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निराश होने की जरूरत नहीं, विकल्प अनेक हैं

by
Jun 29, 2013, 12:00 am IST
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दिंनाक: 29 Jun 2013 13:04:13

शिक्षा विशेष

बारहवीं के बाद स्नातक में दाखिला पाने वाले छात्रों के सामने कई तरह की समस्याएं आती हैं। कई बार अंकों के गणित में वे पीछे रह जाते हैं तो कई बार मनपसंद विषय नहीं मिल पाता। नियमित पढ़ाई में दाखिला न मिल पाना भी उन्हें निराश करता है। इन सब उधेड़बुन का नतीजा यह होता है कि छात्रों में अपने भविष्य को लेकर असमंजस की स्थिति आ जाती है। उन्हें लगने लगता है कि मानो सारे विकल्प ही खत्म हो गए। इसके अलावा कुछ छात्र ऐसे भी हैं जिनकी पढ़ाई किन्हीं कारणवश बीच में छूट जाती है या ऐसे पेशेवर लोग जिन्हें अपनी नौकरी से जुड़ी जानकारियों में वृद्धि और 'बायोडाटा' को मजबूत बनाने के लिए एक अतिरिक्त उपाधि की आवश्यकता होती है, उनके लिए दूरस्थ शिक्षा एक अहम कड़ी का काम करती है। यह एक ऐसी विधा है जिसमें न स्कूल/कॉलेज जाने का कोई झंझट होता है और न ही नौकरी प्रभावित होने का कोई खतरा। इसकी शाखाएं भी पूरे देश में होती हैं। यदि छात्र अथवा नौकरी करने वाले थोड़ा-सा जागरूक रहें तो उन्हें विषय से संबंधित नवीन जानकारी मिल जाएगी। इनको करने के बाद छात्र के हाथ में न सिर्फ उपाधि आती है, बल्कि ये रोजगार के लिहाज से भी खास हैं। 

बदल रही है लोगों की सोच

एक समय ऐसा था जब दूरस्थ शिक्षा के नाम पर लोगों का मानना था कि नामांकन हो जाने के पश्चात् उनके घर पर किताबें आ जाती हैं और उन्हीं किताबों पर ज्ञान का संचार और परीक्षा में उत्तीर्ण होने की जिम्मेदारी होती है। लेकिन अब यह परिदृश्य पूरी तरह से बदल चुका है। दूरस्थ शिक्षा भी अब नया कलेवर अख्तियार कर चुकी है। दूरस्थ शिक्षा की पढ़ाई भी अब सीडी, इंटरनेट अथवा वीडियो कांफ्रेसिंग के जरिए होने लगी है। घंटों फोन अथवा वीडियो कांफ्रेसिंग के जरिए विशेषज्ञ या छात्रों के समूह से चर्चा की जा रही है। साथ ही छात्रों को अपनी जिज्ञासा को शांत करने के लिए बेहतर रास्ता भी मिल रहा है। किताबों व इंटरनेट के अलावा छात्रों को विषय से संबंधित सीडी उपलब्ध करा दी जा रही है जिसे छात्र अपनी सुविधानुसार प्रयोग में ला सकता है।

हर तरह के विषय मौजूद

इसके अंतर्गत बीए, बीएससी व बीकॉम के अलावा कई व्यावसायिक एवं अन्य विषयों की पढ़ाई होती है, जो छात्रों को नई राह दिखा सकती है। ये पाठ्यक्रम प्रमुख विश्वविद्यालयों अथवा किसी संस्थानों द्वारा मान्यताप्राप्त होते हैं तथा इनकी उपाधि को लेकर कोई संशय नहीं होता। दूरस्थ शिक्षण संस्थानों के माध्यम से आप कई विषयों में स्नातक, स्नातकोत्तर, पीजी डिप्लोमा, डिप्लोमा अथवा सर्टिफिकेट कोर्स अपनी क्षमतानुसार कर सकते हैं। आजकल फोन या वीडियो कांफ्रेसिंग के जरिए पढ़ाई का समय तय करवा सकते हैं। समय के साथ इसमें लगातार परिवर्तन हो रहे हैं।

