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'भ्रष्टाचार से मुक्ति का मार्ग: वैयक्तिक संकल्प एवं जनान्दोलन' विषयक संगोष्ठी
जन-जन की सजगता से ही
भ्रष्टाचार से मुक्ति सम्भव
–राममाधव
सदस्य, अ.भा.कार्यकारी मंडल, रा.स्व.संघ
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय कार्यकारी मण्डल के सदस्य श्री राममाधव ने कहा कि भ्रष्टाचार से मुक्ति के लिए जन-जन को सजग होना पड़ेगा। यह बुराई समाज में ऊपर से नीचे तक व्यापक स्तर पर फैल चुकी है। जनान्दोलन मात्र सत्ता परिवर्तन तक सीमित नहीं रहना चाहिए। वे गत 5 सितम्बर को अयोध्या में 'भ्रष्टाचार से मुक्ति का मार्ग: वैयक्तिक संकल्प एवं जनान्दोलन' विषयक संगोष्ठी को संबोधित कर रहे थे।
श्री राममाधव ने आगे कहा कि भ्रष्टाचार को लेकर राष्ट्रव्यापी बहस छिड़ी हुई है। समाज में श्री अण्णा हजारे से पूर्व भी लोकनायक जय प्रकाश नारायण व पूर्व प्रधानमंत्री बीपी सिंह ने राष्ट्रव्यापी आन्दोलन चलाया था। लेकिन वह केवल सत्ता परिवर्तन तक सीमित रह गया। ऐसे आन्दोलनों को सत्ता की सीढ़ी नही बनने देना चाहिए। उन्होंने कहा कि शासन के तंत्र की बागडोर चाहे किसी के हाथ में हो लेकिन वह सच्चरित्र व्यक्तित्व का होना चाहिए, तभी व्यवस्थाएं सुधरेंगी। उन्होंने भ्रष्टाचार को जड़ से समाप्त करने के लिए चुनाव सुधार के साथ-साथ कॉरपोरेट जगत के भ्रष्टाचार पर भी लगाम लगाने की आवश्यकता जताते हुए कहा कि रूस में एक तेल कम्पनी के मालिक को भ्रष्टाचार में लिप्त पाये जाने पर दस वर्ष की सजा सुनाई गई। वह आज भी कारागार में बन्द है। लेकिन भारत में यह संभव नही हो पा रहा है। उन्होंने स्वयंसेवी संगठनो पर अंकुश की वकालत करते हुए उनके कार्यों के मूल्यांकन की जरूरत बताई। श्री राममाधव ने कहा कि भारत में जनता निराश है और राजनीति में विकल्पहीनता की स्थिति है। सभी दलों में भ्रष्टाचारी मौजूद हैं। इसलिए अब राजनीतिक दलों को त्याग करना होगा और जनता को भ्रष्टाचार मुक्त शासन देने का विश्वास दिलाना होगा। तभी आमजन जाति, मत-पंथ से ऊपर उठकर मतदान में सहयोगी होगा।
संगोष्ठी में 'यूथ अगेंस्ट करप्शन' के प्रान्तीय सह संयोजक श्री राकेश त्रिपाठी, सद्गुरुसदन गोलाघाट के महन्त सियाकिशोरी शरण, श्री अनिल तिवारी तथा पत्रकार श्री राजेन्द्र पाण्डेय ने भी संबोधित किया। इस अवसर पर सह प्रान्त कार्यवाह डा. ईश्वर चन्द सहित गण्यमान्य नागरिक बड़ी संख्या में उपस्थित थे। द प्रतिनिधि
किसान दिवस (बलराम जयंती) पर वक्ताओं ने कहा
किसानों की खुशहाली से ही होगा देश समृद्ध
नई दिल्ली स्थित भारतीय किसान संघ के केन्द्रीय कार्यालय में गत 3 सितम्बर को किसान दिवस (बलराम जयंती) के उपलक्ष्य में कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर उपस्थित वक्ताआंे ने एक स्वर में कहा कि किसानों की खुशहाली के बिना देश की समृद्धि की कल्पना नहीं की जा सकती।
कार्यक्रम का शुभारम्भ ध्वजारोहण तथा दीप प्रज्ज्वलन से हुआ। तत्पश्चात् किसान संघ के राष्ट्रीय महामंत्री श्री प्रभाकर केलकर ने कहा कि सारे देश में किसान बंधु बलराम जयंती धूमधाम से मनाते हैं। आज भी किसान संघ के नेतृत्व में अनेक स्थानांे पर बलराम जयंती के कार्यक्रम किए जा रहे हैं। श्री केलकर ने बहुत व्यथित मन से कहा कि हमारे अन्नदाता (किसान) की दशा आज बिल्कुल ठीक नहीं है, पर दुर्भाग्य है कि उस ओर किसी का ध्यान नहीं जा रहा।
राष्ट्रीय मंत्री श्री सुनील पांडे ने कहा कि देश की खाद्य सुरक्षा खतरे में है, लेकिन खेती योग्य भूमि का लगातार अधिग्रहण किया जा रहा है। भूमि अधिग्रहण कानून में मौलिक बदलाव लाया जाए, जोकि किसानों के अनुरूप हो। इस अवसर पर राष्ट्रीय मंत्री श्री मोहिनी मोहन मिश्र, उत्तर क्षेत्र संगठन मंत्री श्री चंद्रशेखर, जम्मू-कश्मीर प्रांत के संगठन मंत्री श्री करण सिंह, दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष श्री अतर सिंह सहित किसान संघ के पदाधिकारी तथा किसान बंधु बड़ी संख्या में उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन दिल्ली प्रदेश के महामंत्री श्री जगदीश निर्मोही ने किया। द प्रतिनिधि
इन्द्रप्रस्थ विश्व हिन्दू परिषद की मांग
अफजल की फांसी पर न हो राजनीति
इन्द्रप्रस्थ विश्व हिन्दू परिषद की गत दिनों झंडेवालान में सम्पन्न हुई बैठक में संसद पर हमले में फांसी की सजा प्राप्त अफजल पर की जा रही राजनीति की तीखी भर्त्सना की गई। इंद्रप्रस्थ विश्व हिन्दू परिषद के महामंत्री श्री सत्येन्द्र मोहन ने अफजल को बचाने के षडयंत्रकारी कदम की तीखी आलोचना करते हुए कहा कि राजनेता संसद पर आक्रमण करने वाले देश के दुश्मन को संरक्षण देकर जनता को और गुमराह करने से बाज आएं, अन्यथा देश उन्हें कभी माफ नहीं करेगा। बैठक में इस संबंध में एक प्रस्ताव भी पारित किया गया। बैठक में संगठन मंत्री श्री करुणा प्रकाश, मीडिया प्रमुख श्री विनोद बंसल सहित अनेक पदाधिकारी उपस्थित थे। द प्रतिनिधि
'भ्रष्टाचार के विरुद्ध युवा' पर सम्मेलन
युवाओं से सक्रिय होने का आह्वान
'देश का युवा भ्रष्टाचार को समाप्त करने का संकल्प ले और इसे समाप्त करने के लिए सक्रिय हो जाए तो देश में पनप रहे भ्रष्टाचार से देश को मुक्त कराया जा सकता है।' उक्त विचार गत 4 सितम्बर को हिसार में आयोजित 'भ्रष्टाचार के विरुद्ध युवा' सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए वक्ताओं ने व्यक्त किए। कार्यक्रम का आयोजन युवा मंच के तत्वावधान में किया गया।
सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए विहिप के प्रांतीय मंत्री श्री प्रद्युम्न शर्मा ने कहा कि यह भारत भक्ति ही है जो आज देश के युवा को भ्रष्टाचार के विरुद्ध खड़ा कर रही है। उन्होंने स्पष्ट किया कि यह लड़ाई राजनीतिक या स्वयं की सुविधाओं के लिए नहीं, अपितु भारत की प्रतिष्ठा को ऊंचा उठाने का आन्दोलन है। कार्यक्रम का संचालन विहिप के प्रांतीय प्रवक्ता श्री विजय शर्मा ने किया।
कार्यक्रम में युवा मंच के संयोजक डा. जगबीर सिंह, सह संयोजक श्री राजकुमार शर्मा अखिल भरतीय विद्यार्थी परिषद के श्री बलजीत पूनिया, स्वामी लोकेशानन्द, श्रीमती कमल जैन सहित शहर के युवा बड़ी संख्या में उपस्थित थे।द प्रतिनिधि
भुवनेश्वर में 'यूथ अगेंस्ट करप्शन' की कार्यशाला
व्यवस्था के भारतीयकरण पर जोर
'अंग्रेजों द्वारा स्थापित व्यवस्था का भारतीयकरण, नैतिक मूल्यों का प्रोत्साहन, भ्रष्टाचार के खिलाफ कड़ा कानून, दृढ़ राजनीतिक इच्छाशक्ति व नागरिकों के बीच जागरूकता के जरिये भ्रष्टाचार के खिलाफ युद्ध लड़ा जा सकता है और इसमें युवाओं की भूमिका महत्वपूर्ण है'। उक्त बातें गत दिनों 'यूथ अएगेंस्ट करप्शन' द्वारा भुवनेश्वर में आयोजित 'भ्रष्टाचार विरोधी अभियान' कार्यक्रम को संबोधित करते हुए वक्ताओं ने कहीं।
व्यवस्था परिवर्तन पर बोलते हुए अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डा. रविरंजन सेन ने कहा कि अंग्रेजों के जाने और भारत के स्वतंत्र होने के बाद भी हमने अंग्रेजी व्यवस्था व प्रणाली को जारी रखा। यही कारण है कि भ्रष्टाचार को समाप्त नहीं किया जा पा रहा है। व्यवस्था का भारतीयकरण किया जाना आज समय की आवश्यकता है।
कार्यक्रम को अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के क्षेत्रीय संगठन मंत्री श्री श्याम मोगा तथा न्यायमूर्ति (से.नि.) चौधरी प्रताप आदित्य मिश्र ने भी संबोधित किया। इस अवसर पर विद्यार्थी परिषद के प्रदेश संगठन मंत्री श्री गोविंद नायक सहित विभिन्न कालेजों के छात्र तथा परिषद के कार्यकर्ता बड़ी संख्या में उपस्थित थे। द समन्वय नंद
45 शिक्षक सम्मानित
शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास के तत्वावधान में गत दिनों दिल्ली में शिक्षक सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। इसमें दिल्ली के विभिन्न विद्यालयों के करीब 45 शिक्षकों को सम्मानित किया गया।
समारोह की अध्यक्षता रा.स्व.संघ, यमुना विहार विभाग के विभाग संघचालक श्री मदन प्रसाद महतो ने की, जबकि मुख्य वक्ता शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास के अध्यक्ष श्री दीनानाथ बत्रा थे। मुख्य अतिथि के रूप में दिल्ली के पूर्व उप महापौर श्री महेश चंद शर्मा उपस्थित थे। शिक्षक के महत्व पर प्रकाश डालते हुए श्री दीनानाथ बत्रा ने कहा कि हर व्यक्ति के जीवन में शिक्षक का बहुत महत्व है। वह शिक्षक ही है जो कच्ची मिट्टी रूपी बालक को तराशकर एक सुंदर प्रतिमा के रूप में तैयार करता है। शिक्षकों को चाहिए कि वे बालकों को संस्कारवान बनाने वाली शिक्षा दें। इस अवसर पर स्थानीय विद्यालयों के छात्रों द्वारा विभिन्न प्रकार के सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए गए। कार्यक्रम का संचालन श्री संजय स्वामी ने किया। द प्रतिनिधि
स्व. मोरोपंत पिंगले स्मृति जनता बैंक पुरस्कार
समाज में विश्वास बना रहना जरूरी
–मोहनराव भागवत, सरसंघचालक, रा.स्व.संघ
'देश में भ्रष्टाचार फैलने के कारण जीवन के सभी क्षेत्रों में विश्वास एवं भरोसे में कमी की समस्या आज विकराल रूप ले चुकी है। ऐसे में श्री अण्णा हजारे जैसे व्यक्ति विश्वास एवं भरोसे की मिसाल बनकर उभर रहे हैं। ऐसे व्यक्तियों के कारण ही समाज में विश्वास बना रहता है, जो सारे समाज के लिए जरूरी है।' उक्त उद्गार रा.स्व.संघ के सरसंघचालक श्री मोहनराव भागवत ने गत दिनों पुणे में जनता सहकारी बैंक के कार्यक्रम को संबोधित करते हुए व्यक्त किए। इस अवसर पर विकलांगों के विकास में संलग्न नागपुर की संस्था 'सक्षम' को स्व. मोरोपंत पिंगले स्मृति जनता बैंक पुरस्कार दिया गया।
जनता सहकारी बैंक के संबंध में बोलते हुए श्री भागवत ने कहा कि बैंक के कार्यकर्ताओं ने अपने प्रयास, लगन और भरोसे के साथ शुद्ध एवं सुस्पष्ट कारोबार के माध्यम से बैंक का पुराना घाटा समाप्त करने के साथ-साथ करोड़ों का लाभ अर्जित किया है। यह बहुत ही सराहनीय कार्य है। इस अवसर पर श्री भागवत ने 'सक्षम' के प्रमुख श्री मिलिंद कसबेकर को एक लाख रुपए व स्मृति चिह्न देकर सम्मानित किया। कार्यक्रम में बैंक के अध्यक्ष श्री विद्याधर दामले, उप-कार्याध्यक्ष श्री संजय लेले, संचालक श्री जगदीश कदम सहित बड़ी संख्या में गण्यमान्य नागरिक उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन श्री राहुल सोलापुरकर ने किया, जबकि आभार प्रकट किया श्री संजय लेले ने।
द द.बा.आंबुलकर
अ.भा.शैक्षिक महासंघ के प्राथमिक संवर्ग का राष्ट्रीय सम्मेलन
शिक्षा में हो जीवनमूल्य, अस्मिता तथा संस्कृति का समावेश
–डा. बजरंग लाल गुप्त, क्षेत्र संघचालक, उत्तर क्षेत्र, रा.स्व.संघ
गत दिनों अखिल भारतीय शैक्षिक महासंघ के प्राथमिक संवर्ग का राष्ट्रीय सम्मेलन बिलासपुर (छ.ग.) में सम्पन्न हुआ। इसमें 17 राज्यों के कुल 492 कार्यकर्ताओं ने भाग लिया।
सम्मेलन के समापन सत्र को संबोधित करते हुए रा.स्व.संघ, उत्तर क्षेत्र के क्षेत्र संघचालक डा. बजरंग लाल गुप्त ने कहा कि स्वतंत्रता के बाद भी ठीक शिक्षा नहीं दी जा रही, यह बहुत ही चिंता की बात है। उन्होंने कहा कि जीवनमूल्य, अस्मिता तथा संस्कृति का समावेश वर्तमान पाठ्यक्रम में नहीं है, इसके विपरीत पाश्चात्य संस्कृति के विषयों का अध्ययन कराया जा रहा है। डा. गुप्त ने कहा कि शिक्षक, बालकों में बौद्धिक विवेकशून्यता को दूर कर व्याप्त भ्रम को हटाएं तथा राष्ट्र की संस्कृति की शिक्षा दें। भारत की संस्कृति, परिवेश, प्रकृति, पर्यावरण तथा देशानुकूल शिक्षा दें। उन्होंने कहा कि भारत के प्रतिभावान व्यक्तियों ने विश्व के सभी देशों में पहचान बनाई है। शिक्षक ऐसे उदाहरणों को ध्यान में रखकर विद्यार्थियों को शिक्षित करें।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित छत्तीसगढ़ विधानसभा के अध्यक्ष श्री धरम लाल कौशिक ने भारतीय शिक्षा पद्धति पर बोलते हुए कहा कि हमें चिंतन करना होगा कि हम किस प्रकार की शिक्षा दे रहे हैं। इस अवसर पर शैक्षिक महासंघ की स्मारिका का लोकार्पण भी किया गया। कार्यक्रम में शैक्षिक महासंघ के राष्ट्रीय संगठन मंत्री श्री महेन्द्र कपूर, सह संगठन मंत्री श्री ओमपाल सिंह सहित शैक्षिक महासंघ के अनेक कार्यकर्ता उपस्थित थे।
सम्मेलन में सर्वसम्मति से तीन प्रस्ताव पारित हुए। ये हैं- शिक्षकों के नए पद सृजित हों एवं स्थायी प्रशिक्षित शिक्षकों की नियुक्ति की जाए, शिक्षक भर्ती में पात्रता प्रवेश परीक्षा का दोहरा मापदण्ड समाप्त हो तथा शिक्षिकों को छठे वेतनमान की संस्तुतियों के अनुरूप वेतनमान दिया जाए। द प्रतिनिधि
श्रीराम साठे स्मृति व्याख्यान
प्रसिद्ध इतिहासकार श्री श्रीराम साठे की स्मृति में गत दिनों हैदराबाद में व्याख्यान का आयोजन किया गया। 'वर्तमान में चाणक्य की प्रासंगिकता' विषय पर हुए व्याख्यान का आयोजन अखिल भारतीय इतिहास संकलन योजना के तत्वावधान में सम्पन्न हुआ। श्री साठे इतिहासकार होने के साथ-साथ इतिहास संकलन योजना के संस्थापक सदस्य भी थे।
कार्यक्रम के मुख्य वक्ता इतिहास संकलन योजना के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्री एम.ए. नरसिंहमन थे। अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि हमें आचार्य चाणक्य द्वारा लिखित 'अर्थशास्त्र' का अध्ययन करने की जरूरत है। इस अवसर पर राष्ट्र सेविका समिति की अ.भा.कार्यकारिणी की सदस्य तथा स्व. साठे जी की बहन श्रीमती सुशीला ताई, श्री हरिहर शर्मा सहित बड़ी संख्या में इतिहास संकलन योजना के कार्यकर्ता तथा शहर के गण्यमान्य नागरिक उपस्थित थे। द प्रतिनिधि
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