सफल सभा का होना भाजपा के लिए एक सुखद लक्षण है। अनुमान है कि इस सभा में एक लाख से भी अधिक लोगों ने भाग लिया।
लोगों ने 5-5 रु. की पर्ची लेकर नरेन्द्र मोदी का भाषण सुना।
1931 में गांधी जी की कराची में आयोजित एक सभा के लिए लोगों से चार-चार आने वसूले गए थे। गांधी जी आटोग्राफ (हस्ताक्षर) मांगने वाले व्यक्ति से भी चार आने लेते थे। यह पैसा वे सामाजिक कार्यों में खर्च करते थे।
हैदराबाद से दक्षिण भारत में भाजपा के चुनाव प्रचार अभियान की शुरुआत करते हुए गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने सभी गैर कांग्रेसी पार्टियों से अपील की कि वे केंद्र में कांग्रेसनीत संप्रग सरकार को हटाने और ‘वंशवादी’ शासन को खत्म करने के लिए एकसाथ आएं। गुजरात के मुख्यमंत्री ने विशेष तौर पर तेलगू देशम पार्टी (तेदेपा) से अपील की। उन्होंने कहा कि यह उसकी जिम्मेदारी है कि केंद्र में सरकार को कांग्रेस मुक्त बनाया जाए।
हैदराबाद और सिकंदराबाद तथा अन्य पड़ोसी जिलों से भारी भीड़ मोदी को सुनने के लिए सुबह से ही जमा होने लगी थी। इस सभा को ‘नवभारत युवाभेरी’ का नाम दिया गया था! केंद्र सरकार की विदेशनीति की जमकर आलोचना करते हुए मोदी ने कहा घुसपैठ करने वाले चीन को फटकारने के बजाय हमारे विदेशमंत्री वहां जाकर कहते हैं कि बीजिंग बढ़िया शहर है। मेरा यहाँ रहने का मन करता है। हमारे सैनिकों के सिर काटने वाले पाकिस्तानी मेहमानों को वे ‘प्रोटोकल’ के नाम पर बिरयानी खिलाते हैं।
श्री मोदी ने प्रधानमंत्री को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि जब हमारे दो सैनिकों के सिर काटे गए थे उस समय प्रधानमंत्री ने कहा था कि दुबारा ऐसी घटना बर्दाश्त नहीं की जाएगी। पर अब हमारे पांच सैनिकों की हत्या के बावजूद वे हमेशा की तरह चुप हैं। संप्रग सरकार की आर्थिक नीति की आलोचना करते हुए श्री मोदी ने कहा कि 1947 में जब देश स्वतंत्र हुआ था उस समय विदेशी बाजार में एक डॉलर की कीमत सिर्फ एक रुपया था। पर आज एक डॉलर की कीमत वित्त मंत्री की उम्र के बराबर हो गई है। जबकि ज्यादातर समय कांग्रेस का ही शासन रहा है।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने 30 जुलाई को पृथक तेलंगाना राज्य बनाने की घोषणा की थी। तब से तटीय आंध्र और रायलसीमा में व्यापक आंदोलन चल रहा है। कांग्रेस ने अपनी खोई जमीन वापस करने के लिए यह निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि अटल जी की सरकार के समय उत्तराखण्ड, झारखण्ड और छत्तीसगढ़ तीन नए राज्य बनाए गए थे। उस समय इस तरह के आन्दोलन नहीं हुए थे। अब क्यों हो रहा है?
भाजपा नेताओं ने बताया कि सभा के लिए कुल 1,20,000 लोगों ने पंजीकरण कराया था जबकि स्टेडियम की क्षमता 70,000 लोगों की है। पार्टी ने सभा में आने वाले प्रत्येक व्यक्ति से पांच रुपए इकट्ठा किए हैं, और यह राशि बाढ़ प्रभावित उत्तराखण्ड राज्य को दी जाएगी।
जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ में हुई सांप्रदायिक हिंसा का उल्लेख करते हुए श्री मोदी ने कहा कि वहां 1990 के दौर को दोहराने की कोशिश हो रही है। किन्तु राज्य सरकार सच्चाई को दबाने के लिए वहां किसी नेता को जाने नहीं दे रही है।
सार्वजनिक सभा के बाद श्री नरेन्द्र मोदी ने हैदराबाद में अखण्ड भारत के शिल्पी सरदार वल्लभ भाई पटेल की प्रतिमा का अनावरण किया। इस अवसर पर भााजपा के वरिष्ठ नेता वेंकैया नायडू तथा आंध्र प्रदेश भाजपा अध्यक्ष किशन रेड्डी सहित अनेक नेता उपस्थित थे। केशव मेमोरियल एजुकेशन सोसायटी के विद्यार्थियों के साथ रोचक वार्तालाप करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि यदि सरदार पटेल देश के प्रधानमंत्री होते तो, आज देश जिन संकटों से जूझ रहा है, वह स्थिति ही पैदा नहीं हुई होती। मुख्यमंत्री ने इन विद्यार्थियों के समक्ष नर्मदा बांध पर निर्माणाधीन सरदार पटेल की मूर्ति की जानकारी भी दी।
उन्होंने कहा कि सरदार वल्लभ भाई पटेल एक ऐसे व्यक्ति थे जिन्होंने अपनी विवेकशीलता और निर्णय लेने की क्षमता की वजह से हर बार देश और अपने ओहदे के प्रति अपनी प्रतिबद्घता का प्रदर्शन किया। उन्होंने भारत की लगभग सभी रियासतों को स्वतंत्र भारत में मिलाकर कर एक इतिहास रचा था। उन्होंने वह काम कर दिखाया था जिसकी कल्पना भी कोई दूसरा नहीं कर सकता था।
नागराज राव
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