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गत 20 दिसंबर को जोधपुर (राजस्थान) में स्वामी विवेकानन्द सार्द्धशती समारोह के अंतर्गत युवा सम्मलेन सम्पन्न हुआ। इसमें जोधपुर के छात्रों और युवाओं ने बड़ी संख्या में भाग लिया। कार्यक्रम में विवेकानंद साहित्य का भी लोकार्पण किया गया।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख श्री मनमोहन वैद्य थे। इस अवसर पर श्री मनमोहन वैद्य ने युवाओं से स्वामी विवेकानंद के स्वप्न को पूरा करने का संकल्प लेने का आह्वान किया। वर्तमान शिक्षा नीति का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि वर्तमान शिक्षा आर्थिक उपार्जन की दिशा तो दे रही है परन्तु जीवन जीने की सही दिशा नहीं दे पा रही। जीवन में भटकाव की स्थिति सी है। जीवन में लक्ष्य तय हो तो दिशा तय हो सकती है। उन्होंने कहा कि हमें अपने गांव, समाज, राज्य तथा राष्ट्र के लिए भी कुछ करना होगा।
श्री वैद्य ने युवाओं से चार सूत्र- भारत को मानो, भारत को जानो, भारत के बनो और भारत को बनाओ को अपनाने का आग्रह करते हुए कहा कि हमारा राष्ट्र इस सृष्टि का प्राचीनतम राष्ट्र है। हमें इस गौरव को जानना होगा और अगर नहीं जानते तो हमें अपने प्राचीन इतिहास को पढ़ना होगा, जानना होगा। उन्होंने कहा कि हमारी संस्कृति त्याग आधारित है।
श्री वैद्य ने कहा कि हम संकल्प लेंगे तो दिशा तय होगी और दिशा तय होगी तो जीवन की प्राथमिकताएं बदलेंगी। क्या करना और कब करना यह समझ में आ जायेगा। उन्होंने कहा कि विजय की आकांक्षा दिल में रखकर कोई कार्य किया तो सफलता निश्चित है।
समिति के महानगर अध्यक्ष डा. कैलाश डागा ने वर्षभर चलने वाले कार्यक्रमों की जानकारी दी। युवा आयाम के संयोजक श्री सुभाष गहलोत ने धन्यवाद ज्ञापन किया। वन्देमातरम् गान के साथ कार्यक्रम संपन्न हुआ। इस अवसर पर रा.स्व.संघ के अखिल भारतीय सह प्रचार प्रमुख श्री नन्द कुमार, संघ के जोधपुर प्रान्त प्रचारक श्री मुरलीधर विशेष रूप से उपस्थित थे।प्रतिनिधि
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