अपने गिरेबां में झांकें दिग्विजय सिंह!
July 13, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम Archive

अपने गिरेबां में झांकें दिग्विजय सिंह!

by
Dec 31, 2011, 12:00 am IST
in Archive
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

चर्चा सत्र

दिंनाक: 31 Dec 2011 15:46:43


चर्चा सत्र

बल्देव भाई शर्मा

दस जनपथ के कारिंदे और सोनिया कांग्रेस के महासचिव दिग्विजय सिंह का प्रलाप 5 राज्यों, विशेषकर उत्तर प्रदेश विधानसभा का चुनाव नजदीक आने पर और ज्यादा बढ़ गया है। उन्होंने दस जनपथ के इशारे पर मुस्लिम तुष्टीकरण की कांग्रेसी मुहिम को परवान चढ़ाने के लिए संघ किंवा हिन्दुत्वविरोधी “वही राग बेढंगा” अब ज्यादा तेज कर दिया है। कांग्रेस का यह चरित्र रहा है कि जब-जब उसके कुशासन व भ्रष्ट सत्ता के विरुद्ध जनता ने हुंकार भरी और उसे अपना सिंहासन डोलता नजर आया, तब-तब वह संघ पर ज्यादा हमलावर हो जाती है और उसे अपनी अनैतिक व अलोकतांत्रिक सत्ता के विरुद्ध खड़ा हर व्यक्ति “संघ का एजेंट” नजर आने लगता है। पूर्व में वह इस “खिताब” से बाबू जयप्रकाश नारायण, चंद्रशेखर व विश्वनाथ प्रताप सिंह तक को नवाज चुकी है और अब जब बाबा रामदेव व अण्णा हजारे के नेतृत्व में भ्रष्टाचार व कालेधन को लेकर कांग्रेसनीत मनमोहन सरकार के खिलाफ पूरे देश में जबर्दस्त जनांदोलन चल रहा है तो इस जनाक्रोश को बेअसर करने के लिए वह इन दोनों को “संघ का एजेंट” बता रही है। इस मुहिम की कमान सोनिया गांधी ने अपने चहेते दिग्विजय सिंह को सौंप रखी है जो ढूंढ-ढूंढकर ऐसे नुक्ते तलाश रहे हैं जिससे बाबा रामदेव व अण्णा हजारे की संघ से निकटता दिखाकर उन्हें “कटघरे” में खड़ा कर सकें ताकि उनका आंदोलन विवादास्पद बनाया जा सके। लेकिन हो इसके विपरीत रहा है। देश में भष्टाचार व कालेधन के विरुद्ध चल रहे आंदोलन को और ज्यादा गति व ऊर्जा मिल रही है तथा भ्रष्ट संप्रग सरकार के कुशासन को लेकर देशभर में कांग्रेस की थू-थू हो रही है। कांग्रेस अपनी सत्ता के विरुद्ध पनप रहे इस व्यापक जनाक्रोश का सामना करने से तो कतरा ही रही है, उसके इशारे पर जनता का ध्यान भ्रष्टाचार व कालेधन के विरुद्ध चल रही मुहिम से हटाने के लिए दिग्विजय सिंह नए-नए शिगूफे छोड़ रहे हैं।

