कश्मीर को भारत से अलग करने की हर साजिश विफल करेगा संघ
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समापन समारोह को संबोधित करते हुए
श्री मोहनराव भागवत तथा मंचस्थ अतिथिगण
नागपुर में रा.स्व.संघ के संघ शिक्षा वर्ग (तृतीय वर्ष) का समापन
सुषमा पाचपोर
कश्मीर मसले पर संप्रग सरकार द्वारा नियुक्त वार्ताकारों की रपट को सिरे से खारिज करते हुए रा.स्व.संघ के सरसंघचालक श्री मोहनराव भागवत ने कहा कि कश्मीर को भारत से अलग करने के हर प्रयास को संघ विफल करेगा। वे गत दिनों नागपुर में रा.स्व.संघ के संघ शिक्षा वर्ग (तृतीय वर्ष) के समापन समारोह को मुख्य वक्ता के रूप में संबोधित कर रहे थे। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि पंजाब केसरी समाचार पत्र के संपादक श्री अश्विनी कुमार थे। मंच पर वर्ग के सर्वाधिकारी डा. जयंतीभाई भाडेसिया और नागपुर महानगर के संघचालक डा. दिलीप गुप्ता भी आसीन थे।
वर्ग के समापन समारोह में प्रार्थना करते हुए (बाएं से दूसरे) श्री मोहनराव भागवत (उनके बाएं) श्री अश्विनी कुमार
श्री भागवत ने कहा कि भारत की संसद ने 1994 में सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित कर पाक अधिकृत कश्मीर को मुक्त कराने का संकल्प लिया था, लेकिन 16 वर्षों में जो भी सरकार केन्द्र में आई उसने इस प्रस्ताव पर अमल करने की कोशिश नहीं की। वर्तमान सरकार ने जिनको नियुक्त किया था उन वार्ताकारों ने अपनी रपट में कश्मीर को अलग दर्जा देने का सुझाव दिया है। यह सरासर देश-विरोधी है और इस प्रकार के किसी भी सुझाव का संघ प्रखरता से विरोध करेगा। उन्होंने कहा कि वार्ताकारों की रपट में कश्मीरी हिन्दू पंडितों के बारे में कुछ भी उल्लेख नहीं है। जिस कश्मीर में दो निशान, दो प्रधान नहीं चलेंगे ऐसा कहते हुए डा. श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने बलिदान दिया, उसी कश्मीर में फिर से वही व्यवस्था बहाल करने का सुझाव वार्ताकारों ने दिया है। ऐसी स्थिति में ये वार्ताकार किस के हित की बात कर रहे हैं?
श्री भागवत ने कहा कि कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाली धारा 370 अल्पकाल के लिए रहेगी, ऐसा तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू के आग्रह पर किया गया था। आज ये वार्ताकार अपनी रपट में इसी धारा 370 को स्थायित्व देने का सुझाव दे रहे हैं। कश्मीर को दोमुंही पहचान देने का यह प्रयास निंदनीय है। कश्मीर से भारत की पहचान है, उसको मिटाने का यह प्रयास है। इस प्रकार के किसी भी प्रयास को हम सफल नहीं होने देंगे। उन्होंने कहा कि देश की एकता और अखंडता सर्वोपरि है, इस बात को सरकार मानती नहीं है, इसलिए वार्ताकारों को इस प्रकार की रपट देने का मौका मिल जाता है। जिस देश के विरुद्ध हमने चार बार युद्ध जीता वही देश आज हमको आंखें दिखा रहा है। चीन और पाकिस्तान हमारी सीमाओं की घेराबंदी करने में लगे हुए हैं। देश के अंदर भी परिस्थिति अच्छी नहीं है, फिर भी परिस्थिति को काबू किया जा सकता है। इसके लिए हम सभी को जागृत होने की आवश्यकता है। हिन्दू समाज अगर जागृत होता है तो फिर देश के सामने जो भी समस्याएं आज विकराल रूप लेकर खड़ी दिखाई दे रही हैं उनको समाप्त किया जा सकता है।
समारोह में उपस्थित तृतीय वर्ष के प्रशिक्षणार्थी
श्री भागवत ने कहा कि आज चारों ओर अविश्वास का वातावरण निर्माण हुआ है। समाज का न तो राजनेताओं पर ही विश्वास रहा और न ही स्वयं पर। ऐसा इसलिए हो रहा है क्योंकि देशहित और राष्ट्रीयता की हमारी संकल्पनाएं स्पष्ट नहीं हैं। ऐसी स्थिति में देश को बचाने के लिए समाज को ही आगे आना पड़ेगा। देश का भाग्य बदलने की क्षमता केवल समाज के अंदर ही है।
अण्णा हजारे और बाबा रामदेव के भ्रष्टाचार के विरुद्ध आंदोलनों का जिक्र करते हुए श्री भागवत ने कहा कि केवल आंदोलनों से भ्रष्टाचार की समस्या का अंत नहीं होगा। भ्रष्टाचार मिटाने के लिए भ्रष्टाचार मिटाने वाली मानसिकता निर्माण करने की आवश्यकता है। ऐसा समाज निर्माण करने के काम में संघ जुटा हुआ है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीयता के आधार पर ही ऐसे समाज का गठन हो सकता है। देश के लिए त्याग और बलिदान करने की मानसिकता का भी निर्माण करना होगा। मुस्लिम तुष्टीकरण की राजनीति का कड़ा विरोध करते हुए श्री भागवत ने कहा कि वोट बैंक की राजनीति के चलते यह सब हो रहा है और इसी से देश का नुकसान भी हो रहा है। अपने उद्बोधन में श्री भागवत ने मजहबी आरक्षण, सीमाओं की सुरक्षा, घुसपैठ, अन्न सुरक्षा विधेयक आदि विषयों पर भी विचार व्यक्त किए।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि श्री अश्विनी कुमार ने अपने उद्बोधन में स्वयं को भाग्यशाली बताते हुए कहा कि उनके लिए यह अवसर जन्मदिन का सबसे बड़ा उपहार है। देश की चिंताजनक स्थिति का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि पड़ोसी देशों के कारण हमारी सुरक्षा को भारी खतरा निर्माण हो गया है। पाकिस्तान और चीन हमारे लिए बड़ा खतरा हैं। तिब्बत के बाद अब चीन की नजरें नेपाल और अरुणाचल प्रदेश की ओर घूम रही हैं। श्रीलंका और बंगलादेश भी इसमें पीछे नहीं हैं। पर सरकार को इसकी चिंता नहीं है, वह तो सरेआम जनता के साथ धोखाधड़ी कर रही है। पाक अधिकृत कश्मीर को ही हम अभी तक मुक्त नहीं करा सके हैं। इसलिए अब समय आ गया है कि देश की एकता और अखंडता को बनाए रखने की क्षमता जिन नेताओं और पार्टियों में है उनके हाथों में सत्ता सौंपनी चाहिए।
समापन कार्यक्रम में राष्ट्र सेविका समिति की प्रमुख संचालिका सुश्री प्रमिलाताई मेढ़े, प्रमुख कार्यवाहिका सुश्री शांता अक्का, नागपुर के महापौर श्री अनिल सोले सहित बड़ी संख्या में नागपुर के गण्यमान्य नागरिक उपस्थित थे। वर्गाधिकारी डा. जयंतीभाई भाडेसिया ने प्रास्ताविक उद्बोधन दिया तथा वर्ग कार्यवाह श्री जसवंत खत्री ने धन्यवाद ज्ञापन किया। सुषमा पाचपोर
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