पाठकीय: अंक-सन्दर्भ 28 अक्तूबर,2012
July 13, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम Archive

पाठकीय: अंक-सन्दर्भ 28 अक्तूबर,2012

by
Nov 17, 2012, 12:00 am IST
in Archive
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

दिंनाक: 17 Nov 2012 15:12:20

अयोध्या में केवल रामलला

अयोध्या में रामलला के विरुद्ध हो रही साजिश पर श्री सुभाश चंद्र सिंह की रपट पढ़ी। न्यायमूर्ति पलोक बसु ने कांग्रेस के इशारे पर ही यह प्रस्ताव रखा है कि राम जन्मभूमि परिसर में मन्दिर के साथ मस्जिद भी बने। रामभक्तों को यह प्रस्ताव कभी स्वीकार नहीं होगा। श्री अशोक सिंहल ने यह कह कर रामभक्तों का मनोबल बढ़ाया है कि अयोध्या की सांस्कृतिक सीमा में कोई मस्जिद स्वीकार्य नहीं।

–मनीष कुमार

तिलकामांझी, भागलपुर (बिहार)

अयोध्या की साजिश में कांग्रेस के साथ सपा भी शामिल है। ये लोग अपनी साजिश में कभी सफल नहीं होंगे। मुलायम सिंह यादव को तो इस्लाम कबूल कर लेना चाहिए। कृष्ण के वंशजों का ऐसा पतन होगा, सोचा ही नहीं जा सकता। मंथन में श्री देवेन्द्र स्वरूप ने देश की दयनीय हालत के लिए किसी एक पार्टी को जिम्मेदार बनाने की अपेक्षा समूची राजनीतिक प्रणाली को इसकी वजह बताकर अपने ईमानदार चिन्तन को उजागर किया है।

–क्षत्रिय देवलाल

उज्जैन कुटीर, अड्डी बंगला, झुमरी तलैया कोडरमा-825409 (झारखण्ड)

अयोध्या में श्रीराम का भव्य मन्दिर बनना ही चाहिए। अयोध्या श्रीराम की जन्मभूमि है। इसका प्रमाणपत्र किसी न्यायालय से नहीं चाहिए। हमारे शास्त्र साक्षी हैं कि श्रीराम अयोध्या की धरती पर प्रकट हुए थे। इसलिए वहां कोई मस्जिद स्वीकार नहीं है।

–सरिता राठौर

हैदरपुर, अम्बेडकर नगर कालोनी

दिल्ली-110088

राम मन्दिर बनने से जिहादी विचारधारा भी खत्म होगी। अगर हम अयोध्या में मन्दिर बना पाए तो आने वाली पीढ़ियां हम पर गर्व करेंगी, अन्यथा हम इतिहास के पन्नों से ही गायब हो जाएंगे। अयोध्या श्रीराम की है, देशभक्तों की है। वहां मन्दिर बनाना हमारा परम कर्तव्य है।

–किशन जांगिड़

श्री विश्वकर्मा सॉ मिल, ताल मैदान

गिड़गिचिया रोड, सरदार शहर, चुरु (राजस्थान)

भ्रष्टाचार का जनक दस जनपथ

श्री जितेन्द्र तिवारी की रपट '10 जनपथ तक पहुंची भ्रष्टाचार की आंच' अच्छी लगी। वास्तव में सोनिया गांधी का अवास 10, जनपथ ही भ्रष्टाचार का जनक है। यहीं से भ्रष्टाचार पनपता है, भ्रष्टाचारियों को बचाने का ताना-बाना भी यही बुना जाता है। यदि राबर्ट वढेरा सोनिया गांधी के दामाद नहीं होते तो अब तक उनके खिलाफ जांच शुरू हो गई होती।

–वीरेन्द्र सिंह जरयाल

28-ए, शिवपुरी विस्तार, कृष्ण नगर, दिल्ली-51

राबर्ट वढेरा सोनिया के दामाद हैं, पर सोनिया के सिपहसालार उन्हें सरकारी दामाद बना चुके हैं। इस 'सरकारी दामाद' की खातिरदारी सरकारी जेल तिहाड़ में अच्छी तरह होगी यदि उनकी निष्पक्ष जांच हो जाए। किन्तु लाख टके का सवाल है कि निष्पक्ष जांच कैसे हो? जांच का आदेश देने वाले और जांच करने वाले सभी तो 10 जनपथ के चहेते हैं।

–सूर्यप्रताप सिंह सोनगरा

कांडरवासा, रतलाम-457222 (म.प्र.)

राबर्ट वढेरा न तो कांग्रेस में हैं और न ही सरकार में। इसके बावजूद उन्हें बचाने के लिए सारे कांग्रेसी और सारे मंत्री कूद पड़े। कांग्रेसियों और मंत्रियों को लगा कि यही वह समय है जब 10, जनपथ के प्रति वफादारी का इजहार किया जा सकता है। शर्म आती है ऐसे वफादारों पर।

–प्रदीप सिंह राठौर

36-बी, एमआईजी, पनकी, कानपुर (उ.प्र.)

साम्प्रदायिकता को हवा

गुजरात में तथाकथित सेकुलर किस तरह चुनावी माहौल को बिगाड़ने की कोशिश में लगे हैं यह श्री अरुण कुमार सिंह की रपट से पता चला। कुछ संगठन सामाजिक कार्यों की आड़ में गुजरात में साम्प्रदायिकता को हवा दे रहे हैं। उन संगठनों के पीछे कांग्रेस का हाथ है। गुजरात की जनता उन संगठनों और उन संगठनों के संचालकों को अच्छी तरह जानने लगी है।

–मनोहर 'मंजुल'

पिपल्या–बुजुर्ग, प. निमाड़ (म.प्र.)

गुजरात के दंगों में हिन्दू-मुस्लिम दोनों मारे गए थे। पर उन दंगों को सेकुलर नेता और तथाकथित सामाजिक कार्यकर्ता मुस्लिम नरसंहार के रूप में प्रचारित करते हैं। इससे पहले कांग्रेस के शासन में गुजरात में कई दंगे हुए हैं जिनमें हजारों की संख्या में लोग मारे गए हैं। किन्तु उन दंगों की चर्चा कोई सेकुलर नहीं करता।

–उमेश प्रसाद सिंह

के-100, लक्ष्मी नगर, दिल्ली-110092

विशाल वट वृक्ष

श्री नरेन्द्र सहगल का आलेख 'हर मोर्चे पर डटा संघ' यह बताने में सफल रहा कि 1925 में डा. हेडगेवार द्वारा जो पौधा रोपा गया था उसने विशाल वट वृक्ष का रूप ले लिया है। उस वृक्ष के नीचे असंख्य जीवों ने शरण ली है। संघ देशवासियों को एकसूत्र में पिरोने का कार्य कर रहा है। अपने लाखों स्वयंसेवकों के बल पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ देशद्रोहियों को परास्त करने में सफल रहेगा, ऐसा हमें विश्वास है।

–हरिहर सिंह चौहान

जंवरीबाग नसिया, इन्दौर–452001 (म.प्र.)

1962 में चीनी आक्रमण के समय संघ के स्वयंवेसकों ने मोर्चा संभाला था, उस समय प्रधानमंत्री पं. जवाहरलाल नेहरू ने स्वयंसेवकों की भूरि-भूरि प्रशंसा की थी। यही कारण है कि 1963 के गणतंत्र दिवस समारोह में स्वयंसेवकों की एक टोली परेड में शामिल की गई थी।

–बी.एल. सचदेवा

263, आई.एन.ए. मार्केट, नई दिल्ली-110023

दिशा व दशा क्या हो?

लम्बे अन्तराल के बाद हाथ में आए इस अंक को पढ़कर मन को सुखद अनुभव हुआ। इस अंक में बहुत सी संग्रहणीय सामग्री मिली। लाहौर में शहीद भगत सिंह के नाम पर चौक के नामकरण का समाचार आनन्द दे गया। लेकिन पाकिस्तान में जिस प्रकार से हिन्दू मन्दिर को तोड़कर पुजारी के घर में लूट मचाई गई, यह घटना दु:खद है। चर्चा सत्र में श्री राजनाथ सिंह 'सूर्य' का लेख 'कांग्रेस की नकारात्मक राजनीति' विचारणीय रहा। आज देश में एक ऐसा वातावरण बन गया है, जिसमें प्रशासन तो कहीं दिखता ही नहीं है। आखिर इस देश की दिशा व दशा क्या हो?

–दिनेश कुमार 'सेसली'

तहसील–वाली, पाली-306706 (राज.)

देशभक्तों की सूची बने

प्राय: हर वर्ष ऐसी सूची जारी होती है, जिसमें शीर्ष के दस उद्योगपतियों, खिलाड़ियों, वैज्ञानिकों के नाम होते हैं। यहां तक कि 10 प्रभावशाली महिलाओं की भी सूची बनती है। पर ऐसी सूची कभी न्यायाधीशों, मंत्रियों, नेताओं आदि की नहीं बनती है। क्या पूरे वर्ष भर में ऐसे 10 न्यायाधीश नहीं होते हैं, जिनके उल्लेखनीय कार्यों की चर्चा की जाए? क्या ऐसे 10 मंत्री भी नहीं होते हैं, जिनकी देश-सेवा की चर्चा हो? देशहित से समझौता न करने वाले अन्य लोगों की भी सूची बने।

–सच्चानन्द चेलानी

कटनी (म.प्र.)

काश, हम स्वाभिमानी होते

केवल पैसा ही सब कुछ नहीं होता, देश के लाभ में ही सबका लाभ है। विदेशी कम्पनियों का भारत में आना और वही सामान और सेवायें देना जो हम स्वयं करते या कर सकते हैं, किसी भी प्रकार उचित नहीं है। सबसे अनुचित और लज्जाजनक यह भी है कि भारत की जनता को अपने कार्य बन्द करने पड़ सकते हैं और विदेशी कम्पनियों की दासता झेलनी पड़ सकती है। जब हम विदेशी कम्पनियों के दास होते हैं, तो अपने देश के नहीं उन विदेशी कम्पनियों के ही हितकारी हो जाते हैं। अंग्रेजी राज में सभी भारतीय सरकारी कर्मचारी अंग्रेज के ही वफादार थे। आज भी बड़े से बड़े अभिनेता पैसे के लालच में विदेशी कम्पनियों के विज्ञापन इस ढंग से करते हैं कि बिना आवश्यकता के ही उनका माल खरीद लें। सरकार भी विदेशी कम्पनियों का स्वागत कालीन बिछाकर कर रही है। ऐसी सरकार देशहित में नहीं है।

–शान्ति स्वरूप सूरी

36/2/1-नेहरू मार्ग, झांसी (उ.प्र.)

महंगाई

भारत में लगभग 10 प्रतिशत प्रतिवर्ष की दर से महंगाई बढ़ रही है। कारण-देश के सकल राष्ट्रीय उत्पाद का, केन्द्र व राज्य सरकारों का प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष घाटा मिलकर 6 प्रतिशत से भी बहुत अधिक है। इसे पाटने के लिए उसी अनुपात में खरबों रुपयों के नोट छपकर प्रतिवर्ष बाजार में आ रहे हैं। खाद्य पदार्थों की उपलब्धता सीमित है व बढ़ती जनसंख्या के कारण भूमि की उपलब्धता घट रही है। अत: विशेषकर इन क्षेत्रों में भीषण महंगाई बढ़ रही है व अन्य सारे क्षेत्रों में भी बढ़ रही है।

