दृष्टिपात
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हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे-हरे…
आलोक गोस्वामी
साइबेरिया के टोम्स्क शहर की अदालत 28 दिसम्बर को हरे कृष्ण हरे कृष्ण… के जयघोषों से गूंज उठी जब जज गैलीना बूतेन्को ने श्रीमद्भगवद्गीता पर प्रतिबंध लगाने की बौराए दिमाग की याचिका खारिज कर दी। कृष्ण भक्त दोनों हाथ उठाकर जोर से बोल उठे- हरि बोल… हरि बोल! जज गैलीना ने कहा कि “पुस्तक तो पवित्र हिन्दू ग्रंथ भगवद्गीता पर एक टीका ही तो है। इसे “उग्रवादी साहित्य” मानने का कोई आधार नहीं है। अंतरराष्ट्रीय कृष्ण भावनामृत संघ (इस्कॉन) की स्थानीय इकाई की तरफ से अदालत में पेश हुए वकील एलेक्जेंडर शाखोव ने कहा कि इस फैसले ने दिखा दिया है कि रूस वाकई एक लोकतंत्रात्मक समाज बन रहा है। रूस में भारत के राजदूत अजय मल्होत्रा ने कहा कि इस फैसले का अभिनंदन किया जाना चाहिए। रूस में इस्कॉन के उपाध्यक्ष सरगेई जूयेव तो खासे उत्साहित थे, बोले- “अदालत ने समझदारी का परिचय दिया है। यह आनंद की बात है। धर्म पर किसी सेकुलर अदालत में मुकदमा चलाना ठीक बात नहीं है।… हरि बोल, हरि बोल।” रूस में मानवाधिकारी लोकपाल व्लादिमीर लूकिन ने अदालत के फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि रूस की सरकार को इस घटना का सही संज्ञान लेते हुए आतंकी षड्यंत्रों और गुटों से लड़कर आतंकवाद पर चोट करनी चाहिए न कि प्राचीन पवित्र ग्रंथों में मीन-मेख निकालनी चाहिए। रूसी ईसाई ऑर्थोडॉक्स चर्च की शह पर दाखिल की गई उक्त याचिका की संसारभर में भत्र्सना हुई थी। भारत में संसद से सड़कों तक जनाक्रोष फूटा था, कृष्ण भक्तों ने दुनियाभर में हिन्दुओं को एकजुट होकर उस याचिका का विरोध करने को झकझोरा था। … और अब इस फैसले के आने से उन सेकुलर, चर्च समर्थित गुटों के मुंह पर करारा तमाचा पड़ा है जो हर उस चीज का विरोध करते हैं जो हिन्दू आस्था को प्रगाढ़ करती है। थ्
जरदारी पर सवार “इतिहास रचने” की धुन
पाकिस्तान की पूर्व प्रधानमंत्री और अपनी बीवी मरहूम बेनजीर भुट्टो की चौथी बरसी पर राष्ट्रपति जरदारी ने अपने चाहने वालों के बीच हुंकारने के अंदाज में कहा कि “हम इतिहास रचना चाहते हैं, सुर्खियां नहीं।” जरदारी की बीमारी के कारण फौजी तख्ता पलट की अफवाहों और अंदरूनी तनावों को दरकिनार करने की गरज से दुबई से ताजा-ताजा इलाज कराके लौटे जरदारी ने फिर गरजने की कोशिश करते हुए कहा, “हम किसी को तंत्र को पटरी से उतारने नहीं देंगे, भले चुनी हुई सरकार के खिलाफ कितने ही षड्यंत्र रचे जाएं।”थ्
डेनमार्क में मंदिर पर उन्मादी मजहबियों का हमला
पश्चिम कोपेनहेगन में हरे कृष्ण मंदिर पर पिछले दिनों कुछ स्थानीय मुस्लिम उन्मादियों ने हिंसक हमला किया। उन्होंने बिना किसी उकसावे के मुस्लिम बहुतायत वाले इलाके में मौजूद इस मंदिर की खिड़कियों के शीशे तोड़ डाले, जबरन मंदिर में घुसकर वहां रह रहे भक्तों को शारीरिक नुकसान पहुंचाने की कोशि की। मंदिर के अधिकारी ने पुलिस बुलाई तो एक अकेला अफसर आकर टूट-फूट देखकर चला गया। उसके जाने के आधे घंटे बाद और ज्यादा तादाद में उन्मादी आ धमके और फिर पत्थरबाजी करने लगे। इससे पहले दो कृष्ण भक्तों की एक स्थानीय व्यक्ति से बेबात की बहस हो गई थी, जिस पर उस व्यक्ति ने अपनी कार में से एक औजार निकालकर एक भक्त पर वार कर दिया। झगड़ा बढ़ गया, पुलिस आई और घटना दर्ज करके चली गई। इन दोनों घटनाक्रमों में कुछ जुड़ाव हो सकता है क्योंकि उन दो में से एक भक्त मंदिर परिसर में ही रहता था। हमला करने आए उन्मादी 18 के आस पास की उम्र के थे और बेसबाल बैट व दूसरे हथियारों से लैस थे।
हंगरी में चर्च का दबाव
उधर हंगरी में “इस्कान” और दूसरे पांथिक अल्पसंख्यक समुदाय पर ईसाइयत का समर्थन करने का दबाव बनाया जा रहा है। पांथिक समुदायों के संदर्भ में वहां एक जनवरी 2012 से लागू होने जा रहे नए कानून के तहत कृष्ण भक्त समुदाय अपना अधिकृत पांथिक दर्जा और जमीन, दोनों खो देगा। पिछली जुलाई में पारित यह कानून केवल रीफोम्र्ड, रोमन कैथोलिक, लूथेरान और ऑर्थोडॉक्स चर्चों और यहूदी समुदाय को ही मान्यता देता है। खतरा है कि अब कृष्ण भक्त समुदाय की मान्यता खत्म करने के साथ ही सरकार उसकी जमीन पर भी कब्जा कर लेगी जहां 270 हेक्टेयर जमीन पर “ईको विलेज” बनाकर 300 भक्त अपने परिवारों के साथ रह रहे हैं।थ्
तालिबानी खाता बंद करे “ट्विटर”
अमरीका ने सोशल माइक्रो-ब्लागिंग साइट “ट्विटर” से तालिबान का खाता (एकाउंट) बंद करने को कहा है। अमरीकी सांसद उन चीजों को रोकना चाहते हैं जो अफगानिस्तान में “नाटो” पर आतंकी हमलों और उनमें हताहतों की वाहवाही करती हैं। सीनेट की होमलैंड सिक्योरिटी कमेटी की ओर से कहा गया है कि यह कदम इंटरनेट और सोशल मीडिया से हिंसक इस्लामी जिहादी प्रचार को खत्म करने की कोशिश का हिस्सा है। उल्लेखनीय है कि तालिबान “ट्विटर” के जरिए अपना जिहादी प्रचार करता आ रहा है, अपने बयान प्रचारित करता आ रहा है। अमरीका का मानना है कि तालिबान “ट्विटर” के जरिए आतंकी हमलों में अमरीकी और ब्रिटिश सैनिकों के मारे जाने की झूठी-सच्ची बातें उड़ाता है।थ्
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