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चरैवेति–चरैवेति यही तो मंत्र है अपना।
नहीं रुकना नहीं थकना सतत् चलना सतत् चलना।
उक्त पंक्तियों को चरितार्थ करते हुए गत 4 नवंबर को मध्य प्रदेश के इंदौर में एक अनूठा पथ संचलन निकला। 12 घंटे तक लगातार चले संचलन में इंदौर विभाग के करीब 16,000 स्वयंसेवकों ने पूर्ण गणवेश में भाग लिया तथा 54 किलोमीटर का मार्ग तय किया।
आप सोच रहे होंगे कि 12 घंटे तक लगातार चलना तो बहुत ही कठिन है, फिर संचलन लगातार कैसे चला। संचलन की खास बात यही थी कि संचलन तो 12 घंटे तक चला, लेकिन संचलन में भाग लेने वाले स्वयंसेवक बीच-बीच में बदलते रहे। दरअसल इंदौर विभाग को संघ ने चार धामों के नाम से 4 जिलों में विभाजित किया हुआ है। प्रत्येक जिले में 6-6 नगर हैं, इस तरह पूरे इंदौर में कुल 24 नगरों की रचना है। इन 24 नगरों के स्वयंसेवकों ने अलग-अलग समय पर संचलन में भाग लिया।
पहले नगर का संचलन प्रात: 7 बजे ध्वजारोहण के साथ प्रारंभ हुआ। यह संचलन अपने नगर से दूसरे नगर की सीमा तक एक निर्धारित स्थान पर पहुंचा। यहां दूसरे नगर का संचलन भी उसी समय निर्धारित स्थान पर तैयार था। निर्धारित स्थान पर पहले नगर के संचलन से ध्वजवाहिनी संचलन रचना के बाहर आयीं व उसमें से ध्वजवाहक व नगर संघचालक वाहिनी से बाहर आए, इसी प्रकार दूसरे नगर के ध्वजवाहक व नगर संघचालक भी उसी स्थान पर आए, यहां ध्वज प्रणाम के पश्चात प्रथम नगर द्वारा ध्वज दूसरे नगर के ध्वजवाहक को दे दिया गया। इसके बाद पहले नगर का संचलन वापस उस स्थान की ओर लौट गया, जहां से संचलन प्रारम्भ हुआ था तथा दूसरे नगर का संचलन आगे बढ़कर तीसरे नगर की सीमा पर पहुंचा। यहां उसी समय तीसरे नगर का संचलन प्रारंभ हुआ व उसी प्रकार इस नगर द्वारा तीसरे नगर के ध्वजवाहक को ध्वज दिया गया। यह क्रम 24 नगरों में लगातार चलता रहा। इस तरह संचलन द्वारा कुल 54 किलोमीटर का मार्ग तय किया गया। प्रत्येक नगर का संचलन लगभग तीन किलोमीटर व तीस से चालीस मिनट तक चला।
अंतिम नगर का संचलन ठीक 7 बजे स्थानीय चिमनबाग मैदान पर पहुंचा। यहां अन्य 23 नगरों के स्वयंसेवक भी पहुंच गए। यहां उपस्थित स्वयंसेवकों को संबोधित करते हुए इंदौर विभाग के विभाग प्रचारक श्री प्रमोद झा ने कहा कि जहां धर्म और शक्ति का सामंजस्य होता है, वहां ऐश्वर्य होता है। जहां धर्म छूटा, वहां समाज शक्तिहीन हुआ। वर्तमान में समाज को संगठित होने की बहुत आवश्यकता है। मंच पर विभाग संघचालक श्री लक्ष्मण राव नवाथे भी आसीन थे। उद्बोधन के बाद प्रार्थना हुई तथा संचलन समाप्त हुआ। संचलन जहां से भी निकला वहां इंदौर के सामाजिक संगठनों तथा गण्यमान्य नागरिकों ने पुष्पवर्षा कर भव्य स्वागत किया। इस अनूठे संचलन से स्वयंसेवकों का उत्साहवर्धन भी हुआ। प्रतिनिधि
विद्या भारती का ज्ञान-विज्ञान मेला सम्पन्न
छात्रों ने किया प्रतिभा का प्रदर्शन
अ.भा. शिक्षा संस्थान विद्या भारती के तत्वावधान में गत दिनों दिल्ली के गीता बाल भारती विद्यालय में 2 दिवसीय क्षेत्रीय ज्ञान-विज्ञान मेला सम्पन्न हुआ। मेले के उद्घाटन कार्यक्रम की अध्यक्षता श्री अशोक पाल (अध्यक्ष, उत्तर क्षेत्र, विद्या भारती) ने की, मुख्य अतिथि थे डा. राजेन्द्र गुप्ता तथा मुख्य वक्ता के रूप में विद्या भारती के राष्ट्रीय महामंत्री श्री शिव कुमार उपस्थित थे। इनके अलावा मंच पर श्री राम कुमार (प्रमुख, संस्कृति बोध परियोजना) तथा विद्यालय प्रमुख श्रीमती सविता खुराना भी आसीन थीं।
मेले में दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, हिमाचल प्रदेश और जम्मू कश्मीर में विद्या भारती द्वारा संचालित विद्यालयों के 400 छात्र-छात्राओं ने विज्ञान प्रश्नमंच, वैदिक गणित प्रश्नमंच, संस्कृति ज्ञान प्रश्नमंच तथा विभिन्न वर्गों का पत्रवाचन आदि प्रतियोगिताओं में भाग लिया। मेले में छात्रों द्वारा विज्ञान एवं गणित की प्रदर्शनी तथा विज्ञानात्मक प्रयोग भी किये गये। मेले के समापन पर प्रतियोगिताओं के सफल प्रतिभागियों को स्वर्ण, रजत एवं कांस्य पदक से सम्मानित किया गया।प्रतिनिधि
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