स्वामी विवेकानंद के 150वें जयंती वर्ष को मनाया स्वास्थ्य जागरण वर्ष
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स्वामी विवेकानंद की 150वीं जयंती के उपलक्ष्य में गत दिनों दिल्ली में श्री मां शारदा राष्ट्रीय सेवा समिति के तत्वावधान में राष्ट्रीय संगोष्ठी एवं प्रमाण पत्र वितरण समारोह संपन्न हुआ। संगोष्ठी को अहिंसा विश्व भारती के संस्थापक आचार्य डा. लोकेशमुनि, महामंडलेश्वर स्वामी राघवानंद आदि ने संबोधित किया। मंच पर समिति के अध्यक्ष श्री ब्रजमोहन सेठी, स्वास्थ्य निदेशक डा. रामगोपाल दीक्षित, रा.स्व.संघ के केशवकुंज (दिल्ली) स्थित केन्द्रीय कार्यालय के कार्यालय प्रमुख श्री गोपाल आर्य एवं श्रीमती संतोष गुप्ता भी आसीन थीं।
संगोष्ठी को संबोधित करते हुए डा. रामगोपाल दीक्षित ने कहा कि स्वामी विवेकानंद ने स्वस्थ व्यक्ति, स्वस्थ समाज व स्वस्थ राष्ट्र की परिकल्पना की थी। स्वामीजी की इसी परिकल्पना को साकार रूप देने के प्रयास स्वरूप समिति स्वामीजी की 150वीं जयंती को स्वास्थ्य जागरण वर्ष के रूप में मना रही है। इसके अंतर्गत 85 हजार लोगों को स्वास्थ्य के प्रति जागरूक किया गया है। 100 से अधिक युवाओं को प्रशिक्षण दिया गया है। साथ ही 50 से अधिक स्कूल व कॉलेजों में स्वास्थ जागरण के कार्यक्रम आयोजित किए गए हैं।
अपने उद्बोधन में आचार्य डा. लोकेशमुनि ने कहा कि सेवा सबसे बड़ा धर्म है। स्वस्थ तन, मन और आत्मा से ही समृद्ध समाज व राष्ट्र का निर्माण होता है।
संगोष्ठी के बाद 85 विद्यार्थियों को न्यूरोथैरेपी प्रशिक्षण के प्रमाण पत्र दिए गए। कार्यक्रम का संचालन श्री रामवीर श्रेष्ठ ने किया। इस अवसर पर समिति की स्मारिका का लोकार्पण भी किया गया।
श्रीलंका में स्वामी विवेकानंद पर डाक टिकट जारी
श्रीलंका में स्वामी विवेकानंद पर डाक टिकट जारी किया गया है। स्वामी विवेकानंद की 150वीं जयंती के उपलक्ष्य में जारी किए गए डाक टिकट का लोकार्पण पिछले दिनों श्रीलंका के राष्ट्रपति श्री महेन्दा राजपक्षे ने किया।
लोकार्पण कार्यक्रम में सरकार के अनेक मंत्री, संसद सदस्य, वरिष्ठ सरकारी अधिकारी, श्रीलंका में भारत के उच्चायुक्त श्री पी कुमारन, श्रीलंका सरकार के बुलावे पर भारत से रामकृष्ण मिशन के प्रतिनिधि के रूप में गए स्वामी आत्मघनानंद, भारत से गए इंडिया फाउण्डेशन के प्रतिनिधिमंडल के सदस्य आदि विशेष रूप से उपस्थित थे।
बजरंग दल के प्रांतीय शौर्य प्रशिक्षण शिविर संपन्न
समाज की रक्षा के गुर सीखे
विश्वहिन्दूपरिषदकीयुवाइकाईबजरंगदलकेप्रांतीयशौर्यप्रशिक्षणशिविरगतदिनोंदेशभरमेंअनेकस्थानोंपरसंपन्नहुए।कार्यकर्ताओंनेआत्मरक्षाकेगुरसीखनेकेसाथसमाजरक्षाकेगुरभीसीखे।
मेरठ प्रांत
मेरठ प्रांत का सात दिवसीय शौर्य प्रशिक्षण शिविर गत 21 जून को बागपत में संपन्न हो गया। शिविर में प्रांत के 23 जिलों से 348 कार्यकर्ताओं ने भाग लिया।
शिविर के समापन समारोह में विश्व हिन्दू परिषद के कार्यकारी अध्यक्ष डा. प्रवीण भाई तोगड़िया विशेष रूप से उपस्थित थे। अपने उद्बोधन में डा. तोगड़िया ने हिन्दू उत्पीड़न तथा मुस्लिम तुष्टीकरण पर कड़ा आक्रोश जताते हुए कहा कि हिन्दू समाज की रक्षा करने के लिए युवाओं को आगे आना ही होगा।
दिल्ली प्रांत
दिल्ली प्रांत के शौर्य प्रशिक्षण वर्ग का आयोजन सुल्तानपुरी स्थित गीता विद्या मंदिर में हुआ। वर्ग में कुल 66 कार्यकर्ताओं ने भाग लिया। वर्ग के समापन समारोह को बजरंग दल के राष्ट्रीय संयोजक श्री राजेश पांडे ने संबोधित किया।
महाकौशल प्रांत
महाकौशल प्रांत का वर्ग जबलपुर में संपन्न हुआ। इसमें सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने भाग लिया। वर्ग के समापन समारोह में कार्यकर्ताओं ने अनेक प्रकार के शारीरिक कार्यक्रमों का प्रदर्शन किया।
स्वयंसेवकों को वर्गों में मिल रहा
समाज को संगठित करने का उत्साह
जगाधरी
'संगठित व संपन्न हिन्दू समाज ही राष्ट्र की उन्नति के मार्ग को प्रशस्त कर सकता है। इसके लिए जरूरी है कि हम समाज में फैले भेदभाव को मिटाकर संगठित हों, ताकि देश के गौरव को बढ़ा सकें'। उक्त विचार राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के उत्तर क्षेत्र के क्षेत्र संघचालक डा. बजरंग लाल गुप्त ने गत दिनों जगाधरी (यमुनानगर) में संपन्न हुए हरियाणा प्रांत संघ शिक्षा वर्ग के समापन समारोह को संबोधित करते हुए व्यक्त किए।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि इस्जेक के मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री रवि जेड़का थे। इस अवसर पर प्रशिक्षणार्थी स्वयंसेवकों ने विभिन्न प्रकार के शारीरिक कार्यक्रमों का प्रदर्शन किया। घोष के प्रदर्शन ने तो उपस्थित लोगों का मन ही मोह लिया।
नागौर
'राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ गत 87 साल से संगठन के माध्यम से हिन्दू समाज में राष्ट्रीय चेतना जगाने का काम कर रहा है।' उक्त विचार रा.स्व.संघ के उत्तर-पश्चिम क्षेत्र के क्षेत्र प्रचारक श्री दुर्गादास ने व्यक्त किए। वे गत 22 जून को नागौर (राजस्थान) में संघ शिक्षा वर्ग (प्रथम वर्ष) के समापन समारोह को संबोधित कर रहे थे। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि श्री बालकिशन काकड़ा थे। विशिष्ट अतिथि थे संत हेतमराम महाराज। वर्ग कार्यवाह श्री रामचन्द्र ने वर्ग का प्रतिवेदन पढ़ा। जोधपुर
राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ के उत्तर-पश्चिम क्षेत्र का संघ शिक्षा वर्ग (द्वितीय वर्ष) जोधपुर में संपन्न हो गया। समापन कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में क्षेत्र कार्यवाह श्री हनुमान सिंह थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता समाजसेवी श्री भगवान सिंह परिहार ने की। वर्ग में 190 स्थानों से आए 239 स्वयंसेवकों ने द्वितीय वर्ष का प्रशिक्षण प्राप्त किया।
अमृतसर
मानांवाला (अमृतसर) में गत दिनों रा.स्व.संघ के उत्तर क्षेत्र का संघ शिक्षा वर्ग प्रथम वर्ष (विशेष) सम्पन्न हुआ। समापन समारोह को रा.स्व.संघ के अ.भा. कार्यकारी मंडल के सदस्य श्री अशोक बेरी ने संबोधित किया। वर्ग में दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, हिमाचल और जम्मू-कश्मीर के 167 शिक्षार्थियों ने हिस्सा लिया।
डा. सूर्यकांत पटजोशी सम्मानित
प्राकृतिक आपदा के समय प्रभावित लोगों की सेवा के लिए तत्पर रहने वाले डा. सूर्यकांत पटजोशी को गत दिनों भुवनेश्वर (उड़ीसा) में एक कार्यक्रम के दौरान सम्मानित किया गया।
उत्कल विपन्न सहायता समिति की ओर से आयोजित सम्मान समारोह में डा. जोशी को 'उत्कलमणी सेवा सम्मान-2013' से सम्मानित किया गया। सम्मान स्वरूप उन्हें प्रशस्ति पत्र, स्मृति चिह्न, शॉल आदि दिए गए। कार्यक्रम की अध्यक्षता उत्कल विपन्न सहायता समिति के अध्यक्ष श्री प्रकाश बेताला ने की।
महिलाओं ने किया 'स्त्री' विमर्श
नवासी कल्याण आश्रम, असम के तत्वावधान में गत दिनों असम में चार स्थानों पर 'स्त्री भारतीय विचार एवं वर्तमान स्थिति' विषयक संगोष्ठियां सम्पन्न हुईं। स्वामी विवेकानंद की 150वीं जयंती के उपलक्ष्य में आयोजित संगोष्ठियों में सैकड़ों बहनों ने भाग लिया तथा देश-समाज आदि विषयों पर चर्चा की।
डिब्रूगढ़ में हुई गोष्ठी की अध्यक्षता मनोहारी कालेज की प्राध्यापिका श्रीमती अनिमा हजारिका ने की, जबकि मुख्य अतिथि थीं डिब्रूगढ़ विश्वविद्यालय की प्राध्यापिका श्रीमती अर्चना महंत।
दिफू के कार्यक्रम की शुरुआत भक्तितम सेवा ट्रस्ट की मां अंबिका तोगबिपी ने दीप प्रज्ज्वलित कर की। समारोह की मुख्य अतिथि श्रीमती बीणा तेरोनपी थीं। कोकराझार में कार्यक्रम की अध्यक्षता श्रीमती मंजूमाला ब्रह्म ने की। चौथी संगोष्ठी तेजपुर में संपन्न हुई। यहां मुख्य अतिथि तेजपुर कालेज की प्राध्यापिका श्रीमती सारू सहरिया थीं, जबकि विशिष्ट अतिथि थीं दरंग कॉलेज की सेवा निवृत सह प्राध्यापिका सुश्री साघीनता महंत।
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