मधुमेह से नेत्र रक्षा
July 12, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम Archive

मधुमेह से नेत्र रक्षा

by
Feb 11, 2012, 12:00 am IST
in Archive
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

स्वास्थ्य

दिंनाक: 11 Feb 2012 16:06:24

स्वास्थ्य

द  डा. हर्ष वर्धन

 एम.बी.बी.एस.,एम.एस. (ई.एन.टी.)

पिछले कुछ लेखों में हमने मधुमेह रोग तथा इससे अंगों पर होने वाले दुष्प्रभाव तथा सुरक्षा पर चर्चा की थी। यह लेख भी उसी कड़ी में है। इस बार हम मधुमेह के कारण नेत्र पर पड़ने वाले प्रभावों तथा सुरक्षा पर चर्चा करेंगे।

लम्बी अवधि से रहने वाले मधुमेह के कारण हृदय, मस्तिष्क, किडनी आदि अंगों के साथ-साथ नेत्र भी प्रभावित होते हैं। मधुमेह से होने वाले नेत्र रोग को “डायबिटिक रेटिनोपैथी” कहा जाता है। यदि किसी व्यक्ति को लम्बे समय से मधुमेह है और वह अनियंत्रित है तो उसे “डायबिटिक रेटिनोपैथी” होने की संभावना अधिक होती है। अधिक समय से रहने वाले उच्च रक्त शुगर आंख में स्थित रेटिना के पीछे की ब्लड वेसेल्स को क्षतिग्रस्त कर देता है। रेटिना आंख के पीछे की एक फिल्म है जो तस्वीर को प्राप्त कर मस्तिष्क को भेजती है। एक अच्छी नेत्र ज्योति के लिए स्वस्थ रेटिना की आवश्यकता होती है। शुरूआत में इन “ब्लड वेसेल्स” में रिसाव होने लगता है तथा अंत में इन “ब्लड वेसेल्स” के क्रियाहीन (ब्लॉक्ड) होने की संभावना बन जाती है। रिसाव करने वाली खून की नसों के कारण रेटिना पर हैमरेज (खून के धब्बे), फ्लूड, एक्ज्यूडेट्स (वसा) आ जाते हैं जो कि खून की नसों से बाहर आने के कारण होता है। यह आंख में सूजन का कारण हो सकता है, जिसे “एडिमा ऑफ द रेटिना” कहा जाता है। इन बंद “ब्लड वेसेल्स” के कारण रेटिना को आक्सीजन मिलना बंद हो जाता है और इस कारण रेटिना में नयी असामान्य “ब्लड वेसेल्स” बनने लगती हैं तथा आक्सीजन की कमी के कारण रेटिना क्षतिग्रस्त होने लगता है।

यह ध्यान देने योग्य है कि मधुमेह से पीड़ित लोगों में आंख का संक्रमण विशेषतौर पर पलक (स्टाइ-अंजनहारी के रूप में) में बार-बार होने की संभावना होती है। इनमें सफेद मोतियाबिन्द (कैटरेक्ट) भी जल्दी शुरू होता है। मधुमेह की वजह से आंखों को चलाने वाली लगाम (एक्स्ट्रा ओकूलर मसल्स) जो आंख को इधर-उधर घुमाती हैं, को अधरंग (पैरालाइसिस) हो सकता है, जिसके कारण मरीज को डबल विजन (डिप्लोपिया) हो जाता है। अगर मधुमेह का उपचार सुचारू रूप से नहीं चल रहा है तो मोतियाबिन्द के आपरेशन के बाद परेशानियां जैसे संक्रमण एवं “हैमरेज” होने की संभावना अधिक होती है। मधुमेह से पीड़ित महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान “रेटिनोपैथी” की संभावना हो सकती है।

“डायबिटिक रेटिनोपैथी” मुख्य तौर पर तीन प्रकार की होती है- “नॉन-प्रोलिफरेटिव रेटिनोपैथी”, “मेकूलोपैथी” तथा “प्रोलिफरेटिव रेटिनोपैथी”। यह नेत्र की भिन्न बीमारियां नहीं हैं अपितु एक ही बीमारी के विभिन्न चरण हैं। इसका अर्थ यह है कि व्यक्ति उपरोक्त नेत्र की बीमारी के जिस भी प्रकार से पीड़ित हैं, वह परिवर्तित हो सकता है लेकिन रोग निरंतर बढ़ता रहता है। इसकी भी संभावना हो सकती है कि एक बार में एक प्रकार से अधिक तरह की बीमारियां हों।

