सनसनी के लिए देशहित को ताक पर न रखें
May 11, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • संस्कृति
  • पत्रिका
होम Archive

सनसनी के लिए देशहित को ताक पर न रखें

by
Apr 7, 2012, 12:00 am IST
in Archive
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

सम्पादकीय

दिंनाक: 07 Apr 2012 16:54:41

सम्पादकीय

देशद्रोहियों की प्रथम पंक्ति में खड़े होने से कहीं अच्छा है किदेशभक्तों की अन्तिम पंक्ति में खड़ा हुआ जाय।   –वीर सावरकर (कालजयी सावरकर, पृ. 103)

सरकार और सेनाध्यक्ष के बीच विवाद को तूल दिया जाना, सेनाध्यक्ष द्वारा प्रधानमंत्री को लिखे रक्षा तैयारियों से संबंधित पत्र को 'लीक' किया जाना और सामान्य सैन्य गतिविधियों के राजनीतिक मंतव्य निकाला जाना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण तो है ही, यह राष्ट्रहित का भी खुला उल्लंघन है। भारतीय सेना विश्व की श्रेष्ठतम राष्ट्रभक्त सैन्यशक्ति है। इसी सेना के दम पर भारत ने चार–चार बार धूर्त्त पाकिस्तान को धूल चटाई है। चीन से युद्ध में भी भारतीय सेना अपने पराक्रम की कमी से नहीं, बल्कि तत्कालीन राष्ट्रीय नेतृत्व, विशेषकर प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू की अदूरदर्शिता और रणनीतिक चूक के कारण चीनी धोखेबाजी का शिकार हुई। देश में गत दो दशकों से ज्यादा समय से पाकिस्तान और चर्च की ताकतों के दम पर पनप रहा जिहादी आतंकवाद व अलगाववाद हो या चीनी षड्यंत्रों से फल–फूल रहा माओवादी नक्सलवाद, हमारी सेना ने देश की आंतरिक व राष्ट्रीय सुरक्षा पर घात लगा रहे राष्ट्रद्रोही तत्वों को हर जगह धर दबोचा है। देश की एकता–अखंडता को बनाए रखने में भारतीय सेना की असंदिग्ध रूप से समर्पित व वीरतापूर्ण भूमिका हर तरह से प्रशंसनीय व प्रेरणास्पद है। राष्ट्रहित में सेना के इस सम्मान को बनाए रखना बेहद जरूरी है। लेकिन संप्रग सरकार की लचर नीतियों और उसके कमजोर ढांचे के कारण जहां देश के सामने आज अनेक चुनौतियां खड़ी हो गई हैं, देशवासियों का जीवन असुरक्षा, महंगाई, गरीबी और विभाजनकारी मजहबी व जातीय दुष्प्रेरणाओं का शिकार हो रहा है, वहीं संप्रग सरकार अपनी विफलताओं का ठीकरा फोड़ने के लिए नए–नए प्रपंच रच रही है तथा अपने विरुद्ध बन रहे वातावरण को दूसरी दिशा में मोड़ने की चालाक कोशिशें भी कर रही है। सेना और सेनाध्यक्ष से जुड़ा विवाद ऐसा ही एक प्रकरण है जिसे गलत ढंग से प्रचारित करने में सरकारी तंत्र ने मीडिया का भी इस्तेमाल किया।

इस पूरे मामले में जिस तरह मीडिया ने सनसनी फैलाने की कोशिशें कीं, वह न तो देशहित में हैं और न मीडिया की रचनात्मक भूमिका के अनुकूल। सनसनी फैलाकर सुर्खियां बटोरना, लेकिन भारत के राष्ट्रीय हितों को पलीता लगाना, यह मीडिया को कठघरे में खड़ा करने वाला कृत्य है। जैसी कि चर्चाएं हैं, भारत में सक्रिय हथियार लॉबी से जुड़े कुछ प्रभावी लोग सरकार में भी पैठ बनाए हुए हैं और ये तत्व हथियार सौदों से जुड़े अपने हितों में सेनाध्यक्ष को बाधा मानते हैं। इनके द्वारा फैलाए जाल में देश के हित–अहित की परवाह किए बिना मीडिया सनसनीखेज खबरों के लिए किस तरह फंसता चला गया, सैन्य तैयारियों में कमी का पत्र लीक किए जाने और सेना के कूच की खबरें उसी का परिणाम हैं। चीन की बढ़ती सैन्य ताकत के मुकाबले भारत को किस तरह की रक्षा तैयारियां करनी चाहिए, उनमें क्या–क्या कमियां हैं, पत्र में लिखी यह जानकारी उस समय मीडिया के द्वारा प्रचारित किया जाना राष्ट्रीय संदर्भों में कितना खतरनाक हो सकता है जब 'ब्रिक्स'  सम्मेलन में भाग लेने के लिए चीनी राष्ट्रपति हू जिन ताओ भारत में थे, इस पर गौर किया जाता तो इस सनसनी से बचा जा सकता था। कई खबरें सनसनीखेज होते हुए भी राष्ट्रहित में प्रकाशित करने से बचना, मीडिया की न केवल नैतिक बल्कि राष्ट्रीय जिम्मेदारी है। चीन, जो भारत को नेस्तनाबूद करने के सपने देख रहा है, उसके लिए नित नए षड्यंत्र करता है, अपनी ओर से भारतीय सैन्य तैयारियों की कमियों पर सेनाध्यक्ष की चिंता को सार्वजनिक किया जाना कहीं से भी तर्कसंगत नहीं है। इस पत्र का 'लीक' होना गंभीर मामला है, सरकार सख्ती से इस षड्यंत्र का खुलासा करे, क्योंकि पत्र 'लीक' मामले में उंगली सरकार की तरफ उठ रही है।

इसी तरह सैन्य अभ्यास की सामान्य गतिविधि को राजनीतिक सत्ता-षड्यंत्र के रूप में निरूपित कर सनसनी फैलाना सर्वथा अनुचित और निंदनीय है। इससे सेना की राष्ट्रभक्ति पर तो प्रश्नचिन्ह खड़े करने की कोशिश की ही गई, यह सेना के मनोबल को तोड़ने का भी कुत्सित प्रयास माना जाना चाहिए। ये खबरें, कि किस तरह संप्रग सरकार के ही एक वरिष्ठ मंत्री ने हथियार लॉबी से जुड़े अपने एक रिश्तेदार को लाभ पहुंचाने के लिए 'सेना कूच' का शिगूफा मीडिया तक पहुंचाया, और मीडिया ने बिना सोचे-समझे सनसनी के रूप से उसे परोस दिया, साबित करती हैं कि मीडिया सनसनीखेज खबरों की चाह में और एक-दूसरे से आगे निकलने की होड़ में किस तरह बौराया रहता है और कभी-कभी षड्यंत्रों का मोहरा बन जाता है। सेनाध्यक्ष ने सेना की नीयत पर सवाल उठाने वाली ऐसी खबरों को ठीक ही मूर्खतापूर्ण बताया है। इन खबरों और सरकार व सेना के बीच अविश्वास व दरार पैदा करने की कोशिशों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। सरकार इसमें चूकी तो वह खुद संदेह के दायरे में बनी रहेगी। भारत के मीडिया में जिस तरह विदेशी पूंजी निवेश बढ़ रहा है, उससे जाहिर है कि विदेशी हितों के अनुरूप मीडिया की प्राथमिकताएं भी बदलने की कोशिशें होंगी, इसलिए ऐसे संवेदनशील मुद्दों पर मीडिया को कितनी सतर्कता बरतने की जरूरत है, इसका दुर्लक्ष्य नहीं किया जा सकता। मीडिया ने अनेक मामलों में अपनी भूमिका को बड़े सार्थक और सकारात्मक तरीके से निभाया है, लेकिन जब कुछ मीडिया हस्तियां नीरा राडिया जैसे कारपोरेट प्रबंधकों के जाल में फंसकर सत्ता के जोड़-तोड़ में लग जाएं तो चिंताएं उभरना स्वाभाविक है। डा.मनमोहन सिंह जैसे एक कमजोर प्रधानमंत्री के नेतृत्व में चल रही संप्रग सरकार किस तरह राष्ट्रहित के हर मोर्चे पर विफल रही है और उस पर किस तरह देशघातक शक्तियां हावी हैं तथा वे देश के सत्ता प्रतिष्ठानों व मानबिन्दुओं को कमजोर करके अपने हित साधने में लगी हैं, सेना व सेनाध्यक्ष की छवि को धूमिल करने का षड्यंत्र उसी का परिणाम है। समस्त देशवासियों को इस तथ्य को समझते हुए सजग और सक्रिय रहने की आवश्यकता है कि वे ऐसी किसी गलतफहमी के शिकार न हों।

ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

Bhagwan Narsingh Jayanti

भक्त प्रह्लाद की रक्षा के लिए भगवान विष्णु बने नृसिंह(नरसिंह)

बौद्ध दर्शन

बौद्ध दर्शन: उत्पत्ति, सिद्धांत, विस्तार और विभाजन की कहानी

Free baloch movement

बलूचों ने भारत के प्रति दिखाई एकजुटता, कहा- आपके साथ 60 मिलियन बलूच लोगों का समर्थन

समाधान की राह दिखाती तथागत की विचार संजीवनी

प्रतीकात्मक तस्वीर

‘ऑपरेशन सिंदूर’ को लेकर भारतीय सेना पर टिप्पणी करना पड़ा भारी: चेन्नई की प्रोफेसर एस. लोरा सस्पेंड

British MP Adnan Hussain Blashphemy

यूके में मुस्लिम सांसद अदनान हुसैन को लेकर मचा है बवाल: बेअदबी के एकतरफा इस्तेमाल पर घिरे

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

Bhagwan Narsingh Jayanti

भक्त प्रह्लाद की रक्षा के लिए भगवान विष्णु बने नृसिंह(नरसिंह)

बौद्ध दर्शन

बौद्ध दर्शन: उत्पत्ति, सिद्धांत, विस्तार और विभाजन की कहानी

Free baloch movement

बलूचों ने भारत के प्रति दिखाई एकजुटता, कहा- आपके साथ 60 मिलियन बलूच लोगों का समर्थन

समाधान की राह दिखाती तथागत की विचार संजीवनी

प्रतीकात्मक तस्वीर

‘ऑपरेशन सिंदूर’ को लेकर भारतीय सेना पर टिप्पणी करना पड़ा भारी: चेन्नई की प्रोफेसर एस. लोरा सस्पेंड

British MP Adnan Hussain Blashphemy

यूके में मुस्लिम सांसद अदनान हुसैन को लेकर मचा है बवाल: बेअदबी के एकतरफा इस्तेमाल पर घिरे

पाकिस्तान के साथ युद्धविराम: भारत के लिए सैन्य और नैतिक जीत

Indian DRDO developing Brahmos NG

भारत का ब्रम्हास्त्र ‘Brahmos NG’ सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल अब नए अवतार में, पांच गुणा अधिक मारक क्षमता

Peaceful Enviornment after ceasfire between India Pakistan

भारत-पाकिस्तान के बीच सीजफायर के बाद आज क्या हैं हालात, जानें ?

Virender Sehwag Pakistan ceasfire violation

‘कुत्ते की दुम टेढ़ी की टेढ़ी ही रहती है’, पाकिस्तान पर क्यों भड़के वीरेंद्र सहवाग?

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies