संवेदनहीन सरकार के कारण सीमा पर बढ़ता खतरा-प. बंगाल/ बासुदेब पाल
May 11, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • संस्कृति
  • पत्रिका
होम Archive

संवेदनहीन सरकार के कारण सीमा पर बढ़ता खतरा-प. बंगाल/ बासुदेब पाल

by
Jan 28, 2013, 12:00 am IST
in Archive
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

दिंनाक: 28 Jan 2013 12:59:33

 

भारत के सारे राज्यों की दृष्टि से प. बंगाल, विशेषकर उसका उत्तर बंगाल क्षेत्र ही एकमात्र ऐसा क्षेत्र है जहां चार देशों की अन्तरराष्ट्रीय सीमा स्पर्श करती हैं। इसमें भूटान, बंगलादेश, नेपाल और तिब्बत (इस समय जो चीन के कब्जे में है) की सीमा शामिल है। उत्तर बंगाल में 42 सीमा चौकियों का सर्वेक्षण और अध्ययन करने के बाद यह तथ्य उभरकर सामने आया कि सीमान्त क्षेत्र में रहने वालों की समस्याएं कुछ अपवादों को छोड़कर कमोवेश एक जैसी है।

सामान्य जनजीवन की समस्या

अधिकतर सीमान्त गांवों में पीने के शुद्ध पानी का अभाव है। कुछ जगहों पर तो एक ही 'ट्यूबबेल' से हजारों लोगों को पीने का पानी लेना पड़ता है। सीमावर्ती गांवों में माध्यमिक स्तर तक के विद्यालयों का अभाव है। कुछ जगहों पर तो आठवीं कक्षा तक पढ़ने की ही व्यवस्था है। इससे अधिक पढ़ने के लिए उन्हें बहुत दूर जाना पड़ता है। कालेज तो 25/30 कि.मी. दूरी पर है। सरकारी प्राथमिक शालाओं में पढ़ाई के स्तर के बारे में अधिक कहने की जरूरत नहीं है।

तारबंदी की सुविधा और असुविधा

गैरनागरिक क्षेत्र (नो मैन्स लैण्ड) से 150 मीटर भारतीय सीमा छोड़कर ही तारबंदी की गयी है। इससे अनेक भारतीय नागरिकों की जमीन, खेती बाड़ी तारबंदी के उस पार रह गयी, जिससे उनकी फसल बंगलादेश सुरक्षा बलों की दया पर निर्भर रहती है। बीच-बीच में बहुत से ऐसे क्षेत्र हैं जहां पर अब तक तारबंदी हुई ही नहीं है। इसके कई कारण हैं पर प्रमुख कारण है सीमा का निर्धारित न होना और सरकारी एजेंसियों की लापरवाही। इन तारबंदी विहीन खुले क्षेत्रों से हर तरह की तस्करी गो-तस्करी, जाली नोटों को भारत में लाया जाना, पाकिस्तानी जिहादियों की बंगलादेश होकर भारत में आसानी से घुसपैठ हो रही है।

चिकित्सा एवं स्वास्थ्य

इस पूरे क्षेत्र में चिकित्सा सुविधा केवल नाममात्र की ही है। सिक्किम एवं दार्जिलिंग के भारत-नेपाल एवं भारत-तिब्बत सीमा पर जो सुरक्षा बलों के जवान सीमा रक्षा का काम करते हैं, उन्हें तो अस्वस्थ होने पर सड़क मार्ग तक आने के लिए ही 3 से 4 घंटों का समय लगता है। उसके बाद चिकित्सा के लिए मोटर मार्ग से कहीं भेजा जा सकता है। 'गधे और खच्चर' ही वहां तक सामान पहुंचाते हैं, क्योंकि पक्की सड़क अब तक बनायी ही नहीं गयी। यद्यपि सीमा के उस पार सभी देशों की सीमा पर आवागमन हेतु सड़क है।

सीमा क्षेत्र में रोजगार

दिनोंदिन रोजगार की उपलब्धता भी कम हो रही है। केवल खेती और पशुपालन ही जीवनयापन का आधार है। इसके दो दुष्परिणाम सामने आ रहे हैं। अधिकतर युवक और पुरुष दूसरे प्रान्तों में काम की तलाश में चले जाते हैं। घरों में महिलाएं और बुजुर्ग ही रहते हैं। गांवों में युवतियों के अकेले होने का कुछ जिहादी तत्व भी लाभ उठा रहे हैं। ऐसे अनेक प्रसंग सामने आए हैं जब इन क्षेत्रों में कश्मीरी शाल या चीन निर्मित सस्ता सामान बेचने आने वाले विधर्मियों ने स्थानीय युवतियों को अपने प्रेमजाल में फंसा लिया और भगा ले गए। बाद में उस हिन्दू युवतियों का पता भी नहीं मिला। कुछ जगहों पर तो हिदुओं की जमीन बाजार मूल्य से कई गुना अधिक दाम देकर मुसलमानों ने खरीदी है। इसे लेकर भी स्थानीय जन और सुरक्षा बल संशकित हैं। देशविरोधी तत्वों का मुकाबला करने में सीमा सुरक्षा बल एवं भारत-भक्त ग्रामीण जनता लाचार है, क्योंकि उनके पास अत्याधुनिक हथियार होते हैं। सीमा सुरक्षा बल के पास हथियार रहते हुए भी उनके लिए कुछ कर पाना मुश्किल होता है क्योंकि उन्हें गोली चलाने के लिए आदेश लेना होता है और राजनीतिक दबाव ने उनकी इस क्षमता को नाकाम कर दिया है। मुर्शिदाबाद, मालदा, दिनाजपुर (उत्तर एवं दक्षिण), जलपाईगुड़ी, कूचविहार और दार्जिलिंग जिले में भी बंगलादेश से घुसपैठ एक सामान्य बात है। पिछले दिनों जहां सरहद की यह वास्तविक स्थिति देखने को मिली वहीं यह भी देखने में आया कि न केवल सीमान्त में रहने वाले लोग, बल्कि उनकी रक्षा में जुटे सीमा सुरक्षा बल के जवान भी चाहते हैं कि इस सच्चाई से केन्द्र की सरकार का भी साक्षात्कार हो, जिसकी संवेदनहीनता और लापरवाही के चलते देश की सीमा और उसके पास रहने वाले लोग असुरक्षित हैं।द

ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

पाकिस्तानी हमले में मलबा बनी इमारत

दुस्साहस को किया चित

पंजाब में पकड़े गए पाकिस्तानी जासूस : गजाला और यमीन मोहम्मद ने दुश्मनों को दी सेना की खुफिया जानकारी

India Pakistan Ceasefire News Live: ऑपरेशन सिंदूर का उद्देश्य आतंकवादियों का सफाया करना था, DGMO राजीव घई

Congress MP Shashi Tharoor

वादा करना उससे मुकर जाना उनकी फितरत में है, पाकिस्तान के सीजफायर तोड़ने पर बोले शशि थरूर

तुर्की के सोंगर ड्रोन, चीन की PL-15 मिसाइल : पाकिस्तान ने भारत पर किए इन विदेशी हथियारों से हमले, देखें पूरी रिपोर्ट

मुस्लिम समुदाय की आतंक के खिलाफ आवाज, पाकिस्तान को जवाब देने का वक्त आ गया

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

पाकिस्तानी हमले में मलबा बनी इमारत

दुस्साहस को किया चित

पंजाब में पकड़े गए पाकिस्तानी जासूस : गजाला और यमीन मोहम्मद ने दुश्मनों को दी सेना की खुफिया जानकारी

India Pakistan Ceasefire News Live: ऑपरेशन सिंदूर का उद्देश्य आतंकवादियों का सफाया करना था, DGMO राजीव घई

Congress MP Shashi Tharoor

वादा करना उससे मुकर जाना उनकी फितरत में है, पाकिस्तान के सीजफायर तोड़ने पर बोले शशि थरूर

तुर्की के सोंगर ड्रोन, चीन की PL-15 मिसाइल : पाकिस्तान ने भारत पर किए इन विदेशी हथियारों से हमले, देखें पूरी रिपोर्ट

मुस्लिम समुदाय की आतंक के खिलाफ आवाज, पाकिस्तान को जवाब देने का वक्त आ गया

प्रतीकात्मक चित्र

मलेरकोटला से पकड़े गए 2 जासूस, पाकिस्तान के लिए कर रहे थे काम

प्रतीकात्मक तस्वीर

बुलंदशहर : पाकिस्तान के समर्थन में पोस्ट करने वाला शहजाद गिरफ्तार

Brahmos Missile

‘आतंकवाद कुत्ते की दुम’… ब्रह्मोस की ताकत क्या है पाकिस्तान से पूछ लीजिए- CM योगी

रिहायशी इलाकों में पाकिस्तान की ओर से की जा रही गालीबारी में क्षतिग्रस्त घर

संभल जाए ‘आतंकिस्तान’!

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies