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Dec 10, 2011, 12:00 am IST
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आवरण कथा

दिंनाक: 10 Dec 2011 17:23:18

चिदम्बरम को क्यों बचाया जा रहा है?

-नितिन गडकरी, अध्यक्ष, भारतीय जनता पार्टी

* बल्देव भाई शर्मा

भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री नितिन गडकरी को दायित्व संभाले दो वर्ष पूरे हो रहे हैं। इस बीच उनके समक्ष उपस्थित रहीं राजनीतिक चुनौतियों व पार्टी को सशक्त व लोकप्रिय बनाने की जिम्मेदारी के निर्वहन में उन्होंने क्या खोया-क्या पाया, पाञ्चजन्य ने इस संबंध में उनसे विस्तार से बातचीत की। प्रस्तुत हैं विस्तृत चर्चा के प्रमुख अंश-

थ् आपको भारतीय जनता पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष बने दो साल पूरे होने जा रहे हैं। आपके कार्यकाल में उपस्थित राजनीतिक चुनौतियों, पार्टी की छवि, उसकी संगठनात्मक क्षमता में सुधार व पार्टी को एक सशक्त राष्ट्रीय विकल्प के रूप में खड़ा करने की दृष्टि से आप क्या सोचते हैं?

दृ भारतीय जनता पार्टी काफी अच्छी स्थिति में है। हमारी एक लोकतांत्रिक पार्टी है। मिलकर काम करने की पद्धति को हमने विकसित किया है और मेरा मानना है कि इस प्रयास में हम काफी सफल रहे हैं। हमारी गतिविधियां निरंतर बढ़ी हैं। संसद में और संसद के बाहर हमने बहुत सक्रिय भूमिका निभाई है, उसी का परिणाम है कि आज केन्द्र सरकार काफी मुश्किलों में फंसी है। हमने बिहार में विधानसभा चुनावों में बहुत अच्छी सफलता अर्जित की। कर्नाटक, गुजरात, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ आदि में जितने भी उपचुनाव हुए उनमें हमने अच्छी सफलता प्राप्त की। हाल ही में कर्नाटक में हुए एक उपचुनाव में जरूर पार्टी को असफलता मिली, लेकिन राज्य में जिला पंचायतों के चुनाव में हमें अच्छी सफलता मिली। कुल मिलाकर देश भर में पार्टी की एक सशक्त भूमिका सामने आई है। आज पार्टी को लेकर कार्यकत्र्ताओं और जनता में भी एक उत्साह है। जबकि कांग्रेस “बैकफुट” पर है। कालेधन का मुद्दा हो या राष्ट्रमंडल खेलों व टू जी स्पेक्ट्रम महाघोटाले में भ्रष्टाचार का मामला, इन सभी को जनता के सामने लाने का काम हमने किया। हमारी इस सब भूमिका के कारण पार्टी के कार्यकत्र्ताओं में भी जबरदस्त उत्साह का वातावरण बना है और देश की जनता में भी पार्टी के प्रति विश्वास बढ़ा है। इस बीच हमने पार्टी के तीस हजार कार्यकत्र्तायों का प्रशिक्षण किया। हमारे सुशासन प्रकोष्ठ के द्वारा भी लगातार अच्छा काम किया जा रहा है। पार्टी की पूरी व्यवस्था को कम्प्यूटरीकृत करके हमने उसमें काफी सुधार किया है। हम पार्टी का एक ‘विजन डाक्यूमेंट’ तैयार कर रहे हैं। पार्टी के अलग-अलग क्षेत्रों में अनेक प्रकार के प्रकोष्ठ और फोरम गठित करके कार्य को और ज्यादा गति प्रदान की गई है। हमें उम्मीद है कि आने वाले समय में पार्टी को अच्छी सफलता मिलेगी और 2014 के लोकसभा चुनाव में हम अच्छी जीत दर्ज कर पाएंगे।

थ् भारतीय जनता पार्टी को जनसंघ के समय से आम जन की पार्टी माना जाता रहा है। लेकिन अब यह छवि बन गई है कि यह समृद्ध और धनवान लोगों की पार्टी है। इस बारे में आपका क्या कहना है?

दृ बड़ी संख्या में भारतीय जनता पार्टी के अनुसूचित जाति, जनजाति और गरीब तबके के सांसद व विधायक निर्वाचित होकर आते हैं। भारतीय जनता पार्टी का जनाधार भी गरीब तबके में ज्यादा है। दरअसल छवि और वास्तविकता के अंतर को समझना जरूरी है। दुर्भाग्य से हमारे बारे में यह दुष्प्रचार किया जाता है कि भारतीय जनता पार्टी उच्च वर्ग के हिन्दुओं या पूंजीपतियों की पार्टी है या भाजपा अमरीका की तरफ झुकी हुई है। ये सब हमारे विरोधियों के द्वारा जनता के मन में बिठाए गए भ्रम हैं। लेकिन वास्तविकता यह नहीं है। हम असंगठित क्षेत्र में काम कर रहे हैं। किसान, गांव, गरीब, मजदूरों के बीच काम कर रहे हैं और हम कहते हैं कि यदि सुखी, समृद्ध और शक्तिशाली हिन्दुस्थान बनाना है तो गांव और गरीबों को मजबूती के साथ खड़ा करना पड़ेगा। आज हमारे देश में आर्थिक स्थितियां इतनी खराब हैं कि किसान बड़ी संख्या में आत्महत्या कर रहे हैं। बड़ी संख्या में नौजवान बेरोजगार हैं। ऐसी स्थिति में हम देश की गरीबी दूर करें, यह हमारा मिशन है। हमारा मानना है कि देश में औद्योगिक विकास दर 12 प्रतिशत और कृषि विकास दर 10 प्रतिशत तक पहुंचे। इसलिए गांव, गरीब, मजदूर व नौजवानों की बात करना व गरीबी उन्मूलन करना हमारा लक्ष्य है। हमारी दृष्टि में राजनीति सामाजिक परिवर्तन का एक सशक्त माध्यम है और इसीलिए  पार्टी के सुशासन प्रकोष्ठ  के द्वारा अन्त्योदय मेला व गरीब मेला जैसे आयोजन हर एक जिले में किए गए हैं। इनके माध्यम से मध्य प्रदेश, गुजरात, उत्तराखंड जैसे अनेक राज्यों में पच्चीस-पचास हजार लोगों को लाभान्वित किया गया है।

थ् अटल बिहारी वाजपेयी के प्रधानमंत्रित्व काल में राजग सरकार के प्रयत्नों से देश की आर्थिक प्रगति का जो ग्राफ बढ़ा, वह संप्रग सरकार को विरासत में मिला। लेकिन इस सरकार के कार्यकाल में देश की आर्थिक स्थिति निरंतर कमजोर होती जा रही है। ऐसा क्यों?

दृ सबसे महत्वपूर्ण बात तो यह है कि एक अर्थशास्त्री प्रधानमंत्री देश के आर्थिक प्रबंधन में पूरी तरह विफल रहे हैं। उनसे देश की जनता ने जो उम्मीद की थी उस पर वह बिल्कुल भी खरे नहीं उतर पाए। महंगाई और बेरोजगारी लगातार बढ़ रही है और इन दोनों के पीछे मुख्य कारण भ्रष्टाचार है। इसी का परिणाम देश में फैली गरीबी है। सरकार की गलत आर्थिक नीतियां और भ्रष्ट कार्यशैली कांग्रेस की प्रमुख देन है। आर्थिक नीतियों में गांव, किसान और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को पूरी तरह उपेक्षित रखा गया। हथकरघा, हस्तशिल्प और कुटीर उद्योग जैसे छोटे व्यवसायों को प्रोत्साहन नहीं दिया गया। देश में पर्यटन को विकसित करना था, जहां रोजगार सृजन की बहुत अधिक संभावनाएं हैं। हमें अपने देश में अधिक से अधिक रोजगार निर्माण करने चाहिए। देश के जो गरीब लोग हैं वे आर्थिक रूप से सक्षम होकर कैसे खुशहाल जीवन जी सकते हैं, यह हमारी प्राथमिक सोच होनी चाहिए। आज भी सिंचाई की व्यवस्था सफलता की कुंजी है। लेकिन वह अभी राज्यों के अधीन है। हमारा सोचना है कि इसके लिए ऐसी व्यवस्था की जाए जिसमें पचास प्रतिशत धनराशि केन्द्र दे और पचास प्रतिशत राज्य सरकार दे, तो इस समन्वित व्यवस्था से देश के ग्रामीण क्षेत्रों और कृषि में आर्थिक हालात इतने सुधर जाएंगे कि ग्रामीण विकास के नये मानक गढ़े जा सकते हैं। आज देश में 58 हजार करोड़ का अनाज प्रतिवर्ष सड़ जाता है। भारतीय खाद्य निगम अत्यधिक कुप्रबंधन का शिकार है, उसके पास न पर्याप्त मात्रा में गोदाम हैं, गोदाम हैं भी तो कई स्थानों पर उनमें पानी का लीकेज है, ऐसी अनेक समस्याएं हैं जिनसे हर वर्ष इतनी बड़ी मात्रा में अनाज सड़ने से देश को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ता है। दरअसल यह सरकार का काम ही नहीं है। उसे इन योजनाओं में जन भागीदारी को प्रोत्साहन देना चाहिए। सरकार को नीति निर्धारण में प्रमुख भूमिका निभानी चाहिए, न कि व्यापार करने में। कहावत भी है जिसका राजा व्यापारी उसकी जनता भिखारी। यदि देश के गांवों में ही दस-दस हजार टन के छोटे-छोटे गोदाम बना दिए जाएं जो किसान, गोदाम मालिक और बैंक के संयुक्त उपक्रम के रूप में निर्मित हों तो जगह-जगह किसान बड़ी आसानी से अपना अनाज वहां संरक्षित कर सकते हैं और भाव बढ़ने पर उस अनाज को ऊंचे दाम पर बेच देंगे तो इससे किसानों को काफी लाभ होगा। आलू और अन्य सब्जियों के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में “कोल्ड स्टोरेज” नहीं होने से बड़ी मात्रा में सब्जियां सड़ जाती हैं। 1947 के बाद केन्द्र और राज्यों में सबसे ज्यादा कांग्रेस ही सत्ता में रही है लेकिन उसने गांव, गरीब, किसान और मजदूर के स्वावलंबन और आर्थिक विकास के लिए कुछ नहीं किया। उसी का परिणाम है कि आज देश के आर्थिक हालात इतने बिगड़ गए।

थ् अगले साल के शुरू में जिन पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं उनमें उत्तर प्रदेश सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण है। वहां माना जाता है कि पार्टी में नेताओं की संख्या कार्यकत्र्ताओं से भी ज्यादा है। ऐसे में नेताओं का परस्पर टकराव हमेशा चर्चा में रहता है। तो उत्तर प्रदेश में जीतने के लिए आपकी क्या तैयारियां हैं?

दृ मुझे ऐसा लगता है कि हम एक लोकतांत्रिक दल हैं, जिसमें सब मिलकर काम करते हैं और इसलिए एक मालिक है और बाकी सब नौकर, इस तरह का हमारी पार्टी का चरित्र नहीं है। इसके कुछ फायदे भी हैं और कभी-कभी कुछ समस्याएं भी खड़ी होती हैं। लेकिन हमारी पार्टी बड़ी मजबूती से उत्तर प्रदेश में काम कर रही है और हमारा चुनाव अभियान शुरू हो चुका है। हमें पूरा विश्वास है कि हम उत्तर प्रदेश में अच्छी जीत हासिल करेंगे।

थ् चर्चाएं हैं कि चुनाव के बाद आप मायावती या मुलायम सिंह के साथ समझौता कर सकते हैं।

दृ नहीं, बिल्कुल नहीं। मायावती और मुलायम सिंह के साथ हम किसी भी प्रकार का समझौता नहीं करेंगे। हम पिछले बार की गलतियां नहीं दोहराएंगे। यह जानबूझकर भ्रम फैलाया जा रहा है। कांग्रेस की ओर से राज्य में यह वातावरण बनाने का प्रयास भी किया जा रहा है कि आगामी विधानसभा के लिए चुनावी लड़ाई बसपा और कांग्रेस के बीच में है। लेकिन यह राहुल गांधी के अभियान का एक मीडिया-नियोजन भर है, वास्तविकता ऐसी नहीं है। कांग्रेस इस बार दो अंकों में भी मुश्किल से सफलता प्राप्त कर पाएगी। जनता मुलायम सिंह के गुंडाराज को फिर से लाना नहीं चाहती। मायावती ने घोषणा की थी कि ‘मैं मुलायम सिंह को जेल में डालूंगी’, उनके इस नारे से प्रभावित होकर जनता ने उनका साथ दिया लेकिन मायावती वैसा कुछ नहीं कर पाईं तो जनता के सामने उनकी असलियत भी आ गई। मुलायम सिंह का गुंडाराज और मायावती का भ्रष्ट राज, दोनों से प्रदेश की जनता खफा है। बाकी बची कांग्रेस, तो उसकी नैया पूरी तरह डूबी हुई है। देश में जो महाघोटाले हुए उनके कारण राज्य में कांग्रेस मुंह दिखाने लायक नहीं बची है। ऐसी स्थिति में भारतीय जनता पार्टी ही एकमात्र विकल्प है और इसलिए जो लोग किन्हीं कारणों से हमें छोड़कर गए थे वे अब वापस हमारे साथ आ रहे हैं। इसलिए मेरा विश्वास है कि निश्चित रूप से हमारी ताकत बढ़ेगी और मुझे उम्मीद है कि अंतत: हम बहुमत की तरफ जा सकते हैं।

थ् उत्तर प्रदेश में भाजपा की ओर से मुख्यमंत्री का नाम घोषित न किए जाने से भी कई तरह की चर्चाएं सामने आ रही हैं।

दृ देखिए, मुख्यमंत्री तो निर्वाचित विधायक ही तय करते हैं। इसलिए हमने तय किया है कि चुनकर आए हुए हमारे जनप्रतिनिधि ही अपना नेता चुनेंगे।

थ् उमा भारती को लेकर प्रदेश के नेताओं में बड़ा खौफ बना हुआ है और अब तो उमा भारती के चुनाव लड़ने की भी बात कही जा रही है। क्या इससे पार्टी को कोई नुकसान होगा?

दृ ऐसा कुछ नहीं है। उमा भारती पार्टी की एक प्रमुख नेता हैं और वह किसी एक प्रांत की नेता नहीं हैं। पूरे देश में उनका एक सम्मानजनक स्थान है। उत्तर प्रदेश से सटे क्षेत्र की होने के कारण वे उत्तर प्रदेश में भी उतनी ही लोकप्रिय हैं। उनके आने से कार्यकत्र्ताओं में उत्साह बढ़ा है। वे मुख्यमंत्री बनने के लिए चुनाव नहीं लड़ रही हैं। वास्तव में राज्य में जिनके नेतृत्व में चुनाव लड़ा जा रहा है वे राजनाथ सिंह, कलराज मिश्र, उमा भारती और सूर्यप्रताप शाही हैं। इन चारों के ही नेतृत्व में पार्टी चुनाव लड़ रही है।

थ् पार्टी में संजय जोशी के आने से और उत्तर प्रदेश में उनकी सक्रियता से क्या वहां संगठनात्मक स्थितियों में कोई सुधार आया है?

दृ हां। संजय जी अच्छा काम कर रहे हैं, उनके आने से काफी फायदा हुआ है। संजय जोशी और उमा भारती दोनों के आने के बाद उत्तर प्रदेश में काफी सुधार हुआ है और इसके परिणामस्वरूप उत्तर प्रदेश में हमारे लिए अच्छे नतीजे आएंगे।

थ् जैसा कि आपने कहा कि केन्द्र में कांग्रेसनीत सरकार काफी अड़चन में है, तो क्या आप केन्द्र में मध्यावधि चुनाव की संभावना देख रहे हैं?

दृ लोगों ने कांग्रेस को पांच साल के लिए चुनकर भेजा था। इसलिए अच्छी सरकार चलाना उनका काम है। अपनी गलतियों से वे लगातार डूब रहे हैं। इसलिए लोगों को मध्यावधि चुनाव की आशंका लगती है। उनको सहारा देना हमारा काम नहीं है। लेकिन हम न चुनाव चाहते हैं और न हमने इस तरह की कोई कोशिश की। इसलिए अपनी करतूतों के कारण यदि कांग्रेस सरकार जाती है तो हम चुनाव लड़ने के लिए पूरी तरह तैयार हैं।

थ् क्या ऐसी स्थिति में भारतीय जनता पार्टी एक सक्षम विकल्प के रूप में अपने आपको तैयार मान रही है?

दृ निश्चित रूप से। आज भी देश में कई राज्यों में राजग की सरकारें हैं जहां 36 प्रतिशत आबादी है। जबकि संप्रग की सरकारें केवल 32 प्रतिशत आबादी तक सीमित हैं। हमारी जहां राज्य सरकारें हैं- मध्यप्रदेश, गुजरात, हिमाचल, उत्तराखंड, छत्तीसगढ़ आदि- वहां कई गुणा ज्यादा काम हो रहा है। सुशासन की दृष्टि से देश में हम अच्छा काम कर रहे हैं। मुझे ऐसा लगता है कि हम कांग्रेस के मुकाबले कई गुणा अच्छा विकल्प दे सकते हैं।

थ् आपने अभी भ्रष्टाचार के खिलाफ भाजपा की मुहिम की बात कही, लेकिन कर्नाटक में तो भ्रष्टाचार का बड़ा मामला सामने आया और मध्य प्रदेश, झारखंड, उत्तराखंड में भी भ्रष्टाचार की चर्चा होती रहती है।

दृ आपने यह अच्छा सवाल उठाया है। मैं पूछना चाहता हूं कि कर्नाटक में येदियुरप्पा के खिलाफ भ्रष्टाचार के क्या आरोप थे? शिवराज सिंह चौहान और अर्जुन मुंडा के खिलाफ तो कोई आरोप ही नहीं हैं। कर्नाटक में लोकायुक्त ने एक निर्णय दिया, उस निर्णय के बारे में मैं टिप्पणी नहीं करना चाहता। लेकिन इस निर्णय के आधार पर पार्टी ने तुरंत येदियुरप्पा को त्यागपत्र देने के लिए कहा। लेकिन दिल्ली में जहां कांग्रेस सरकार है वहां एक मंत्री के खिलाफ लोकायुक्त ने निर्णय दिया तो कांग्रेस पार्टी ने क्या किया? उस मंत्री को पद से नहीं हटाया। अभी कर्नाटक में लोकायुक्त ने केन्द्रीय मंत्री एस.एम.कृष्णा और कुमारस्वामी के बारे में निर्णय दिया तो कांग्रेस ने एस.एम.कृष्णा के बारे में क्या फैसला किया? इसलिए भ्रष्टाचार के मामले में भारतीय जनता पार्टी की तुलना कांग्रेस से नहीं की जा सकती। टू जी स्पेक्ट्रम मामले में ए.राजा जितने दोषी हैं उतने ही चिदम्बरम भी। लेकिन राजा जेल में हैं, चिदम्बरम बाहर क्यों हैं? यदि कांग्रेस भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ना चाहती है तो चिदम्बरम को त्यागपत्र देने के लिए क्यों नहीं कहती? जबकि टू जी स्पेक्ट्रम घोटाले में चिदम्बरम की भी भूमिका है। राजनीति पैसा कमाने का जरिया नहीं हो सकती। पैसा कमाने की चाह रखने वाले लोग सुरक्षित मार्ग से उद्योग, व्यापार, खेती के माध्यम से पैसा कमाएं, फिर राजनीति करें। एम.एल.ए., एम.पी., मंत्री या मुख्यमंत्री बनना, ये पैसा कमाने के माध्यम नहीं हो सकते। भारतीय जनता पार्टी यह बिल्कुल बर्दाश्त नहीं करेगी। जिनको भ्रष्टाचार करके राजनीति करनी है उनके लिए भाजपा में कोई स्थान नहीं है। भारतीय जनता पार्टी राष्ट्र निर्माण के लिए, देश के भविष्य को बदलने के लिए, देश की गरीबी दूर करने के लिए, बेरोजगारों को रोजगार देने के लिए कार्य कर रही है। सुखी-समृद्ध-सम्पन्न और शक्तिशाली तथा आतंकवाद व भ्रष्टाचार से मुक्त हिन्दुस्थान का निर्माण करना, यह भारतीय जनता पार्टी का लक्ष्य है। हम किसी व्यक्ति विशेष के लिए काम नहीं कर रहे। हमको राज नहीं, समाज बदलना है। अपनी इसी रीति-नीति को जनता के बीच स्थापित करने के लिए हमने अटल जी का जन्मदिन सुशासन दिवस के रूप में मनाने का निश्चय किया है। क्योंकि राजग के शासन में भुखमरी, बेरोजगारी, महंगाई जैसी समस्याएं नहीं थीं। भारत के पड़ोसी देशों से अच्छे संबंध थे। किसान खुश थे। भ्रष्टाचार के कोई घोटाले नहीं थे। अटल जी प्रधानमंत्री के रूप में सुशासन के प्रतीक थे और राजग के शासन ने यह सिद्ध किया है। इसलिए हम उनका जन्मदिन पूरे देश में सुशासन दिवस के रूप में मना रहे हैं। इस दिन नगर पालिका, महानगर पालिका, जिला पंचायत जहां भी हमारे कार्यकत्र्ता होंगे वे सुशासन के लिए संकल्प लेंगे और प्रतिज्ञा करेंगे कि भ्रष्टाचार मुक्त और विकासाभिमुख हमारा गांव, नगर, जिला, राज्य व देश बने और हम विकास की ओर देश को लेकर जाएं। कांग्रेस के अब तक के राज और अटल जी के शासन में यह बहुत बड़ा फर्क है। इसी को ध्यान में रखकर भविष्य के लिए सुशासन और विकास, यही हमारा मिशन है। राष्ट्रवाद हमारी प्रेरणा है और पंडित दीनदयाल उपाध्याय के आर्थिक चिंतन यानी अंत्योदय के आधार पर देश का सामाजिक परिवर्तन हमारा लक्ष्य है। और इसलिए हमारा नारा है- पहले देश बाद में दल और उसके बाद मैं। इसलिए समाज के प्रति समर्पित भाव से कार्य करने वाला कार्यकत्र्ता ही भारतीय जनता पार्टी की सबसे बड़ी ताकत है। सत्ता मिलना कठिन बात नहीं है, लेकिन सत्ता मिलने के बाद हम गरीबों के दुख- दर्द दूर कर सकें और सही में हिन्दुस्थान के भविष्य को बदल सकें, यह बड़ी बात है। यही हमारा सपना है, इसे पूरा करने के लिए हम निरंतर कार्य करते रहेंगे।द

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