“नॉन-प्रोलिफरेटिव रेटिनोपैथी”: इसमें “ब्लड वेसेल्स” की दीवारों में हल्की सूजन आ जाती है। ये “माइक्रोएन्यूरिज्म्स रेटिना” पर छोटे लाल बिन्दु (हैमरेज) की तरह दिखाई देते हैं। रेटिना पर पीले रंग के सख्त “एक्ज्यूडेट्स” का धब्बा बन जाता है। रक्तस्राव के बिन्दु व धब्बा रेटिना पर दिखाई देते हैं। “रेटिनोपैथी” का यह प्रकार नेत्र ज्योति के लिए खतरनाक नहीं होता है लेकिन इस प्रकार के लक्षण दिखाई देने पर किसी कुशल नेत्र विशेषज्ञ से परामर्श लेना चाहिए।

मेकुलोपैथी : रेटिना का वह भाग जिसका अधिक उपयोग होता है, उसे मेकूला कहा जाता है। यह मध्य दृष्टि (सेन्ट्रल विजन), स्पष्ट और विस्तृत दृष्टि प्रदान करता है। मेकुलोपैथी में “नॉन-प्रोलिफरेटिव” स्तर का हैमरेज, “एक्ज्यूडेट्स” और सूजन मेकुला में आ जाती है जो नेत्र दृष्टि में खास तौर पर पढ़ने, स्पष्ट देखने में बाधा उत्पन्न कर सकती है।

“प्रोलिफरेटिव रेटिनोपैथी” : इसमें रेटिना के कुछ छोटे “ब्लड वेसेल्स” अवरुद्ध हो जाते हैं, जिसके कारण रक्त का संचार रेटिना में बंद हो जाने के कारण नई असामान्य “ब्लड वेसेल्स” उत्पन्न हो जाती हैं। यह “ब्लड वेसेल्स” कमजोर होती हैं। इससे आंखों में रक्त बहने (विट्रियस हैमरेज) तथा सहायक ऊतकों के प्रोत्साहित होने की आशंका हो सकती है,  जिसके कारण नेत्र के पिछले हिस्से से रेटिना के पृथक हो जाने की संभावना बढ़ जाती है। इन दोनों परेशानियों के उत्पन्न होने के कारण आंख की रोशनी में कमी आ सकती है। यदि इन बढ़ी हुई असामान्य “ब्लड वेसेल्स” का इलाज नहीं करवाया जाय तो अंधापन हो सकता है। यदि यह असामान्य “ब्लड वेसेल्स” बढ़ गयीं तो ग्लौकोमा की भी आशंका हो सकती है, जिसका इलाज आगे बहुत कठिन हो जाता है। “प्रोलिफरेटिव रेटिनोपैथी” जब तक “एडवांस स्टेज” पर नहीं आ जाती है तब तक कोई लक्षण दिखाई नहीं पड़ता है। यदि “विट्रियस हैमरेज” होता है तो अचानक किसी एक आंख में दृष्टिहीनता उत्पन्न हो सकती है।

डायबिटिक रेटिनोपैथी के जोखिम कारक

1.अनियंत्रित रक्त शुगर, 2.लम्बे समय से मधुमेह, 3.उच्च रक्तचाप, 4.रक्त में बढ़ी हुई कोलेस्ट्राल की मात्रा, 5.अधिकतर “ब्लड वेसेल्स” में सूजन, 6.पेशाब में प्रोटीन की उपस्थिति

डायबिटिक रेटिनोपैथी से बचने के उपाय

“डायबिटिक रेटिनोपैथी” की पूरी तरह से रोकथाम नहीं हो सकती है, लेकिन लम्बे समय तक मधुमेह पर नियंत्रण इसके खतरे को कम कर सकता है। इसके लिए यह भी जरूरी है कि हृदय रोग से बचा जाए क्योंकि यह भी “डायबिटिक रेटिनोपैथी” की संभावना को प्रोत्साहित कर सकता है। इसके लिए आवश्यक है कि धूम्रपान का पूरी तरह त्याग करें। रक्तचाप और कोलेस्ट्रोल स्तर को नियंत्रित रखें तथा इसकी नियमित जांच करायें। हर छह माह पर नेत्र की जांच नेत्र रोग विशेषज्ञ से करायें, इससे भविष्य के संभावित नेत्र संबंधी खतरों से बचा जा सकता है। “डायबिटिक रेटिनोपैथी” का इलाज लेजर से ही संभव है। इस इलाज के माध्यम से आंख की जितनी रोशनी चली गयी है, उसे तो वापस नहीं लाया जा सकता है परन्तु आगे की होने वाली दृष्टि हानि को रोका जा सकता है।

विश्वास है कि पाठकों को मधुमेह विषय पर विगत् कुछ अंकों में प्रकाशित लेखों से काफी जानकारी प्राप्त हुई होगी तथा इससे वे लाभ भी उठा रहे होंगे।

लेखक से उनकी वेबसाइट ध्र्ध्र्ध्र्.ड्डद्धण्ठ्ठद्धद्मण्ध्ठ्ठद्धड्डण्ठ्ठद.ड़दृथ्र् तथा ईमेल ड्डद्धण्ठ्ठद्धद्मण्ध्ठ्ठद्धड्डण्ठ्ठदऋ ढ़थ्र्ठ्ठत्थ्.ड़दृथ्र्  के माध्यम से भी संपर्क किया जा सकता है। द

ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

सावन के महीने में भूलकर भी नहीं खाना चाहिए ये फूड्स

मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के साथ विश्व हिंदू परिषद का प्रतिनिधिमंडल

विश्व हिंदू परिषद ने कहा— कन्वर्जन के विरुद्ध बने कठोर कानून

एयर इंडिया का विमान दुर्घटनाग्रस्त

Ahmedabad Plane Crash: उड़ान के चंद सेकंड बाद दोनों इंजन बंद, जांच रिपोर्ट में बड़ा खुलासा

पुलिस की गिरफ्त में अशराफुल

फर्जी आधार कार्ड बनवाने वाला अशराफुल गिरफ्तार

वरिष्ठ नेता अरविंद नेताम

देश की एकता और अखंडता के लिए काम करता है संघ : अरविंद नेताम

अहमदाबाद विमान हादसा

Ahmedabad plane crash : विमान के दोनों इंजन अचानक हो गए बंद, अहमदाबाद विमान हादसे पर AAIB ने जारी की प्रारंभिक रिपोर्ट

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

सावन के महीने में भूलकर भी नहीं खाना चाहिए ये फूड्स

मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के साथ विश्व हिंदू परिषद का प्रतिनिधिमंडल

विश्व हिंदू परिषद ने कहा— कन्वर्जन के विरुद्ध बने कठोर कानून

एयर इंडिया का विमान दुर्घटनाग्रस्त

Ahmedabad Plane Crash: उड़ान के चंद सेकंड बाद दोनों इंजन बंद, जांच रिपोर्ट में बड़ा खुलासा

पुलिस की गिरफ्त में अशराफुल

फर्जी आधार कार्ड बनवाने वाला अशराफुल गिरफ्तार

वरिष्ठ नेता अरविंद नेताम

देश की एकता और अखंडता के लिए काम करता है संघ : अरविंद नेताम

अहमदाबाद विमान हादसा

Ahmedabad plane crash : विमान के दोनों इंजन अचानक हो गए बंद, अहमदाबाद विमान हादसे पर AAIB ने जारी की प्रारंभिक रिपोर्ट

आरोपी

उत्तराखंड: 125 क्विंटल विस्फोटक बरामद, हिमाचल ले जाया जा रहा था, जांच शुरू

उत्तराखंड: रामनगर रेलवे की जमीन पर बनी अवैध मजार ध्वस्त, चला बुलडोजर

मतदाता सूची पुनरीक्षण :  पारदर्शी पहचान का विधान

स्वामी दीपांकर

1 करोड़ हिंदू एकजुट, अब कांवड़ यात्रा में लेंगे जातियों में न बंटने की “भिक्षा”

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies