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वर्षा की बौछारें जहां वातावरण को ठण्डा और धरती को हरा-भरा कर देती हैं, वहीं साथ में लाती हैं अनेक बीमारियां। जैसे- हैजा, वायरल बुखार, दस्त लगना आदि। क्योंकि वातावरण में नमी बैक्टीरिया, वायरस, कीड़े-मकोड़े के पनपने के लिए बहुत अनुकूल होती है। इसलिए आजकल सावधानी बरतनी चाहिए। माताओं की सजगता बच्चों को बरसाती बीमारियों से बचा सकती है। बड़े-बूढ़े और अस्थमा के रोगी भी इस वातावरण में स्वास्थ्य के प्रति जागरूक रहें।
वर्षा ऋतु में पाचन संबंधी समस्याएं व संक्रामक रोग ज्यादा परेशान करने लगते हैं। इसलिए हमें हल्का भोजन करना चाहिए, जो आसानी से पच जाए। घर का बना हुआ पौष्टिक आहार जो विटामिन और खनिज लवणों से भरपूर व सफाई का ध्यान रखते हुए बनाया जाता है, उसी का सेवन करना चाहिए। ताकि घर के सभी सदस्य बच्चे, बूढ़े व जवान तन्दरुस्त रहें और बारिश के सुहावने मौसम का मजा ले सकें।
इनके साथ-साथ अपनी त्वचा का विशेष ध्यान रखना चाहिए, क्योंकि चिपचिपा पसीना त्वचा के छिद्रों को बन्द कर देता है। ध्यान रहे प्रतिदिन स्नान जरूर करें, व्यायाम करें और 6-8 घंटे पूरी नींद लें। बाहर से आकर हाथों को साबुन से भली प्रकार धोयें, ताकि संक्रामक रोगों से बचाव हो। चेहरे को भली प्रकार धोएं ताकि मुंहासे न हों।
भोजन में मौसमी फल, जैसे- आम, आंवला, खीरा, टमाटर, अमरूद, तरबूज, बगुगोशा आदि का सेवन जरूर करें। ताजा भोजन ही करें। भोजन में अंकुरित दालें जैसे साबुत मूंग, काला चना, मोठ, मसूर इत्यादि को सम्मिलित करना चाहिए। अंकुरित करना बहुत ही आसान है। साबुत दालों को 8 घंटे के लिए पानी में भिगो दें, फिर उन्हें मलमल के कपड़े में बांधकर 10-12 घंटे के लिए लटकाकर रख दें ताकि अंकुर निकल आएं। अंकुरित दालें पौष्टिकता से भरपूर होती हैं और आसानी से पच जाती हैं। इनके स्वादिष्ट व्यंजन बनाए जा सकते हैं, जैसे भरवां परांठा, अंकुरित चाट, खिचड़ी, टिक्की, इडली, दलिया, सलाद इत्यादि।
रात्रि का भोजन बहुत ही हल्का होना चाहिए और सोने से कम से कम 2 घंटे पहले खा लेना चाहिए, ताकि खाना भली प्रकार पच जाए और आप बीमारियों से बचे रहें। गरिष्ठ भोजन करना, खाना और सो जाना सेहत के लिए हानिकारक है। मोटापा आ जाता है, हृदय संबंधी रोग, मधुमेह आदि बीमारियां होने की संभावना बढ़ जाती है।
वर्षा ऋतु में तली हुईं चीजें भी लोग खूब पसन्द करते हैं। ध्यान रहे एक ही तेल से कई कई दिन तक पकौड़ी आदि न तलें। तेल को बार-बार गर्म करके बनाई गई चीजों से कोलेस्ट्राल बढ़ता है, जो हृदय संबंधी बीमारी की जड़ है। इस मौसम में अलसी के बीज, थोड़ा भून कर, पीस कर आप दाल, सब्जी, दूध, चावल आदि में डालकर सेवन कर सकते हैं। यह बहुत ही लाभदायक है। पानी उबालकर पीना चाहिए।
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