नया शिगूफा

दिग्विजय सिंह ने अब प्रख्यात समाजसेवी नानाजी देशमुख के साथ अण्णा हजारे का फोटो दिखाकर एक नया शिगूफा उछाला है कि अण्णा हजारे व नानाजी देशमुख की निकटता दर्शाती है कि अण्णा के संघ से संबंध रहे हैं। वह भूल जाते हैं कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ समाज सेवा, देशभक्ति व चरित्र निर्माण का एक सांस्कृतिक अधिष्ठान है जहां राष्ट्रवादी संस्कार भावनाओं का सम्मिलन एक स्वाभाविक प्रक्रिया है। राष्ट्र के नवनिर्माण में जुटे अनेक लोग, जिनका संघ से प्रत्यक्ष कभी कोई संबंध नहीं रहा, समय-समय पर संघ के निकट आकर उसके कार्य को देखते व सराहते रहे हैं, इनमें नेताजी सुभाषचंद्र बोस व महात्मा गांधी तक शामिल हैं। दिग्विजय सिंह व सोनिया कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व को शायद यह भी याद नहीं कि 1962 के भारत-चीन युद्ध के दौरान संघ के स्वयंसेवकों द्वारा जान की बाजी लगाकर युद्ध के मोर्चे पर सेना का सहयोग किए जाने से उनके पूर्वज दिग्गज कांग्रेसी नेता व भारत के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू इतने प्रभावित हुए कि उन्होंने 26 जनवरी, 1963 को राजपथ पर गणतंत्र दिवस की परेड में संघ स्वयंसेवकों के पूर्ण गणवेश में सम्मिलित होने की इच्छा व्यक्त की और स्वयंसेवक उनकी भावनाओं का सम्मान करते हुए उस गौरवपूर्ण इतिहास का हिस्सा बन गए। यह वही नेहरू थे जिन्होंने गांधी हत्या के झूठे आरोप में संघ को कुचल देने का संकल्प जताया था। संघ के स्वयंसेवकों की त्याग-तपस्या और देशभक्ति से अभिभूत होकर संघ के प्रति उनकी धारणा बदली और उन्होंने संघ को इतना सम्मान दिया, तो क्या दिग्विजय सिंह नेहरू को “संघ का एजेंट” कहने की हिम्मत करेंगे? सरदार बल्लभ भाई पटेल और लालबहादुर शास्त्री जैसे मूर्धन्य कांग्रेसी नेताओं ने भी संघ के प्रति जो उदात्त भाव प्रकट किए, शायद दिग्विजय सिंह उसके बारे में नहीं जानते, अथवा उन्हें भी “संघ का एजेंट” बताने से नहीं चूकते।

राष्ट्र के मोर्चे पर सन्नद्ध रा.स्व.संघ

बिहार के अकाल में स्वयंसेवकों की सेवाभावना व ईमानदारी देखकर कभी घोर संघ विरोधी रहे बाबू जयप्रकाश नारायण इतने अभिभूत हो गए कि कालांतर में उनके संपूर्ण क्रांति आंदोलन की जिम्मेदारी संघ संस्कार से प्रेरित युवाओं-छात्रों और समाजशक्ति ने ही संभाली। राष्ट्र की सुरक्षा का प्रश्न हो या देश के किसी भी कोने में आई भीषण प्राकृतिक आपदा, संघ की देशभक्ति और सेवा भावना से अनुप्राणित स्वयंसेवक सबसे पहले वहां पहुंचकर जुट जाते हैं। अनेक बार प्रशासन और मीडिया ने न केवल इसकी तस्दीक की है, बल्कि उसे सराहा भी है। देश में वंचितों, पिछड़े वर्गों व जनजातियों के उत्कर्ष के लिए संघ की प्रेरणा से डेढ़ लाख से ज्यादा सेवा कार्य संचालित हैं जिनमें लाखों कार्यकर्ता अहर्निश जुटे हैं। हिन्दुत्व किंवा राष्ट्रवाद के जागरण व समाज सेवा में निरंतर सन्नद्ध संघ के अनेक प्रमुख कार्यकर्ताओं द्वारा संचालित लोकजागरण व सेवा के प्रकल्पों में  संघ की विचारधारा से मतैक्य न रखने वाले भी कई लोग सहर्ष उपस्थित होते हैं, इसके क्या वे “संघ के एजेंट” हो गए? यह बेहद संकीर्ण और कलुषित सोच है। पूर्व राष्ट्रपति डा. अब्दुल कलाम, प्रमुख कांग्रेसी नेता बलराम जाखड़, समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष मुलायम सिंह सदृश अनेक लोग नानाजी देशमुख के ग्राम विकास प्रकल्प के अद्भुत प्रयोगों से हजारों गांवों की खुशहाली व आत्मनिर्भरता से प्रभावित होकर समय-समय पर विभिन्न कार्यक्रमों में मंच पर नानाजी के साथ बैठे तो क्या वे “संघ के एजेंट” हो गए? देश में सात्विक व राष्ट्रभक्त शक्ति के उदय से घबराई क्षुद्र स्वार्थों में संलग्न कांग्रेसी सत्ता की यह बौखलाहट है, जिसकी दुष्प्रेरणा से सोनिया गांधी के एक और सिपहसालार व उनकी अध्यक्षता वाली राष्ट्रीय सलाहकार परिषद, जो समानांतर सत्ता-केन्द्र है, के प्रमुख स्तंभ हर्षमंदर को भारतमाता का चित्र भी इसलिए त्याज्य लगता है क्योंकि उसकी छवि संघ द्वारा स्थापित भारत माता की छवि जैसी है। भारत माता तो प्रत्येक देशवासी की आराध्य होनी चाहिए, लेकिन उसे भी संघ से जोड़कर देखना उनकी मातृभूमि के प्रति भक्ति पर ही सवाल खड़े करता है। संघ से जुड़ा होने के कारण क्या कोई राष्ट्रीय प्रतीक या अभियान त्याज्य हो जाएगा? ऐसे दुष्प्रचार के द्वारा हर्षमंदर और दिग्विजय जैसे लोग देश की जनता को भ्रमित करके कांग्रेस के घृणित सत्ता-स्वार्थों को साधने के हस्तक मात्र बनकर रह गए हैं। राष्ट्रभक्ति, समाजसेवा और सामाजिक समरसता का अलख जगाते हुए राष्ट्र निर्माण में जुटा संघ तो भारतवासियों के लिए गौरव का विषय है, उससे दूरी तो सिर्फ वही लोग बनाएंगे जो इस देश के राष्ट्रीय व सामाजिक सरोकारों से कटे रहकर सिर्फ सत्ता स्वार्थों के लिए जी रहे हैं।

इन्हें देशभक्त नहीं, आतंकवादी प्रिय

दिग्विजय सिंह खुद अपने गिरेबां में झांककर देखें कि वह जब जिहादी आतंकवादियों के परिजनों की चौखट पर संजरपुर में जाकर माथा रगड़ते हैं और शोक संवेदना जताते हैं, उन्हें न्याय दिलाने की दिलासा देते हैं, तब क्या वह “जिहादी आतंकवादियों के एजेंट” होने जैसा व्यवहार नहीं करते? उलटे वह इन राष्ट्रद्रोहियों से लोहा लेते हुए शहीद होने वाले मोहनचंद शर्मा जैसे देशभक्त जांबाजों पर उंगली उठाते हैं। पूरे विश्व को जिहादी आतंकवाद की आग में झोंकने वाले अलकायदा के सरगना ओसामा बिन लादेन के मारे जाने पर उसे “ओसामा जी” कहकर महिमामंडित करने वाले दिग्विजय सिंह यह क्यों भूल जाते हैं कि नानाजी देशमुख के साथ तो एक अवसर पर उनका भी फोटो है और संघ को पानी पी-पी कर कोसने वाले दिग्विजय सिंह म.प्र. के मुख्यमंत्री रहते हुए 21 अक्तूबर 1997 को हरिद्वार में आयोजित विराट हिन्दू सम्मेलन में उपस्थित होकर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक प्रो. राजेन्द्र सिंह उपाख्य रज्जू भैया व विश्व हिन्दू परिषद के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अशोक सिंहल के साथ मंच साझा कर चुके हैं तो क्या वह स्वयं भी “संघ के एजेंट” हो गए? यह केवल मुस्लिम वोट बैंक की राजनीति का कांग्रेसी एजेंडा है जिसे उ.प्र. में सत्ता के लिए छटपटाती कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव आते-आते और तेज कर दिया है। इसीलिए मुस्लिमों को खुश करने के लिए दस जनपथ की शह पर चिदम्बरम के “हिन्दू आतंकवाद” से आगे जाकर दिग्विजय सिंह “संघी आतंकवाद” का जुमला गढ़ते हैं और सोनिया गांधी के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय सलाहकार परिषद के हर्षमंदर जैसे सिपहसालार “साम्प्रदायिक व लक्षित हिंसा रोकथाम विधेयक” जैसा देश विभाजनकारी षड्यंत्र रचते हैं। इसी की आगे की कड़ी है मनमोहन सिंह मंत्रिमंडल द्वारा मंजूर की गयी अन्य पिछड़ा वर्ग के आरक्षण में मुस्लिम आरक्षण की सेंध। सत्ता के लिए ऐसे कुत्सित प्रयत्न बेहद शर्मनाक हैं, देश की जनता इसका संज्ञान ले रही है और इसकी सजा भी देगी। द

ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

RSS का शताब्दी वर्ष : संघ विकास यात्रा में 5 जनसंपर्क अभियानों की गाथा

Donald Trump

Tariff war: अमेरिका पर ही भारी पड़ सकता है टैरिफ युद्ध

कपिल शर्मा को आतंकी पन्नू की धमकी, कहा- ‘अपना पैसा वापस ले जाओ’

देश और समाज के खिलाफ गहरी साजिश है कन्वर्जन : सीएम योगी

जिन्होंने बसाया उन्हीं के लिए नासूर बने अप्रवासी मुस्लिम : अमेरिका में समलैंगिक काउंसिल वुमन का छलका दर्द

कार्यक्रम में अतिथियों के साथ कहानीकार

‘पारिवारिक संगठन एवं विघटन के परिणाम का दर्शन करवाने वाला ग्रंथ है महाभारत’

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

RSS का शताब्दी वर्ष : संघ विकास यात्रा में 5 जनसंपर्क अभियानों की गाथा

Donald Trump

Tariff war: अमेरिका पर ही भारी पड़ सकता है टैरिफ युद्ध

कपिल शर्मा को आतंकी पन्नू की धमकी, कहा- ‘अपना पैसा वापस ले जाओ’

देश और समाज के खिलाफ गहरी साजिश है कन्वर्जन : सीएम योगी

जिन्होंने बसाया उन्हीं के लिए नासूर बने अप्रवासी मुस्लिम : अमेरिका में समलैंगिक काउंसिल वुमन का छलका दर्द

कार्यक्रम में अतिथियों के साथ कहानीकार

‘पारिवारिक संगठन एवं विघटन के परिणाम का दर्शन करवाने वाला ग्रंथ है महाभारत’

नहीं हुआ कोई बलात्कार : IIM जोका पीड़िता के पिता ने किया रेप के आरोपों से इनकार, कहा- ‘बेटी ठीक, वह आराम कर रही है’

जगदीश टाइटलर (फाइल फोटो)

1984 दंगे : टाइटलर के खिलाफ गवाही दर्ज, गवाह ने कहा- ‘उसके उकसावे पर भीड़ ने गुरुद्वारा जलाया, 3 सिखों को मार डाला’

नेशनल हेराल्ड घोटाले में शिकंजा कस रहा सोनिया-राहुल पर

‘कांग्रेस ने दानदाताओं से की धोखाधड़ी’ : नेशनल हेराल्ड मामले में ईडी का बड़ा खुलासा

700 साल पहले इब्न बतूता को मिला मुस्लिम जोगी

700 साल पहले ‘मंदिर’ में पहचान छिपाकर रहने वाला ‘मुस्लिम जोगी’ और इब्न बतूता

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies