महिलाओं को मिला सफलता का मंत्र सहकारिता क्षेत्र में महिलाएं आगे आएं
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भिलाई में सहकार भारती का प्रथम महिला सम्मेलन
सहकारिता क्षेत्र में महिलाएं आगे आएं
–भैयाजी जोशी, सरकार्यवाह, रा.स्व.संघ
समापन समारोह में श्री भैयाजी जोशी के साथ मुख्यमंत्री श्री रमन सिंह एवं अतिथिगण
9-10 फरवरी, 2012 को
भोपाल में होगा अन्तरराष्ट्रीय सम्मेलन
'आज सामाजिक जीवन मूल्यों पर आघात कर उन्हें समाप्त करने की कोशिशें की जा रही हैं, पतन एवं क्षरण की इस प्रक्रिया को रोकने में महिलाओं की भूमिका महत्वपूर्ण है। आर्थिक विकास के साथ भारतीय जीवनशैली व संस्कार की रक्षा के लिए महिलाएं सहकारिता के क्षेत्र में आगे आएं'। उक्त उद्गार रा.स्व.संघ के सरकार्यवाह श्री सुरेशराव उपाख्य भैयाजी जोशी ने गत दिनों भिलाई (छ.ग.) में दो दिवसीय प्रथम महिला सम्मेलन के समापन समारोह को संबोधित करते हुए व्यक्त किए। सम्मेलन का आयोजन सहकार भारती के तत्वावधान में हुआ। इसमें देश के 17 राज्यों से 981 महिला प्रतिनिधि व दुर्ग-भिलाई की हजारों सहकारी महिलाओं ने भाग लिया।
श्री भैयाजी ने आगे कहा कि जब भी कभी सामाजिक जीवन के संगठनों का इतिहास लिखा जाएगा, तब सहकार भारती के इस महिला सम्मेलन का वर्णन अवश्य होगा। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री डा. रमन सिंह ने छत्तीसगढ़ के विकास में सहकारिता के महत्व को स्वीकार कर सार्वजनिक वितरण प्रणाली एवं वनोपज की सहकारिता को देश का श्रेष्ठ मॉडल बताया। उन्होंने कहा कि समाज की व्यवस्था सुधारने में महिला सहकारिता का महत्वपूर्ण योगदान है। प्रदेश के विकास का श्रेय भी उन्होंने महिलाओं को दिया।
सहकार भारती के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री सतीश मराठे ने अंतरराष्ट्रीय सहकारिता वर्ष 2012 का उल्लेख करते हुए सहकार भारती द्वारा आगामी 9-10 फरवरी, 2012 को भोपाल में होने वाले अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का जिक्र करते हुए कहा कि इस सम्मेलन से भारतीय सहकारिता का महत्व बढ़ेगा। समापन समारोह में छत्तीसगढ़ विधानसभा के अध्यक्ष श्री धर्मपाल कौशिक, सिंचाई एवं उच्च शिक्षा मंत्री श्री हेमचंद यादव, महिला एवं बाल विकास मंत्री सुश्री लता उसेंडी, संसदीय सचिव श्री विजय बघेल आदि प्रतिष्ठित गण्यमान्यजन भी उपस्थित थे। इस अवसर पर श्री भैयाजी एवं अन्य अतिथियों ने सहकार भारती के प्रतीक चिह्न एवं पत्रिका का लोकार्पण भी किया।
सम्मेलन का उद्घाटन प्रसिद्ध संत स्वामी रामबालक दास महात्यागी व समाजसेवी श्रीमती वीणा रमन सिंह द्वारा सहकारिता ध्वज का ध्वजारोहण कर किया गया। इस अवसर पर उन्होंने सहकार भारती की प्रदर्शनी का लोकार्पण भी किया। सहकारिता को भारतीय जीवन का अभिन्न अंग बताते हुए स्वामी रामबालक दास महात्यागी ने कहा कि बिना संस्कार के सहकार की कल्पना नहीं हो सकती। वहीं श्रीमती वीणा रमन सिंह ने महिलाओं से सहकार भारती व सहकारिता में बढ़-चढ़कर आगे आने का आह्वान किया। कार्यक्रम में विशेष रूप से उपस्थित भारतीय जनता पार्टी महिला मोर्चा की राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमती स्मृति ईरानी ने कहा कि जिस तरह से पश्चिम के मॉडल फेल हो रहे हैं, उससे ऐसा लगता है कि एक दिन ऐसा जरूर आएगा जब भारत पूरी दुनिया को रास्ता दिखाएगा। उन्होंने कहा कि ग्रामीण भारत महिला भागीदारी पर टिका हुआ है तथा महिलाएं ही वहां की तस्वीर बदलेंगी।
सम्मेलन के दौरान 'देश में महिलाओं की वर्तमान स्थिति व महिला सक्षमीकरण' विषय पर रा.स्व.संघ, उत्तर क्षेत्र के क्षेत्र संघचालक डा. बजरंग लाल गुप्त व अखिल भारतीय महिला समन्वय प्रमुख सुश्री गीता ताई गुंडे ने संबोधित किया। वहीं संगठनात्मक समापन सत्र को सहकार भारती के राष्ट्रीय संगठन मंत्री श्री विजय देवांगन, राष्ट्रीय महिला प्रमुख श्रीमती विजयाताई भुसारी ने संबोधित किया। 'महिलाओं के विकास में सहकारी संस्थाओं का योगदान' विषय पर आयोजित परिसंवाद की अध्यक्षता सुश्री गीता ताई गुंडे ने की।
परिचर्चा में दुग्ध सहकारिता पर चर्चा करते हुए दुग्ध सहकारी संघ, उदयपुर की अध्यक्ष श्रीमती गीता पटेल ने कहा कि 18 साल पहले हमने 5 लीटर दूध से व्यवसाय शुुरू किया था, परन्तु आज हम 4 हजार लीटर दूध का व्यवसाय कर रहे हैं। स्वयं सहायता समूह के विषय पर झारखंड के पलामू जिले की श्रीमती सुमन अखोरी ने कहा कि नक्सल प्रभावित जिले में 1200 स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से 15 हजार परिवारों को बड़ी, पापड़, चटाई, अगरबत्ती आदि बनाने के छोटे-छोटे उपक्रम शुरू कर महिलाओं को आर्थिक रूप से सक्षम बनाया है। प्रतिनिधि
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