कैसे मिलेगा दाखिला

इनके प्रमुख पाठ्यक्रामें में दाखिला काफी आसान है। इसमें चयन किए गए विषय में छात्रों अथवा नौकरी करने वाले लोगों को पहले निर्धारित तिथि के भीतर नामांकन कराना होता है। इसके बाद शुल्क आदि जमा करने के बाद संबंधित संस्थान द्वारा किताबें व सीडी घर भेज दी जाती हैं। इसके अलावा छात्र चाहें तो संस्थान से विषय-वस्तु से संबंधित सामग्री या वेबसाइट से प्राप्त कर सकते हैं। अब तो ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन भी हो रहा है। जो छात्र वीडियो कांफ्रेसिंग के जरिए पढ़ाई करना चाहते हैं उन्हें तभी यह सुविधा मिल सकती है जब संस्थान में इस तरह की कोई व्यवस्था हो।

कुछ सावधानियां भी जरूरी

इस विधा में विषयों के चयन के साथ संस्थान को परखना महत्वपूर्ण होता है। ऐसे में छात्र संस्थान की सम्बद्धता, शुल्क, शिक्षक, सुविधाएं, घर से दूरी, रहने आदि की व्यवस्था, 'प्लेसमेंट' सुविधा से लेकर विषय की बाजार में मांग से जुड़ी जानकारी पहले ही प्राप्त कर लें। किसी संस्थान के विज्ञापनों तथा वेबसाइट पर दर्ज जानकारी को अपनी अंतिम जानकारी न मानें। व्यक्तिगत रूप से जाकर या किसी माध्यम से जानकारी हासिल करने की कोशिश करें। सब कुछ तय हो जाने के बाद 'करियर काउंसिलर' अथवा किसी विशेषज्ञ से एक बार सलाह-मशविरा जरूर करें।

दूरस्थ शिक्षा से जुड़े प्रमुख विश्वविद्यालय एवं संस्थान

– इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विवि (इग्नू) नई दिल्ली, वेबसाइट- www.ignou.ac.in

(यहां पर स्नातक के साथ-साथ कई रोजगार-परक एवं व्यावसायिक पाठ्यक्रम भी कराए जाते हैं)

-दिल्ली विश्वविद्यालय (स्कूल ऑफ ओपन लर्निंग), नई दिल्ली

वेबसाइट- www.sol.du.ac.in

(स्नातक स्तर जैसे बीए व बीकॉम सहित अन्य 'सर्टिफिकेट कोर्स' में प्रवेश ले सकते है)

-इलाहाबाद एग्रीकल्चर इंस्टीटयूट, डीम्ड यूनिवर्सिटी, इलाहाबाद

वेबसाइट- www.aaidudec.ac.in

(यहां पर स्नातक के साथ-साथ कई रोजगार-परक एवं व्यावसायिक पाठ्यक्रम भी कराए जाते हैं)

-उ.प्र. राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय, उप्र

वेबसाइट- www.uprtouallahabad.org.in

(यहां पर सर्टिफिकेट, डिप्लोमा, व्यावसायिक एवं स्नातक से नीचे आदि की पढ़ाई कराई जाती है)

-गुरु जम्भेश्वर विश्वविद्यालय, हिसार, वेबसाइट- www.gjust.ac.in

(यहां पर स्नातक, परास्नातक तथा 'पीजी डिप्लोमा कोर्स' कराए जाते हैं)

-सिक्किम मणिपाल यूनिवर्सिटी (दूरस्थ शिक्षा), नई दिल्ली

वेबसाइट- www.smude.edu.in

(यहां पर स्नातक, परास्नातक, पीजी डिप्लोमा एवं डिप्लोमा कोर्स मौजूद हैं)

