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विवेकानन्द केन्द्र का विश्वबंधुत्व दिवस पर आयोजन
आतंकवाद से बचने के लिए हमें स्वयं जागरूक होना पड़ेगा
-मेजर जनरल (से.नि.) जी.डी. बख्शी
प्रतिनिधि
व्आतंकवाद को बयान नहीं किया जा सकता, आतंकवाद को केवल भोगा जा सकता है। आतंकवाद एक ऐसा रोग है जिसको किसी मत-पंथ से जोड़कर नहीं देखा जा सकता। दुनिया का कोई मत-पंथ आतंक नहीं सिखाताव्। उक्त विचार मेजर जनरल (से.नि.) जी.डी.बख्शी ने गत दिनों विवेकानन्द केन्द्र की अजमेर शाखा द्वारा विश्वबंधुत्व दिवस के अवसर पर आयोजित व्विश्वबंधुत्व में बाधक-आतंकवादव् कार्यक्रम को संबोधित करते हुए व्यक्त किए।
श्री बख्शी ने आगे कहा कि यदि हमें देश को आतंकवाद से बचाना है तो खुद जागरूक होना पड़ेगा। केवल ढाल बनकर हम जिंदगी को नहीं जी सकते।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में बोलते हुए राजस्थान लोक सेवा आयोग के सदस्य श्री कन्हैया लाल ने कहा कि वेद, उपनिषद् व गीता के विषय में व्यावहारिक ज्ञान आचरण में आए यह कार्य स्वामी विवेकानन्द ने आज से 120 साल पूर्व ही कर दिया। कार्यक्रम की अध्यक्षता राष्ट्रीय मिलिट्री स्कूल, अजमेर के प्राचार्य ले. कर्नल ए.के. त्यागी ने की।
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