श्रद्धाञ्जलि
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तरुण विजय को मातृ शोक
पाञ्चजन्य के पूर्व सम्पादक और राज्य सभा सदस्य श्री तरुण विजय की माता जी श्रीमती राजरानी का निधन 2 नवम्बर को देहरादून में हो गया। 99 वर्षीया श्रीमती राजरानी पिछले कुछ दिनों से कैंसर से पीडि़त थीं। वे अपने पीछे तीन पुत्रों और एक पुत्री का भरा-पूरा परिवार छोड़ गई हैं। राजरानी जी देहरादून में ही रहती थीं। वह एक अनुशासन-प्रिय और धार्मिक महिला थीं। उनकी स्मरण शक्ति बड़ी तीव्र थी। वषोंर् पूर्व मिले किसी भी व्यक्ति का नाम वह याद रखती थीं। उम्र की परवाह किये बिना वह तीर्थाटन करती थीं। सामाजिक और राजनीतिक विषयों में भी उनकी बड़ी रुचि रहती थी। जब तक उनकी आंखों ने साथ दिया तब तक वह नियमित रूप से पत्र-पत्रिकाएं पढ़ती रहीं। जब उनकी आंखें कमजोर हो गईं तो वह किसी को अखबार पढ़कर समाचार सुनाने को कहती थीं। उनको भारतीय राजनीति की भी अच्छी जानकारी थी। जब कभी राजनीति में उथल-पुथल होती थी तो वह उस पर अपनी राय भी रखती थीं।
स्व. राजरानी के प्रति देश के अनेक विशिष्टजन ने अपनी शोक-संवेदना प्रकट कीं। राष्ट्रपति श्री प्रणव मुखर्जी ने दु:ख व्यक्त करते हुए कहा है कि वे समाज सेवा का एक आदर्श उदाहरण थीं जिनके जीवन का हर क्षण वनवासी बच्चों के शिक्षण और विकास को समर्पित रहा। प्रधानमंत्री डा़ मनमोहन सिंह ने भी अपनी हार्दिक संवेदना व्यक्त करते हुए संदेश भेजा है। रा़ स्व़ संघ के सरसंघचालक श्री मोहनराव भागवत ने अपने संदेश में माताजी को भावभीनी श्रद्घाञ्जलि अर्पित की है। सरकार्यवाह श्री भैयाजी जोशी ने अपने शोक संदेश में कहा कि माता जी की आत्मीयता और श्रेष्ठ कार्य वे कभी भूल नहीं सकते। सह सरकार्यवाह श्री दत्तात्रेय होसबले ने भी भावभीनी श्रद्घाञ्जलि दी है। विदेश मंत्री श्री सलमान खुर्शीद ने संदेश में माता जी की सेवा प्रवृत्ति की प्रशंसा करते हुए कहा कि मां घर की छांव की तरह होती है जिसके निधन से उपजा रिक्त स्थान भरा नहीं जा सकता। भाजपा के वरिष्ठ नेता श्री लालकृष्ण आडवाणी, लोकसभा तथा राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष क्रमश: श्रीमती सुषमा स्वराज और श्री अरुण जेतली, सूचना व प्रसारण मंत्री था श्री मनीष तिवारी, उत्तराखड के राज्यपाल श्री अजीज कुरैशी तथा मुख्यमंत्री श्री विजय बहुगुणा, पूर्व मुख्यमंत्री श्री बी़ सी़ खंडूरी, श्री भगत सिंह कोश्यारी, श्री रमेश पोखरियाल ह्यनिशकह्ण, श्री अजय भट्ट सहित अनेक नेताओं ने श्रद्घाञ्जलि अर्पित की। पाञ्चजन्य परिवार की ओर से भी स्व. श्रीमती राजरानी को भावभीनी श्रद्धाञ्जलि अर्पित है।
पं.विश्वामित्र दिवंगत
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ कार्यकर्ता और दिल्ली सेवा भारती के संस्थापक सदस्य रहे पंडित विश्वमित्र पुष्करणा जी का गत 23 अक्तूबर को निधन हो गया। वह 97 वर्ष के थे। उनका जन्म लाहौर में 20 अप्रैल, 1916 को हुआ था। वे किशोरावस्था में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के संपर्क में आए। उहोंने लाहौर के संघ कार्यवाह के रूप में कार्य किया। वह देश के स्वतंत्रता संग्राम में भी सक्रिय रहे और लाला लाजपत राय द्वारा किए गए सत्याग्रह में भाग लिया था। विभाजन के बाद वह पूर्ण रूप से संघ स्वयंसेवक के नाते सेवा कार्य में रहे। उन्होंने जालंधर एवं दिल्ली में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के विस्तार के लिए कार्य किया। श्री पुष्करणा के निधन के बाद गत 2 नंवबर को दिल्ली स्थित पंजाबी बाग में हुईं श्रद्धाञ्जलि सभा में संघ के वरिष्ठ प्रचारक श्री प्र्रेमचंद गोयल, उत्तर क्षेत्र संघचालक डा. बजरंग लाल गुप्त व सेवा भारती के संरक्षक जयनारायण खंडेलवाल उपस्थित थे।
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