अपनी बात:जन-गण के मन में 'अधिनायक' की फांस
May 9, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • अधिक ⋮
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • अधिक ⋮
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • संस्कृति
  • पत्रिका
होम Archive

अपनी बात:जन-गण के मन में 'अधिनायक' की फांस

by
Aug 12, 2013, 12:00 am IST
in Archive
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

दिंनाक: 12 Aug 2013 15:18:14

आजादी… एक शब्द, और दिमाग में कई चित्र तैर जाते हैं। खुला आसमान, टूटी हुई बेडि़यां, चहकते पक्षी…। ऊर्जा से भरी तस्वीर जोरदार है मगर क्या इसमें उजास की अतिरंजना दिखती है? इस बार विशेषांक की योजना बनाते हुए तय किया कि आम नागरिकों की कल्पना में उमड़ते आजादी के इन चित्रों की वास्तविकता तलाशी जाए। 66 बरस बाद परखा जाए अपनी इस स्वतंत्रता को।  विविध विषयों पर पैनी दृष्टि रखने वाले विश्लेषकों की नजर से देखी जाए नीति, उसकी नियति और नियंताओं की नीयत। होने को विमर्श के मुद्दे हजार हो सकते हैं, परंतु हमने इस 15 अगस्त पर पंद्रह क्षेत्रों की पहचान और पड़ताल का फैसला किया। रक्षा से शिक्षा और साहित्य से संविधान तक 66 बरस पुरानी पगडंडियों से गुजरते हुए इस यात्रा में कदम-कदम पर सवाल मिले। राष्ट्र मानस को मथते यक्ष प्रश्नों की यह पोटली राजपथ के नाम। कड़वी मगर सच बात यह कि लोकतंत्र और सच्चे जनप्रतिनिधित्व की आस बांधे लोगों को मुट्ठीभर लोगों ने ऐसी राह पर हांक दिया कि छह दशक बाद तिरंगे का शुद्ध देशी सूत तक नहीं बचा। कपास किसानों की कंगाली और विदेशी बीटी कॉटन का बीज परोक्ष रूप से सतत गुलाम बने रहने के उसी अंखुए से फूटा है जिसे  14 अगस्त, 1947  की आधी रात चुपके से रोप दिया गया था।
ट्रांसफर ऑफ पावर या सत्ता हस्तांतरण के दस्तावेज को हमारी स्वतंत्रता की पहली सीढ़ी होना था, मगर जब इसके पन्ने पलटते हैं तो पाते हैं कि वास्तव में जहां आजादी की मुनादी होनी थी वहां एक संप्रभु राष्ट्र के आत्मसम्मान और अधिकारों को विदेशियों का बंधक रख छोड़ा गया। छह दशक से टीसती हकीकत यह है कि कांग्रेस पार्टी (जिसका कि गठन ही अंग्रेजी राज को बचाने और भारतीय भावनाओं के ज्वार को तिरोहित करने के लिए हुआ था) ने ब्रिटिश राज को यह लिखित गारंटी दे दी थी कि स्वतंत्रता संग्राम की ध्वजवाहक रही आजाद हिंद फौज और इसके अधिकारियों पर चले मुकदमों की हर खबर सन् 2021 तक जनता से छिपाकर रखी जाएगी। जाहिर है, देश पर जान न्यौछावर करने वाले अनगिनत सपूत जनता की आंखों से ओझल हो गए और भीड़ में चमकते चंद चेहरे स्वतंत्रता का श्रेय ले उड़े।
यह सत्ता समझौता द्वितीय विश्व युद्ध में हारे-टूटे ब्रिटेन के लिए विदाई का उपहार था। ऐसा प्रत्यक्ष उपहार जिसके जरिए औपनिवेशिक शोषण के सपने अगले दशकों तक परोक्ष रूप से पूरे होने थे। विदेशी गए, मगर उनके हितों को पोसने वाला तिलिस्म नहीं टूटा। संविधान जब बना तब बना, सभी ब्रिटिश कानून उसी रूप में जिंदा रहेंगे, पं.नेहरू ने यह जिम्मा गोरों से सत्ता की चाबी लेते वक्त ही ओढ़ लिया था।
अंग्रेजी का रुतबा, पीढि़यों को ब्रिटिश शिक्षा से सींचने का वादा और महात्मा गांधी की मतान्तरण को गैर कानूनी घोषित करने की सीख के उलट ईसाई मिशनरियों को अपना काम करते रहने देने की बेजा शर्तें स्वतंत्रता का सूरज उगने से पहले ही मान ली गई थीं।
पंद्रह सदी की लम्बी गुलामी में देश का इतना नुकसान नहीं हुआ जितना पिछले 500 सालों में हुआ। इसमें भी पिछले 250 वर्ष में जो आर्थिक चोट लगी उस पर अंत के 50 साल भारी हैं। अब यदि पिछले एक दशक में सत्ताधीशों का भ्रष्टाचार आंकें तो सदियों की लूट और विदेशी लुटेरे इन 'अपनों' के आगे बौने नजर आते हैं। संविधान की प्रस्तावना में वर्णित, 'हम भारत के लोग' 66 बरस पहले किस राह पर बढ़े और आज कहां खड़े हैं? शासक जन-गण के साथ है या अधिनायक के पाले में। सच यह है कि देश और समाज में आज तक बंधे हाथों की कुछ वैसी ही छटपटाहट जिंदा है।
इस विशेषांक का हर आलेख खास है। सहज शब्दों में ऐसी बात कि लोगों को साफ समझ में आ सके कि आजादी मिलने के बाद भी कितने मोर्चों पर संग्राम जारी है। (हितेश शंकर)

ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

भारत में सिर्फ भारतीयों को रहने का अधिकार, रोहिंग्या मुसलमान वापस जाएं- सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला

शहबाज शरीफ

भारत से तनाव के बीच बुरी तरह फंसा पाकिस्तान, दो दिन में ही दुनिया के सामने फैलाया भीख का कटोरा

जनरल मुनीर को कथित तौर पर किसी अज्ञात स्थान पर रखा गया है

जिन्ना के देश का फौजी कमांडर ‘लापता’, उसे हिरासत में लेने की खबर ने मचाई अफरातफरी

बलूचिस्तान ने कर दिया स्वतंत्र होने का दावा, पाकिस्तान के उड़ गए तोते, अंतरिम सरकार की घोषणा जल्द

IIT खड़गपुर: छात्र की संदिग्ध हालात में मौत मामले में दर्ज होगी एफआईआर

प्रतीकात्मक तस्वीर

नैनीताल प्रशासन अतिक्रमणकारियों को फिर जारी करेगा नोटिस, दुष्कर्म मामले के चलते रोकी गई थी कार्रवाई

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

भारत में सिर्फ भारतीयों को रहने का अधिकार, रोहिंग्या मुसलमान वापस जाएं- सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला

शहबाज शरीफ

भारत से तनाव के बीच बुरी तरह फंसा पाकिस्तान, दो दिन में ही दुनिया के सामने फैलाया भीख का कटोरा

जनरल मुनीर को कथित तौर पर किसी अज्ञात स्थान पर रखा गया है

जिन्ना के देश का फौजी कमांडर ‘लापता’, उसे हिरासत में लेने की खबर ने मचाई अफरातफरी

बलूचिस्तान ने कर दिया स्वतंत्र होने का दावा, पाकिस्तान के उड़ गए तोते, अंतरिम सरकार की घोषणा जल्द

IIT खड़गपुर: छात्र की संदिग्ध हालात में मौत मामले में दर्ज होगी एफआईआर

प्रतीकात्मक तस्वीर

नैनीताल प्रशासन अतिक्रमणकारियों को फिर जारी करेगा नोटिस, दुष्कर्म मामले के चलते रोकी गई थी कार्रवाई

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) (चित्र- प्रतीकात्मक)

आज़ाद मलिक पर पाकिस्तान के लिए जासूसी करने का संदेह, ED ने जब्त किए 20 हजार पन्नों के गोपनीय दस्तावेज

संगीतकार ए. आर रहमान

सुर की चोरी की कमजोरी

आतंकी अब्दुल रऊफ अजहर

कंधार प्लेन हाईजैक का मास्टरमाइंड अब्दुल रऊफ अजहर ढेर: अमेरिका बोला ‘Thank you India’

जम्मू-कश्मीर में नियंत्रण रेखा पर पाकिस्तान द्वारा नागरिक इलाकों को निशाना बनाए जाने के बाद क्षतिग्रस्त दीवारें, टूटी खिड़कियां और ज़मीन पर पड़ा मलबा

पाकिस्तानी सेना ने बारामुला में की भारी गोलाबारी, उरी में एक महिला की मौत

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies