हिंदुत्व के जागरण से होगा समस्याओं का समाधान
|
हिन्दू समाज का प्राचीन इतिहास है। अलग-अलग वेश-भूषा में रहते हुए भी हजारों वर्षों की जीवन शैली से इस देश की संस्कृति का प्रस्फुटन हुआ। इसे ही हिंदुत्व संस्कृति कहते हैं। कालांतर में हमने इस जीवन शैली की उपेक्षा की और इसी का परिणाम है कि देश चारों ओर से समस्याओं से घिरा है। हम अपनी मूल धारा से कट गए हैं। इन सभी समस्याओं का समाधान हिंदुत्व के जागरण से ही संभव है। ये विचार राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ सरसंघचालक डा़ मोहनराव भागवत ने गत दिनों बेगूसराय में संघ समागम को संबोधित करते हुए व्यक्त किए।
वर्तमान परिस्थिति पर चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि समय बदल रहा है। स्वामी विवेकानंद ने भी कहा था कि परिवर्तन प्रारंभ हो गया है। दुनिया आज टकटकी लगाए हमें देख रही है। समय की आवश्यकता है कि हम बड़ी भूमिका के लिए अपने को तैयार करें। श्री भागवत ने कहा कि लोकतंत्र में मताधिकार सबसे महत्वपूर्ण होता है। अधिकाधिक लोगों द्वारा मताधिकार का प्रयोग करने पर लोकतंत्र ठीक चल सकता है। केवल नेता, नारा एवं पार्टी बदलने से काम नहीं चलेगा बल्कि कारगर कदम उठाकर समाज को बदलना होगा। भारत के पड़ोसी देश पाकिस्तान, चीन और बांग्लादेश देश की सुरक्षा के लिए एक चुनौती है। एक तरफ तो वे दोस्ती की बात करते हैं, लेकिन मौका मिलते ही पीठ में खंजर भोंकने का काम करते हैं।
हमें इन सब परिस्थितियों पर नजर रखनी होगी। संगठित होकर हम भारत मां को परम वैभव के सर्वोच्च शिखर तक ले जाने के लिए कृत संकल्प हों। तभी यह व्यापक परिवर्तन संभव हो पाएगा। संघ समागम कार्यक्रम में क्षेत्र संघ चालक सिद्घिनाथ सिंह, प्रांत संघचालक विजय कुमार जायसवाल, विभाग संघचालक महेश्वर प्रसाद सिंह, जिला संघचालक कुमार सुशील, और भाजपा नेता श्री रामलखन सिंह भी उपस्थित थे। इस अवसर पर श्री भागवत ने स्थानीय जीडी कॉलेज की सेवानिवृत प्राध्यापिका प्रो़ स्वर्णलता सिंह को सम्मानित भी किया। प्रो़ स्वर्णलता सिंह के सुपुत्र श्री निखिल कुमार बेगूसराय के बलिया प्रखंड स्थित बरियारपुर गांव के रहने वाले हैं तथा वर्तमान में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् के बिहार प्रदेश के संगठन मंत्री हैं। परमपूज्य सरसंघचालक जी ने आदर्श मातृत्व के लिए प्रो़ सिंह को सम्मानित किया वि.सं. के.,पटना
ह्यविश्व व्यापार संगठन में देशहित पर समझौता न होह्ण
ेस्वदेशी जागरण मंच के तत्वावधान में 27 नवम्बर को नई दिल्ली में जंतर-मंतर पर विश्व व्यापार
संगठन में सरकार के घुटनी टेक रवैये के खिलाफ प्रदर्शन किया। इस मौके पर विश्व व्यापार संगठन के पुतले का दहन भी किया गया। मंच के सदस्यों ने भारत सरकार को आगाह किया है कि विश्व व्यापार संगठन में देश के हितों के साथ समझौता नहीं किया जाए। साथ ही मांग की है कि जब तक विकसित देश कृषि सब्सिडी समाप्त नहीं करते तब तक किसी भी प्रकार के नये मुद्दे पर बातचीत न की जाए।
स्वेदशी जागरण मंच की ओर से क्षोभ व्यक्त करते हुए कहा गया कि विश्व व्यापार संगठन के आगामी बाली सम्मेलन में भी विकसित देशों का विकास विरोधी, अनुचित और गैर बराबरी का एजेंडा बढ़ाया जा रहा है, जबकि दोहा वार्ता के दौरान विकासशील देशों को विशेष और अलग प्रकार का दर्जा देने की बात को नजरअंदाज किया जा रहा है। विकसित देश लगातार विकासशील देशों पर दबाव बना रहे हैं कि वे अपने देश में जनस्वास्थ्य की रक्षा के लिए भी पेटेंट कानून में उपलब्ध अनिवार्य लाइसेंस के प्रावधानों को भी लागू न करें। इससे भी ज्यादा चिंताजनक बात यह है कि विकासशील देशों के समूह जी-33 द्वारा दिए गए प्रस्ताव में सार्वजनिक खाद्यान्न भण्डार पर दी जा रही सब्सिडी को व्यापार में खलल डालने वाली सब्सिडी न माना जाए और उसे बिना किसी सीमा के जारी रखने का प्रावधान हो। इससे साफ है कि विकसित देश तमाम प्रावधानों को अस्वीकार करते हुए शांति धारा का अस्थाई प्रावधान देने की बात कर रहे हैं। इस अवसर पर कहा गया कि अब समय आ गया है कि भारत सरकार विकासशील देशों के साथ मिलकर दोहा विकास दौर की वार्ताओं पर आगे बढ़े। साथ ही सरकार विकसित देशों द्वारा कृषि को दी जाने वाली सब्सिडी को चुनौती देते हुए उनके प्रस्तावों का प्रतिकार करें।
इस अवसर पर स्वदेशी जागरण मंच के अखिल भारतीय सहसंयोजक सरोज मित्र, अखिल भारतीय प्रवक्ता डा. अश्विनी महाजन, स्वदेशी पत्रिका के संपादक अजय भारती, भारतीय मजदूर संघ के क्षेत्रीय संगठन मंत्री पवन कुमार, दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष श्री बी. एस़ भाटी और महामंत्री नागेन्द्र पाल सिंह, स्वदेशी जागरण मंच के दिल्ली प्रांत के संयोजक गोविन्दराम अग्रवाल, सह-संयोजक सुशील पांचाल, पश्चिमी विभाग के संयोजक सी़ ए़ कमल तिवारी सहित सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने धरना-प्रदर्शन कार्यक्रम में भाग लिया। प्रतिनिधि
टिप्पणियाँ