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विविधता में एकता भारतीय संस्कृति की पहचान है। विश्व के अनेक देशों में यह सिध्दांत प्रतिपादित किया गया कि एकता के लिए एकरूपता आवश्यक है, परंतु भारतीय मानस यह मानता है कि एक से ही सृष्टि की रचना हुई है इसलिए विविधता हो सकती है, परंतु उसके मूल में एकता ही है। समसरता और वसुधैव कुटुंबकम् विचार पर चलने वाली इस शस्य श्यामला धरती ने सबको समान रूप से पोषण दिया है, परंतु व्यवस्था ने भेद-भाव की खाई को चौड़ा किया है। समाज में बढ़ती विषमता को समाप्त करने के लिए एवं समाज का मार्गदर्शन करने के लिए इस देश में एक नहीं बल्कि अनेक नायकों की आवश्यकता है जो अपने आदर्श से इस समाज का मार्गदर्शन कर सकें। इस प्रकार के नायक समाज को समरस और सकारात्मक विकास दें तभी एक अच्छे समाज का निर्माण हो सकता है। उक्त उद्गार थे रा.स्व.संघ के सरसंघचालक श्री मोहनराव भागवत के। वे गत 21 जुलाई को पटना के श्रीकृष्ण मेमोरियल हॉल में गुरु पूर्णिमा उत्सव की पूर्व संध्या पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने आगे कहा कि अच्छे नेता, अच्छी नीतियां एवं अच्छी पार्टियां अच्छा परिणाम तभी दे सकती हैं जब समाज अच्छा हो। इसलिए समाज को अच्छा बनाने की आवश्यकता है। उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि, भारत के एक राज्य में एक पार्टी परीक्षा में नकल रोकने के लिए नकल विरोधी अध्यादेश लाई किंतु जनता ने उसे पसंद नहीं किया और अगले चुनाव में उस पार्टी की सरकार चली गयी। संघ के संस्थापक डॉ. हेडगेवार ने इस तत्व को अच्छी प्रकार समझ लिया था कि समाज तभी अच्छा बन सकता है जब उसमें गुणवत्ता रहे। उस गुणवत्ता को बनाये रखने के लिए स्थानीय स्तर पर नायक की आवश्यकता होती है जो समाज की एकता को बरकरार रख सके। नायक भी ऐसा हो जो कष्ट में भी चलने की हिम्मत रखता हो। इस प्रकार के नायक संघ की शाखाओं से तैयार हों, इस विचार के साथ संघ की स्थापना हुई। आज संघ की शाखाओं में निर्मित ऐसे नायकों के द्वारा ही समाज में परिवर्तन आ रहा है, जिसका सुपरिणाम हमारे सामने है।
गुरु दक्षिणा के महत्व पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा कि संघ ने किसी व्यक्ति को गुरु नहीं बनाया बल्कि त्याग के प्रतीक भगवा ध्वज को गुरु बनाया। उसी के सामने गुरु दक्षिणा की परंपरा चली, जिससे संघ का कार्य चलता है। संघ का स्वयंसेवक ध्वज का सम्मान करना जानता है और उसके प्रति उसकी अगाध श्रध्दा भी होती है। कार्यक्रम में पटना महानगर संघचालक डॉ. पवन अग्रवाल, विभाग संघचालक श्री धरणीधर सिंह तथा क्षेत्र संघचालक श्री सिध्दिनाथ सिंह विशेष रूप से
उपस्थित थे।
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