देशभर में आयोजित संघ शिक्षा वर्गों में बड़ी संख्या में युवा स्वयंसेवकों ने लिया प्रशिक्षणआंतरिक व बाहरी संकटों से घिरा है भारत के.सी.कण्णन, सह सरकार्यवाह, रा.स्व.संघ
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रा.स्व.संघ के सह सरकार्यवाह श्री के.सी. कण्णन ने कहा कि देश आंतरिक एवं बाहरी संकटों से घिरा हुआ है। इसके लिए सब कुछ सरकार ही करे, ऐसा सोच कर बैठे रहना हमारा काम नहीं है। समाज में परिवर्तन की जरूरत है। तमाम संकटों में संघ ने राष्ट्र रक्षा के लिए काम किया है और आगे भी करता रहेगा। वे गत दिनों उ.प्र. के सुल्तानपुर में संघ के काशी प्रांत के संघ शिक्षा वर्ग (प्रथम वर्ष) के समापन समारोह को संबोधित कर रहे थे।
श्री कण्णन ने कहा कि चीन भारत के खिलाफ लड़ने का मौका तलाश रहा है। चीन कई बार भारत की सीमा में घुस चुका है। भारत सरकार कुछ भी नहीं करती। पाकिस्तान भारत का जन्मजात दुश्मन है। अब तालिबान की पहुंच भी अणुबम तक होने की बात कही जा रही है। जिसका खतरा सबसे ज्यादा भारत के लिए है। ऐसी स्थिति में सबकुछ सरकार पर छोड़ देना ठीक नहीं है। देश के हम जिम्मेदार नागरिकों को जागरूक होकर आगे आना होगा। उन्होंने कहा कि देश के अंदर की स्थिति भी ठीक नहीं है। देश में भ्रष्टाचार व घोटाला अपने चरम पर है। जिसके लिए आन्दोलन भी चल रहे हैं, किन्तु यह सब कानून बनाने से खत्म होने वाला नहीं हैं। उन्होंने कहा कि वे कानून बनाने के विरोधी नहीं हैं, किन्तु देश में कानून की कमी नहीं है। भ्रष्टाचार को खत्म करने के लिए लोगों में मानसिक परिवर्तन की जरूरत है।
समारोह की अध्यक्षता प्रख्यात चिकित्सक डा. आर.ए. वर्मा ने की। वर्ग में 446 स्वयंसेवकों ने प्रशिक्षण प्राप्त किया।
देश की पहचान हिंदुत्व से है
बाल कृष्ण त्रिपाठी, अ.भा. सह व्यवस्था प्रमुख, रा.स्व.संघ
वहीं, वाराणसी में सम्पन्न हुए संघ शिक्षा वर्ग (विशेष) प्रथम एवं द्वितीय वर्ष के समापन समारोह को मुख्य वक्ता के रूप में संबोधित करते हुए संघ के अखिल भारतीय सह-व्यवस्था प्रमुख श्री बाल कृष्ण त्रिपाठी ने कहा कि देश की पहचान हिंदुत्व से है। संघ समाज जीवन में प्रत्येक वस्तु समाज के लिये संचित करता है। संघ संस्थापक डा. हेडगेवार ने माना था कि देश की पहचान हिन्दुओं से है और यह शब्द उपासना वाचक न होकर भौगोलिक एवं सांस्कृतिक है।
श्री त्रिपाठी ने कहा कि भारतमाता कभी भी गुलाम न हो इसलिए स्वयंसेवक सदा सतर्क रहते हैं। इस कार्य के लिए युवा, वृद्ध, सभी को संघ में प्रशिक्षण दिया जाता है, जिससे वह राष्ट्र के लिए तत्पर तथा सतर्क रहे। समापन समारोह में प्रशिक्षणार्थियों द्वारा दंड प्रहार, योग, प्राणायाम, आसन, सूर्य नमस्कार आदि का प्रदर्शन किया गया। वर्ग में उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, चंडीगढ़, हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर सहित भारत के आठ राज्यों एवं नेपाल से कुल 423 शिक्षार्थियों ने भाग लिया।
दिल्ली के संघ शिक्षा वर्ग का समापन 9 जून को हुआ। वर्ग में कुल 215 स्वयंसेवकों ने प्रशिक्षण प्राप्त किया। समारोह के मुख्य अतिथि के रूप में मेजर जनरल (से.नि.) विजय कुमार ढल उपस्थित थे तथा मुख्य वक्ता थे रा.स्व.संघ के अ.भा. प्रचारक प्रमुख श्री सुरेश चंद्र।
कार्यक्रम के मुख्य वक्ता श्री सुरेश चन्द्र ने कहा कि संघ पर आरोप लगाया जाता है कि वह सिर्फ हिन्दू हित की संकुचित बात करता है, किन्तु आरोप लगाने वालों को यह ज्ञान नहीं है कि हिन्दू विचारधारा कभी संकुचित नहीं हो सकती। उन्होंने कहा कि हमारे शास्त्रों और महापुरुषों ने कभी भी किसी मत-पंथ को नष्ट करने की शिक्षा नहीं दी। हां, दुष्टों के दमन की बात अवश्य कही है।
फरक्का में विहिप की जनसभा
–डा. प्रवीण भाई तोगड़िया, कार्यकारी अध्यक्ष, विहिप
'मुस्लिम वोट बैंक के लिए राजनेता बेशर्मी के साथ मुस्लिम तुष्टीकरण कर रहे हैं। पश्चिम बंगाल की ममता सरकार हिन्दुओं के कर के पैसों का इस्तेमाल इमामों को मासिक भत्ता देने के लिए कर रही है। यह हम बिल्कुल सहन नहीं करेंगे'। उक्त उद्गार विश्व हिन्दू परिषद के कार्यकारी अध्यक्ष डा. प्रवीण भाई तोगड़िया ने गत 10 जून को पश्चिम बंगाल के फरक्का में परिषद द्वारा आयोजित जनसभा को संबोधित करते हुए व्यक्त किए। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में स्थानीय गण्यमान्य नागरिक उपस्थित थे।
केन्द्र सरकार द्वारा अन्य पिछड़ा वर्ग के आरक्षण में से 4.5 प्रतिशत आरक्षण अल्पसंख्यकों को दिए जाने के संबंध में बोलते हुए डा. तोगड़िया ने कहा कि 500 साल भारत पर राज करने के बाद यहां के मुसलमान गरीब कैसे रह गए? 200 साल ईसाइयों ने भी राज किया, भारत को लूटा, हिन्दुओं को लूटा। डा. तोगड़िया ने कहा कि राजेन्द्र सच्चर और रंगनाथ मिश्र आयोग की सिफारिशें मानकर मुसलमान और ईसाइयों को अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग का बनाया जा रहा है। लेकिन भारत की संविधानसभा ने केवल हिन्दुओं को ही अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग का माना था। बासुदेब पाल
कुल्लू में शैक्षिक महासंघ की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक सम्पन्न
रजत जयंती वर्ष मनाने का निर्णय
अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ की दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक गत दिनों कुल्लू (हिमाचल प्रदेश) में सम्पन्न हो गई। बैठक में निर्णय लिया गया कि जुलाई 2012 से जून 2013 तक महासंघ का रजत जयंती वर्ष मनाया जाएगा। इस दृष्टि से जुलाई 2012 में दिल्ली में रजत जयंती वर्ष का मुख्य उद्घाटन समारोह होगा और इसी दिन सम्पूर्ण देश के प्रांतों में भी उद्घाटन कार्यक्रम होंगे। रजत जयंती वर्ष का समापन कार्यक्रम जून 2013 में होगा।
बैठक में निर्णय लिया गया कि रजत जयंती वर्ष के दौरान सम्पूर्ण देश में सदस्यता अभियान चलाया जाएगा। जिससे सभी वर्गों के शिक्षकों तक पहुंचा जा सके। बैठक में महासंघ के पांचवें राष्ट्रीय अधिवेशन का स्थान भी तय कर लिया गया। अधिवेशन बेंगलूरू (कर्नाटक) के चेन्नहल्ली में होगा।
बैठक में पूर्व प्राथमिक से लेकर विश्वविद्यालय स्तर तक के शिक्षकों की समस्याओं पर गहन विचार-विमर्श किया गया एवं निर्णय लिया गया कि आंदोलन के प्रथम कदम के रूप में महासंघ से सम्बद्ध संगठन अपनी राज्यस्तरीय एवं विश्वविद्यालय स्तरीय समस्याओं का ज्ञापन अपने-अपने राज्यों में देंगे एवं शासन को तुरन्त कार्रवाई करने का आग्रह करेंगे। राष्ट्रीय समस्याओं के संबंधित ऐसा ही ज्ञापन महासंघ द्वारा देश के प्रधानमंत्री एवं मानव संसाधन विकास मंत्री को दिया जाएगा और समस्याओं का निवारण करने की मांग की जाएगी। बैठक की अध्यक्षता महासंघ के अध्यक्ष डा. विमल प्रसाद अग्रवाल ने की। बैठक में महासंघ के देशभर से आए कार्यकर्ताओं ने भाग लिया। प्रतिनिधि
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