भारत के 125 करोड़ लोगों का सकल राष्ट्रीय उत्पाद लगभग 17 खरब अमरीकी डालर है। जबकि मात्र 31 करोड़ अमरीकियों का 150 खरब डालर है। अमरीका में न्यूनतम मजदूरी लगभग 10 डालर प्रति घंटा है जबकि भारत में आधा डालर। अमरीका में बिजली भारत से सस्ती है, पानी प्रचुर मात्रा में व सड़कों आदि संसाधनों का जाल बिछा हुआ है। भारत में कुछ भी नहीं है। गेहूं का भाव भारत व अमरीका में लगभग समान है व दूध के भावों में थोड़ा सा अंतर है। निष्कर्ष यह है कि भारत में विकास सरकारी घोषणाओं, प्रसार माध्यमों व वोट बैंक की राजनीति में हो रहा है। जबकि वास्तव में देश में भीषण महंगाई, भ्रष्टाचार, बेरोजगारी, भुखमरी, मकानों, भूमि की कमी एवं अन्य संसाधनों की भारी कमी की बढ़ोत्तरी तेजी से हो रही है।

–विश्वम्भर दास माहेश्वरी

बड़ा बाजार, सत्यनारायण मंदिर के पीछे सागर-470002 (म.प्र.)

ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

RSS का शताब्दी वर्ष : संघ विकास यात्रा में 5 जनसंपर्क अभियानों की गाथा

Donald Trump

Tariff war: अमेरिका पर ही भारी पड़ सकता है टैरिफ युद्ध

कपिल शर्मा को आतंकी पन्नू की धमकी, कहा- ‘अपना पैसा वापस ले जाओ’

देश और समाज के खिलाफ गहरी साजिश है कन्वर्जन : सीएम योगी

जिन्होंने बसाया उन्हीं के लिए नासूर बने अप्रवासी मुस्लिम : अमेरिका में समलैंगिक काउंसिल वुमन का छलका दर्द

कार्यक्रम में अतिथियों के साथ कहानीकार

‘पारिवारिक संगठन एवं विघटन के परिणाम का दर्शन करवाने वाला ग्रंथ है महाभारत’

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

RSS का शताब्दी वर्ष : संघ विकास यात्रा में 5 जनसंपर्क अभियानों की गाथा

Donald Trump

Tariff war: अमेरिका पर ही भारी पड़ सकता है टैरिफ युद्ध

कपिल शर्मा को आतंकी पन्नू की धमकी, कहा- ‘अपना पैसा वापस ले जाओ’

देश और समाज के खिलाफ गहरी साजिश है कन्वर्जन : सीएम योगी

जिन्होंने बसाया उन्हीं के लिए नासूर बने अप्रवासी मुस्लिम : अमेरिका में समलैंगिक काउंसिल वुमन का छलका दर्द

कार्यक्रम में अतिथियों के साथ कहानीकार

‘पारिवारिक संगठन एवं विघटन के परिणाम का दर्शन करवाने वाला ग्रंथ है महाभारत’

नहीं हुआ कोई बलात्कार : IIM जोका पीड़िता के पिता ने किया रेप के आरोपों से इनकार, कहा- ‘बेटी ठीक, वह आराम कर रही है’

जगदीश टाइटलर (फाइल फोटो)

1984 दंगे : टाइटलर के खिलाफ गवाही दर्ज, गवाह ने कहा- ‘उसके उकसावे पर भीड़ ने गुरुद्वारा जलाया, 3 सिखों को मार डाला’

नेशनल हेराल्ड घोटाले में शिकंजा कस रहा सोनिया-राहुल पर

‘कांग्रेस ने दानदाताओं से की धोखाधड़ी’ : नेशनल हेराल्ड मामले में ईडी का बड़ा खुलासा

700 साल पहले इब्न बतूता को मिला मुस्लिम जोगी

700 साल पहले ‘मंदिर’ में पहचान छिपाकर रहने वाला ‘मुस्लिम जोगी’ और इब्न बतूता

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies