कांग्रेस का मुसलमानों को अण्णा आंदोलन से दूर रखने का कुटिल प्रयास धराशायी
July 14, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम Archive

कांग्रेस का मुसलमानों को अण्णा आंदोलन से दूर रखने का कुटिल प्रयास धराशायी

by
Sep 27, 2011, 12:00 am IST
in Archive
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

कांग्रेस की साम्प्रदायिक राजनीति

दिंनाक: 27 Sep 2011 13:58:37

मनमोहन शर्मा

 

 अण्णा हजारे के भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन को जो असाधारण जनसमर्थन मिला है उससे कांग्रेस और संप्रग सरकार बुरी तरह से बौखला गई और उन्होंने मुस्लिमों को बहकाकर इस आंदोलन को पटरी से उतारने के प्रयास तेज कर दिए। इस उद्देश्य से कांग्रेस ने कुछ मुस्लिम नेताओं और मौलानाओं पर डोरे डाले। दिल्ली की जामा मस्जिद के इमाम अहमद बुखारी हों या दारुल उलूम, देवबंद के प्रमुख मौलाना अबुल कासिम नुमानी, दोनों ही अण्णा हजारे के भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन को व्इस्लाम विरोधीव् बता रहे हैं। इन दोनों मजहबी नेताओं ने देश के मुसलमानों से अपील की कि वे इस आंदोलन का बहिष्कार करें और इसमें किसी तरह से हिस्सा न लें। लेकिन दूसरी ओर देश के अधिकांश मुसलमानों ने इन स्वयंभू मुस्लिम नेताओं की अपील को पूरी तरह से ठुकरा दिया है।

 

दिल्ली के रामलीला मैदान में हजारों मुसलमान हाथों में तिरंगे झंडे लिए वंदेमातरम् और भारत मां की जय के नारे लगाते दिखाई दिए। मेवात क्षेत्र से 2000 मुस्लिम रामलीला मैदान में चल रहे धरने में भाग लेने के लिए पहुंचे। उनमें से एक 45 वर्षीया महिला मुमताज भी थीं जो अपने भाई के साथ इस धरने में हिस्सा लेने के लिए आई थीं। इस ग्रामीण महिला ने भीड़ को संबोधित करते हुए कहा कि जो लोग मुसलमानों से इस आंदोलन का बहिष्कार करने को कह रहे हैं वे निश्चित रूप से देश के मुसलमानों के दोस्त नहीं हैं। हर भारतवासी, उसका मत-पंथ चाहे कुछ भी हो, भ्रष्टाचार से पीड़ित है। मुमताज ने कहा कि जो लोग इस आंदोलन को सांप्रदायिक रंग देने का प्रयास कर रहे हैं वे सरकार के खरीदे हुए गुलाम हैं। देश के मुसलमानों को उनकी बातों पर कोई ध्यान नहीं देना चाहिए। इस महिला के भाई आजाद मोहम्मद का कहना था कि व्भारत माता की जयव् और व्वंदेमातरम्व् का नारा लगाना इस्लाम के विरुद्ध कैसे है? पैगम्बर मोहम्मद ने साफ फरमाया है कि हर व्यक्ति को अपनी मातृभूमि से मोहब्बत करनी चाहिए। मुंबई के आजाद मैदान में धरने पर बैठे मुसलमानों को संबोधित करते हुए मुफ्ती अब्दुल रहमान ने कहा कि वे मुसलमान होने के साथ-साथ हिंदुस्थानी भी हैं। जो लोग फतवे जारी करके मुसलमानों को इस जनांदोलन से दूर रहने का निर्देश दे रहे हैं वे निश्चित रूप से मुसलमानों के दोस्त नहीं हैं। यदि देश के मुसलमान राष्ट्र की मुख्यधारा में हिस्सा नहीं लेंगे तो वे पिछड़ जाएंगे। मुफ्ती ने कहा कि इमाम बुखारी और दारुल उलूम, देवबंद के प्रमुख नुमानी को मजहब पर ध्यान देना चाहिए, उन्हें राजनीति से दूर ही रहना चाहिए।

 

बुखारी द्वारा अण्णा हजारे के आंदोलन का बहिष्कार करने की अपील के बावजूद अनेक प्रमुख मुस्लिम नेता खुलकर अण्णा की हिमायत में मैदान में आ गए हैं। इनमें राज्य सभा के सदस्य अली अकबर अनवर अंसारी, विधायक आसिफ मोहम्मद खां, इस्लामिक कल्चरल सेंटर के सिराजुद्दीन कुरैशी आदि अनेक प्रमुख मुस्लिम नेता शामिल हैं।

 

जामा मस्जिद के इमाम का कहना है कि अण्णा हजारे के आंदोलन में व्वंदेमातरम्व् और व्भारत माता की जयव् के जो नारे लगाए जा रहे हैं वे इस्लाम के विरुद्ध हैं। इसके साथ ही इमाम को इस आंदोलन में राष्ट्रीय ध्वज के इस्तेमाल पर भी गहरी आपत्ति है। उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि व्अण्णा हजारे सांप्रदायिक ताकतों के हाथों में खेल रहे हैं।व्

 

अहमद बुखारी इन दिनों देश के कुछ कांग्रेसी नेताओं के काफी नजदीक बताए जाते हैं। कहा जाता है कि अण्णा हजारे के खिलाफ बयान देने के लिए उन्होंने कांग्रेस आलाकमान से भारी कीमत वसूली है। उनके साथ अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के प्रमुख इमरान किदवई और मीडिया प्रकोष्ठ के अनीस दुरर्#ानी के माध्यम से सौदेबाजी की गई है। इस सौदेबाजी में एक पूर्व सांसद की भी विशेष भूमिका रही है। उल्लेखनीय है कि बुखारी परिवार शुरू से ही हर आम चुनाव से पहले विभिन्न राजनीतिक पार्टियों से सौदेबाजी करता रहा है। अहमद बुखारी के पिता अब्दुल्ला बुखारी इस संदर्भ में काफी विवादित रहे थे। राजधानी के कई मुस्लिम नेताओं का आरोप है कि इमाम परिवार ने इस सौदेबाजी से अपार संपत्ति अर्जित की है। जामा मस्जिद के आसपास की भूमि हालांकि नगर निगम की है लेकिन बुखारी परिवार इस सरकारी भूमि पर कारोबार करने वालों से हर महीने अवैध रूप से मोटी रकम की वसूली करता आ रहा है। खास बात तो यह है कि व्भारत माता की जयव् और व्वंदेमातरम्व् नारों का विरोध करने वाले बुखारी देशभक्त होने का दावा किस मुंह से कर सकते हैं? अण्णा के आंदोलन को सांप्रदायिक बताने वाले बुखारी हर चुनाव से पूर्व मुसलमानों को मजहब के नाम पर मतदान करने के लिए उकसाते रहे हैं। कुछ वर्ष पूर्व उन्होंने एक मुस्लिम राजनीतिक दल गठित करने का भी प्रयास किया था। इस संदर्भ में राजधानी में बुलाए गए सम्मेलन में सांप्रदायिकता भड़काने वाले और फिरकापरस्त नफरत फैलाने वाले भाषण दिए गए थे।

 

दारुल उलूम, देवबंद के प्रमुख नुमानी ने भी देश के मुसलमानों से अण्णा हजारे के आंदोलन में भाग न लेने की अपील की। उनका कहना था कि अण्णा हजारे का आंदोलन देश के संविधान और संसदीय प्रणाली के सरासर खिलाफ है। इसलिए वह राष्ट्र विरोधी है। मौलाना नुमानी को गत महीने मौलाना गुलाम मोहम्मद वस्तानवी को हटाकर मजलिसे शूरा ने दारूल उलूम का नया प्रमुख नियुक्त किया है। मौलाना शुरू से ही कांग्रेसी रहे हैं। कहा जाता है कि उन्होंने यह बयान मदनी परिवार के दबाव पर दिया है। इस परिवार के मुखिया अरशद मदनी के कांग्रेस के साथ गहरे संबंध हैं। असम विधानसभा के हाल के चुनावों में उन्होंने खुलकर कांग्रेस के पक्ष में प्रचार किया था। कांग्रेस आलाकमान के इशारे पर ही उन्होंने असम डेमोक्रेटिक फ्रंट के प्रमुख बदरुद्दीन अजमल को असम जमियते उलेमा के अध्यक्ष पद से हटा दिया था।

 

कांग्रेसियों ने रातोंरात अनेक मुस्लिम जेबी संगठन बना डाले हैं जो मिलकर अण्णा के आंदोलन का विरोध कर रहे हैं। इनके अण्णा विरोधी वक्तव्यों को दिल्ली से प्रकाशित होने वाले कई उर्दू अखबार धुंआधार तरीके से प्रकाशित कर रहे हैं। इन समाचारपत्रों का संबंध कांग्रेस द्वारा गठित उर्दू एडीटर्स फोरम नामक संगठन से बताया जाता है। उर्दू समाचारपत्रों को सरकार कुल विज्ञापनों में से 25 प्रतिशत सरकारी विज्ञापन देने के सब्जबाग दिखा रही है, जबकि इस समय उन्हें कुल सरकारी विज्ञापनों का चार प्रतिशत ही प्राप्त होता है। इसके अतिरिक्त मनमोहन सरकार की ओर से उर्दू समाचारपत्रों को करोड़ों रुपये की आर्थिक सहायता देने का भी आश्वासन दिया गया है। द

ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

terrorist attack in congo

इस्लामिक आतंकवादी समूह ADF का कांगो में कहर: वाल्से वोनकुतु में 66 की गला काटकर हत्या

धर्मशाला में परम पावन दलाई लामा से आशीर्वाद लेते हुए केन्द्रीय मंत्री श्री किरन रिजीजू

चीन मनमाने तरीके से तय करना चाहता है तिब्बती बौद्ध गुरु दलाई लामा का उत्तराधिकारी

EC to start SIR

Voter Verification: चुनाव आयोग का बड़ा फैसला: पूरे देश में लागू होगा SIR

Iran warns europe drone attack

ईरान की धमकी: पांच ड्रोन यूरोप को बनाएंगे निशाना

नूंह में शोभायात्रा पर किया गया था पथराव (फाइल फोटो)

नूंह: ब्रज मंडल यात्रा से पहले इंटरनेट और एसएमएस सेवाएं बंद, 24 घंटे के लिए लगी पाबंदी

गजवा-ए-हिंद की सोच भर है ‘छांगुर’! : जलालुद्दीन से अनवर तक भरे पड़े हैं कन्वर्जन एजेंट

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

terrorist attack in congo

इस्लामिक आतंकवादी समूह ADF का कांगो में कहर: वाल्से वोनकुतु में 66 की गला काटकर हत्या

धर्मशाला में परम पावन दलाई लामा से आशीर्वाद लेते हुए केन्द्रीय मंत्री श्री किरन रिजीजू

चीन मनमाने तरीके से तय करना चाहता है तिब्बती बौद्ध गुरु दलाई लामा का उत्तराधिकारी

EC to start SIR

Voter Verification: चुनाव आयोग का बड़ा फैसला: पूरे देश में लागू होगा SIR

Iran warns europe drone attack

ईरान की धमकी: पांच ड्रोन यूरोप को बनाएंगे निशाना

नूंह में शोभायात्रा पर किया गया था पथराव (फाइल फोटो)

नूंह: ब्रज मंडल यात्रा से पहले इंटरनेट और एसएमएस सेवाएं बंद, 24 घंटे के लिए लगी पाबंदी

गजवा-ए-हिंद की सोच भर है ‘छांगुर’! : जलालुद्दीन से अनवर तक भरे पड़े हैं कन्वर्जन एजेंट

18 खातों में 68 करोड़ : छांगुर के खातों में भर-भर कर पैसा, ED को मिले बाहरी फंडिंग के सुराग

बालासोर कॉलेज की छात्रा ने यौन उत्पीड़न से तंग आकर खुद को लगाई आग: राष्ट्रीय महिला आयोग ने लिया संज्ञान

इंटरनेट के बिना PF बैलेंस कैसे देखें

EPF नियमों में बड़ा बदलाव: घर खरीदना, इलाज या शादी अब PF से पैसा निकालना हुआ आसान

Indian army drone strike in myanmar

म्यांमार में ULFA-I और NSCN-K के ठिकानों पर भारतीय सेना का बड़ा ड्रोन ऑपरेशन

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies