नागपुर में 'औषधीय वनस्पति का प्रचार-प्रसार' विषयक कार्यशाला
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औषधीय वनस्पतियों के संरक्षण और प्रचार–प्रसार पर जोर
आरोग्य भारती के तत्वावधान में गत दिनों नागपुर (महाराष्ट्र) में 'औषधीय वनस्पति का प्रचार-प्रसार' विषयक अखिल भारतीय कार्यशाला सम्पन्न हुई।
कार्यशाला का उद्घाटन आरोग्य भारती के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डा. नरेन्द्र प्रसाद ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया। इस अवसर पर आरोग्य भारती के राष्ट्रीय महासचिव डा. रमेश गौतम, उपाध्यक्ष डा. प्रवीण भावसार, श्रीमती इंद्राणी ठाकुर, राष्ट्रीय संगठन सचिव डा. अशोक कुमार वार्ष्णेय तथा कोषाध्यक्ष डा. मधुसुदन देशपांडे भी उपस्थित थे।
कार्यशाला का समापन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह श्री सुरेश राव उपाख्य भैयाजी जोशी के उद्बोधन से हुआ। उन्होंने अपने उद्बोधन में कहा कि भारतीय परंपरा में वनस्पति विषय प्रत्येक व्यक्ति और परिवार की जीवनशैली से जुड़ा हुआ है। पर्यावरण का संरक्षण हो इस उद्देश्य से अनेक धार्मिक परम्पराएं प्रचलित हैं। आरोग्य भारती ने इन वनस्पतियों के प्रचार-प्रसार और संरक्षण का काम शुरू किया है। इस अवसर पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय सेवा प्रमुख श्री सुहासराव हिरेमठ विशेष रूप से उपस्थित थे। कार्यशाला में औषधीय वनस्पति के देशभर के जानकार बड़ी में सहभागी हुए और औषधीय वनस्पति के विकास के लिए किए जाने वाले कार्यों पर चर्चा की।
डा. सतीश चंद्र मित्तल बने अ.भा. इतिहास संकलन योजना के अध्यक्ष
प्रसिद्ध इतिहासकार डा. सतीश चंद्र मित्तल को अखिल भारतीय इतिहास संकलन योजना का राष्ट्रीय अध्यक्ष चुना गया है। डा. मित्तल का चुनाव गत दिनों अयोध्या में संपन्न हुई योजना की दो दिवसीय वार्षिक साधारण सभा की बैठक में हुआ। बैठक में देशभर के विभिन्न राज्यों से आए 200 प्रतिनिधियों ने भाग लिया। बैठक का शुभारम्भ दीप प्रज्ज्वलन और संकल्प वाचन से हुआ। सत्र के मुख्य अतिथि जगद्गुरु रामानुजाचार्य स्वामी पुरुषोत्तमाचार्य थे। इस अवसर पर डा. सतीश चन्द्र मित्तल की पुस्तक 'भारत में राष्ट्रीयता का स्वरूप: प्रारम्भ से मुस्लिम-काल तक' का लोकार्पण तथा योजना की वेबसाइट www.itihassankalan.org का शुभारम्भ हुआ।
बैठक में प्रस्ताव पारित कर केन्द्र सरकार से संस्कृत, पाली एवं प्राकृत आदि प्राचीन भाषाओं के अध्ययन-अध्यापन और शोध की व्यवस्था प्रत्येक विश्वविद्यालय एवं शैक्षणिक संस्थानों में सुनिश्चित करने की मांग की गई।
समापन सत्र को रा.स्व.संघ के अ.भा. कार्यकारी मंडल के सदस्य एवं योजना के मार्गदर्शक श्री मधुभाई कुलकर्णी ने संबोधित किया। बैठक में योजना के संगठन सचिव श्री बालमुकुंद पांडे, महासचिव डा. शरद हेबालकर विशेष रूप से उपस्थित रहे।
'तरुपुत्र रोपण महायज्ञ' द्वारा 1100 वृक्षों का रोपण
गायत्री परिवार ने गोमाता के चारे हेतु 'गौतरु पर्वत' की स्थापना कर संपूर्ण क्षेत्र में गो-ग्रास की समास्या के समाधान की अनूठी मिसाल प्रस्तुत की है। मध्य प्रदेश के खंडवा जिला स्थित ग्राम छोटी बेड़िया (सनावद) में 'तरुपुत्र रोपण महायज्ञ' द्वारा मां गंगा गोशाला के पास करीब 15 एकड़ की दो पहाड़ियों पर 1000 अंजन व 101 त्रिवेणी का रोपण किया। इस स्थान का नाम शान्तिकुंज, हरिद्वार से आए गायत्री परिवार युवा प्रकोष्ठ के राष्ट्रीय संयोजक श्री केदार प्रसाद दुबे ने 'श्रीराम स्मृति उपवन-गौतरु पर्वत' रखा है।
गत 14 जुलाई को तरुपुत्र रोपण महायज्ञ में 1100 जोड़ों ने पर्यावरण, गोसंवर्धन आदि की आहुतियां देकर एक-एक पौधे को पुत्र के रूप में अपनाकर उसका रोपण किया व संरक्षण का संकल्प लिया।
कार्यक्रम की शुरुआत पर्यावरण के निमाड़ी गीत 'पर्यावरण का पर्व आया रे..' से हुई। मनोज निवारी
पर्यावरण जागरण के लिए तुलसी पूजा
वनवासी कल्याण आश्रम के तत्वावधान में गत दिनों सेलवास में तुलसी पूजा कार्यक्रम धूमधाम से मनाया गया। पर्यावरण के प्रति जागृति के उद्देश्य से आयोजित कार्यक्रम का शुभारम्भ भारतमाता के चित्र के सम्मुख दीप प्रज्ज्वलन से हुआ। इसके पश्चात सभी महिलाओं ने मिलकर तुलसी की पूजा की। कार्यक्रम के पश्चात उपस्थित महिलाओं को घर में स्थापित करने के लिए तुलसी का एक पौधा भी दिया गया।
नक्षत्र वन का निर्माण
वनवासी कल्याण आश्रम व जशपुर नगर प्रशासन के संयुक्त प्रयास से गत दिनों जशपुर के इन्द्र पूजा स्थल पर नक्षत्र वन का निर्माण किया गया। वन में 27 प्रकार के वृक्ष लगाए गए। इस अवसर पर प्रसिद्ध पर्यावरणविद् श्री शिवानंद मिश्र, जशपुर के जिलाधिकारी श्री एलएस केन, जिला वन अधिकारी श्री सीएस तिवारी एवं वनवासी कल्याण आश्रम के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्री कृपा प्रसाद सिंह विशेष रूप से उपस्थित थे।
पाठ्यक्रम को सरल बनाने के लिए 'डिजिटल कक्षाएं' शुरू
सरस्वती विद्या मंदिर, भाण्डेर में गत दिनों 'डिजिटल कक्षाओं' की शुरुआत हो गई। पाठ्यक्रम को सरल बनाने के उद्देश्य से शुरू की गई कक्षाओं के उद्घाटन कार्यक्रम की शुुरुआत सरस्वती वंदना से हुई। इसके बाद श्री राजेन्द्र सिंह सेंगर ने 'डिजिटल कक्षाओं' के बारे में जानकारी दी। कुछ कक्षाओं के पाठ्यक्रमों को इस अवसर पर पढ़ाकर भी दिखाया गया। कार्यक्रम में विद्यालयों के शिक्षकों एवं छात्रों सहित अभिभावक भी बड़ी संख्या में उपस्थित थे। उपस्थित लोगों ने विद्यालय के इस प्रयास की हृदय से सराहना की।
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