राज्यों से
July 12, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम Archive

राज्यों से

by
Sep 28, 2011, 12:00 am IST
in Archive
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

दिंनाक: 28 Sep 2011 16:37:41

मानवधिकार तो सिर्फ आतंकवादियों के हैं न!!

विशेष प्रतिनिधि

 पिछले 22 वर्षों के आतंकवाद ने जम्मू-कश्मीर में कुछ अलग ही प्रकार की समस्याएं उत्पन्न कर दी हैं। इन समस्याओं से निपटने के लिए केन्द्र या राज्य सरकार की कोई स्पष्ट नीति न होने के कारण अलगाववादी-आतंकवादी अपना खेल-खेलते जा रहे हैं। जो भिन्न प्रकार की समस्याएं उत्पन्न हुई हैं उनमें बहुत से लोगों का आतंकवादी हिंसा के कारण मारा जाना तथा लापता हो जाना भी एक परेशानी का सबब है। आंकड़ों के अनुसार सीमा पार से चलाए जा रहे आतंकवाद में लगभग 55,000 लोग मारे गए हैं। लापता होने वालों की संख्या भी स्पष्ट नहीं है। कई हजार परिवार विस्थापित होकर देश के भिन्न-भिन्न भागों में जीवन व्यतीत कर रहे हैं और बहुत से परिवार विदेश में भी जाकर बस गए हैं।

 जो लोग मारे गए हैं उनमें से 27,000 के लगभग आतंकवादी थे। इन मारे जाने वाले आतंकवादियों में लगभग 7 हजार विदेशी थे, जिनका सम्बंध पाकिस्तान के विभिन्न आतंकवादी संगठनों से था। इन दिनों अलगाववादियों तथा मानवाधिकारवादियों के नाम पर सक्रिय संगठनों में यही एक बड़ा प्रश्न भारत विरोधी प्रचार का मुद्दा बना हुआ है कि लगभग 40 कब्रिास्तानों में 2327 कब्रों ऐसी हैं, जिन पर मरने वालों का नाम-पता नहीं लिखा गया है।

 उल्लेखनीय है कि कश्मीर में मारे गए आतंकवादियों को भिन्न-भिन्न कब्रिास्तानों में अलग से दफनाया गया है। इन स्थानों को अलगाववादी लोग व्मजार-ए-शहीदांव् के नाम से पुकारते हैं और कई ऐसे स्थानों पर भारत विरोधी तत्व रात के समय दिया भी जलाते हैं, ताकि बुझती हुई अलगाववाद की आग को भड़का दिया जाए।

 सूत्रों के अनुसार विभिन्न स्थानों पर सैनिकों के साथ मुठभेड़ में मारे गए जिन आतंकवादियों की पहचान नहीं हो पाई उनमें भी अधिकांश विदेशी थे, जिनके पास कोई पहचान पत्र नहीं मिला। फिर उनकी कब्राों पर मरने वाले का नाम तथा पता कैसे लिखा जा सकता था?

 अलगावादियों और आतंकवादियों के प्रति सहानुभूति रखने वाले मानवाधिकारवादियों ने भारत विरोधी प्रचार के लिए एक यह अभियान भी छेड़ रखा है कि आतंकवाद के दौरान बड़ी संख्या में युवक लापता हो गए थे। अब लापता युवकों के संबंधियों का एक संगठन भी गठित हो गया है। सरकार ने भी ऐसे लापता युवकों की गणना सम्बंधी एक सर्वेक्षण करवाया है। इस सर्वेक्षण के अनुसार लापता होने वाले युवकों की संख्या 3 से 4 हजार के बीच है। कुछ अलगाववादी यह संख्या 8 से 10 हजार के बीच बता रहे हैं। सूत्रों के अनुसार अब भी कई हजार युवक पाकिस्तानी प्रशिक्षण शिविरों में हैं। आई.एस.आई. द्वारा संचालित इन शिविरों के अतिरिक्त कई प्रशिक्षित आतंकवादी इन वर्षों के दौरान पाकिस्तान तथा पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में बस गए हैं, अपना कारोबार कर रहे हैं। अलगाववादियों-आतंकवादियों की यह सब जानकारी जुटाने तथा इनकी वापसी का रास्ता तलाशने के लिए मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने एक आयोग गठित करने का सुझाव दिया है। इस पर अलगाववादी नेताओं का कहना है कि यह आयोग अंतरराष्ट्रीय स्तर का होना चाहिए जिसमें भिन्न-भिन्न देशों के मानवधिकारवादियों व उनके प्रतिनिधियों को शामिल किया जाना चाहिए। यह सारी कोशिशें हो रही हैं अलगाववादियों -आतंकवादियों के लिए, लेकिन राष्ट्रवादियों-भारत भक्तों की चिंता किसे है?

 

ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

एयर इंडिया का विमान दुर्घटनाग्रस्त

Air India Crash Report: उड़ान के तुरंत बाद बंद हुई ईंधन आपूर्ति, शुरुआती जांच रिपोर्ट में चौंकाने वाले खुलासे

पुलिस की गिरफ्त में अशराफुल

फर्जी आधार कार्ड बनवाने वाला अशराफुल गिरफ्तार

वरिष्ठ नेता अरविंद नेताम

देश की एकता और अखंडता के लिए काम करता है संघ : अरविंद नेताम

अहमदाबाद विमान हादसा

Ahmedabad plane crash : विमान के दोनों इंजन अचानक हो गए बंद, अहमदाबाद विमान हादसे पर AAIB ने जारी की प्रारंभिक रिपोर्ट

आरोपी

उत्तराखंड: 125 क्विंटल विस्फोटक बरामद, हिमाचल ले जाया जा रहा था, जांच शुरू

उत्तराखंड: रामनगर रेलवे की जमीन पर बनी अवैध मजार ध्वस्त, चला बुलडोजर

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

एयर इंडिया का विमान दुर्घटनाग्रस्त

Air India Crash Report: उड़ान के तुरंत बाद बंद हुई ईंधन आपूर्ति, शुरुआती जांच रिपोर्ट में चौंकाने वाले खुलासे

पुलिस की गिरफ्त में अशराफुल

फर्जी आधार कार्ड बनवाने वाला अशराफुल गिरफ्तार

वरिष्ठ नेता अरविंद नेताम

देश की एकता और अखंडता के लिए काम करता है संघ : अरविंद नेताम

अहमदाबाद विमान हादसा

Ahmedabad plane crash : विमान के दोनों इंजन अचानक हो गए बंद, अहमदाबाद विमान हादसे पर AAIB ने जारी की प्रारंभिक रिपोर्ट

आरोपी

उत्तराखंड: 125 क्विंटल विस्फोटक बरामद, हिमाचल ले जाया जा रहा था, जांच शुरू

उत्तराखंड: रामनगर रेलवे की जमीन पर बनी अवैध मजार ध्वस्त, चला बुलडोजर

मतदाता सूची पुनरीक्षण :  पारदर्शी पहचान का विधान

स्वामी दीपांकर

1 करोड़ हिंदू एकजुट, अब कांवड़ यात्रा में लेंगे जातियों में न बंटने की “भिक्षा”

दिल्ली-एनसीआर में 3.7 तीव्रता का भूकंप, झज्जर था केंद्र

उत्तराखंड : डीजीपी सेठ ने गंगा पूजन कर की निर्विघ्न कांवड़ यात्रा की कामना, ‘ऑपरेशन कालनेमि’ के लिए दिए निर्देश

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies