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एकात्म मानववाद के प्रणेता पंडित दीनदयाल उपाध्याय की स्मृति में मथुरा (उ.प्र.) के दीनदयाल धाम में हर वर्ष आयोजित होने वाला महोत्सव इस वर्ष भी धूमधाम से संपन्न हुआ। 12-14 अक्टूबर को दीनदयाल धाम में सम्पन्न हुए मेले में समूचा मेला परिसर संस्कारों के समन्दर में गोते लगा रहा था। शाम को मंच पर एक साथ कृष्ण रूप में सजे दर्जनों बालक उपस्थित हुए तो माहौल पूरी तरह धार्मिक रंग में रंग गया। पंडित दीन दयाल उपाध्याय स्मृति महोत्सव के मंच पर संस्कार भारती, मथुरा के कलाकारों ने सांस्कृतिक कार्यक्रमों की दिल को छू लेने वाली प्रस्तुति देकर दर्शकों को भाव-विभोर कर दिया
पण्डित दीन दयाल उपाध्याय स्मृति महोत्सव रातभर साहित्यक संगम में डुबकी लगाता रहा। एक से बढ़कर एक रचनाओं ने श्रोताओं को प्रफुल्लित कर दिया, मोका था राष्ट्रीय कवि सम्मेलन का। कवि सम्मेलन में कवियों ने भ्रष्टाचार, घोटालों व महंगाई पर कविता सुनाकर लोगों को न केवल खूब हंसाया बल्कि सोचने पर भी मजबूर कर दिया। अमर शहीदों की वीर गाथा सुनाकर श्रोताओं में वीर रस व ओज का संचार किया।
महोत्सव के दूसरे दिन आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए राज्यसभा सांसद एवं भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता श्री विनय कटियार ने कहा कि देश को तीन 'एम' ने बर्बाद कर दिया है, जबकि प्रदेश में खुलकर मुस्लिम तुष्टीकरण हो रहा है। देश के विकास के बिना अंत्योदय उत्थान सम्भव नहीं है।
सार्वजनिक सभा को सम्बोधित करते हुये विश्व हिन्दू परिषद के संगठन महामंत्री श्री दिनेश चंद्र ने पण्डित दीन दयाल उपाध्याय के एकात्म मानववाद और अंत्योदय चिंतन से सभी को प्रेरणा लेने का आह्वान किया।
कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के क्षेत्र प्रचारक श्री शिव प्रकाश ने कहा कि आजादी के इतने साल बाद भी गरीब रोटी और शिक्षा को परेशान है। ग्रामीण आज भी सामाजिक और आर्थिक दृष्टि से पिछड़े हुये हैं। उन्होंने कहा कि एफ.डी.आई. के माध्यम से देश के खुदरा बाजार को गिरवी रखने का खेल चल रहा है।
सार्वजनिक सभा के समापन के बाद रात्रि में रसिया दंगल का आयोजन हुआ। रसियाओं में करण अखाड़ा और बिजेन्द्र शर्मा हाथरस के मध्य मुकाबला हुआ।
महोत्सव का शुभारम्भ 12 अक्टूबर को हवन यज्ञ से हुआ। आर्य समाज के प्रतिनिधि श्री विपिन आर्य ने यज्ञ सम्पन्न कराया।
इसी दिन कुश्ती दंगल का आयोजन किया गया तथा बच्चों की रंगोली प्रतियोगिताएं एवं अन्य प्रतियोगिताओं ने लोगों को मेला देखने के लिए आकर्षित कर दिया। कुश्ती दंगल में 28 कुश्तियां हुईं, जिसमें विभिन्न जिलों के नामी पहलवानों ने अपनी मल्ल विद्या का जौहर दिखाया।
मथुरा से मुकेश गोस्वामी
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