रोजगार के लिहाज से भी हैं खास

दूरस्थ शिक्षा के माध्यम से आजकल परंपरागत पाठ्यक्रमों के अलावा कई ऐसे रोजगार-परक, व्यावसायिक एवं इनके इतर पाठ्यक्रम भी हैं जो छात्रों के सपने में रंग भर सकते हैं। ये सभी पाठ्यक्रम बाजार की मांग के अनुसार तैयार किए गए हैं जो रोजगार दिलाने में सहायक तो हैं ही, साथ ही छात्रों को समकक्ष उपाधि भी उपलब्ध करवाते हैं। इस क्रम में अकेले 'फायर इंजीनियरिंग' व 'फायर फाइटिंग' से जुड़े आधा दर्जन पाठ्यक्रम मौजूद हैं। इनका सबसे बड़ा फायदा यह है कि औसत अंक वाले छात्र भी इसे कर सकते हैं। जब भी छात्रों का झुकाव ऐसे पाठ्यक्रम की तरफ हो तो वे एक बार खुद को अवश्य ही परख लें कि क्या वे वाकई इस पाठ्यक्रम के प्रति गंभीर व योग्य हैं। चाहे कोई भी रोजगार-परक पढ़ाई हो वह छात्रों से समर्पण व परिश्रम मांगता है। बिना इसके सफलता पाना मुश्किल होता है।

(आरके गुप्ता (करियर काउंसिलर) से बातचीत पर आधारित)

दिल्ली विश्वविद्यालय में प्रवेश से जुड़े कुछ सवाल–जवाब

यदि किन्ही कारणों से नियमित पाठ्यक्रम में दाखिला नहीं मिल पाता है तो मेरे सामने किस तरह के विकल्प हो सकते हैं?

–अवंतिका शर्मा, रोहिणी, दिल्ली

मनपसंद कॉलेज अथवा नियमित पाठ्यक्रम में दाखिला न मिल पाने के कारण आपको निराश होने अथवा साल बर्बाद करने की जरूरत नहीं है। आप दिल्ली विश्वविद्यालय, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय सहित कई अन्य संस्थानों से दूरस्थ शिक्षा के माध्यम से अपनी मनपसंद पढ़ाई कर सकती हैं। इनके केन्द्र हर शहर में मौजूद हैं। इन्हें भी नियमित पढ़ाई के बराबर मान्यता दी जाती है।

मैं दिल्ली विश्वविद्यालय में 'बीकॉम ऑनर्स' में दाखिला लेना चाहता हूं। आगे चलकर इस क्षेत्र में किस तरह के अवसर सामने आ सकते हैं?

–महेश राजदान, नालंदा, बिहार

'बीकॉम आनर्स' के बाद छात्रों के सामने कई तरह के अवसर सामने आते हैं। सांख्यिकी से जुड़े छात्र कृषि, शिक्षा, प्रबंधन व कानून सहित कई क्षेत्रों में खुद को स्थापित कर सकते हैं। इसके अलावा 'सैंपलिंग', 'डाटा प्रोसेसिंग', 'डाटा कलेक्शन' में भी मौका मिलता है। जनसंख्या अध्ययन और सर्वेक्षण आदि में भी सांख्यिकी विशेषज्ञों की बराबर मांग बनी रहती है।

बारहवीं भौतिकी, रसायन शास्त्र और गणित से किया है। मेरा पसंदीदा विषय भौतिकी रहा है। आगे चलकर मुझे क्या करना चाहिए?

–अनुराग जोशी, गढ़वाल, उत्तराखण्ड

बारहवीं के बाद यदि आप बीएससी (भौतिकी) ऑनर्स की पढ़ाई करते हैं तो आपके सामने कई अवसर आएंगे। स्नातक के बाद परास्नातक और फिर पीएचडी के बाद आप देश के बड़े वैज्ञानिक संगठनों से जुड़कर बतौर वैज्ञानिक काम कर सकते हैं। भारत सरकार के कई अन्य मंत्रालयों में भी अवसर मिलेगा।

दिल्ली विश्वविद्यालय में बीकॉम (ऑनर्स) में प्रवेश की इच्छुक हूं। बैंक से जुड़े रोजगार के बारे में जानकारी दें?

– प्रियंका सिंह, इलाहाबाद

जिस तेजी से निजी अथवा सरकारी बैंकों की संख्या बढ़ रही है उसे देखते हुए कहना गलत न होगा कि इसमें कभी भी रोजगार की कमी नहीं आएगी। इसमें निकलने वाली रिक्तियां बैंक पीओ अथवा क्लर्क के रूप में सामने आती हैं जो कि साल भर में कई बार सामने आती हैं।           n |ɺiÉÖÊiÉ – नमिता सिंह

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