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'सारी तकनीकी का उद्देश्य सुख व प्रसन्नता देना है। लेकिन वह सुख शाश्वत नहीं होता। जो साहित्य के शिल्पी हैं वे शब्दों का चयन कर अपने भावों को संप्रेशित करते हैं, वे मनुष्य को मुस्कुराने का अवसर देते हैं'। उक्त उद्गार गत दिनों लखनऊ में सम्पन्न हुए 18वें युवा साहित्यकार सम्मान समारोह के मुख्य अतिथि प्राविधिक विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. कृपाशंकर ने व्यक्त किए।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए ग्राम्य विकास विभाग के उपायुक्त श्री विजय कृष्ण भागवत ने कहा कि भाउराव देवरस सेवा न्यास का कार्य प्रशंसनीय है।
कार्यक्रम में काव्य विधा के लिए लखनऊ के श्री अभय प्रताप सिंह 'निर्भीक', कथा साहित्य के लिए लखनऊ की डा. अंजलि, बाल साहित्य के लिए भीलवाड़ा के श्री सत्यनारायण 'सत्य', पत्रकारिता के लिए मुजफ्फरपुर के श्री सतीश कुमार 'साथी' तथा संस्कृत के लिए नई दिल्ली के डा. परमानंद झा को पंडित प्रताप नारायण मिश्र स्मृति युवा साहित्यकार सम्मान 2012 से सम्मानित किया गया। प्रत्येक साहित्यकार को सम्मान स्वरूप सरस्वती प्रतिमा, अंगवस्त्र एवं श्रीफल के साथ-साथ 10 हजार रुपये की राशि प्रदान की गई। कार्यक्रम में न्यास की अर्द्धवार्षिक पत्रिका सेवा चेतना के मातृभाषा विशेषांक का लोकार्पण भी किया गया। प्रतिनिधि
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