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विविध

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Nov 26, 2011, 12:00 am IST
in Archive
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दिंनाक: 26 Nov 2011 13:52:58

“हिन्द स्वराज की अनंत यात्रा” लोकार्पित

कश्मीर समस्या के लिए नेहरू जिम्मेदार

-कुप्.सी. सुदर्शन, निवर्तमान सरसंघचालक, रा.स्व.संघ

“सम्पूर्ण समाज को जागृत करने में गांधीजी की भूमिका को कोई नकार नहीं सकता। अनेक प्रकार के आंदोलनों के जरिए उन्होंने समाज की चेतना को जगाया। लेकिन उनकी सबसे बड़ी गलती यह थी कि उन्होंने जवाहर लाल नेहरू को अपने उत्तराधिकारी के रूप में चुना”। उक्त विचार रा.स्व.संघ के निवर्तमान सरसंघचालक श्री कुप्.सी. सुदर्शन ने गत 19 नवंबर को “हिन्द स्वराज की अनंत यात्रा” पुस्तक का लोकार्पण करते हुए व्यक्त किए। कार्यक्रम का आयोजन प्रज्ञा संस्थान द्वारा दिल्ली के हिन्दी भवन में किया गया। पुस्तक के लेखक रा.स्व.संघ के प्रचारक श्री अजय कुमार उपाध्याय हैं।

श्री सुदर्शन ने आगे कहा कि पंडित नेहरू गांधीजी की सबसे बड़ी कमजोरी थे, जिसके चलते उन्होंने सरदार पटेल जैसे नेताओं को भी दरकिनार कर दिया। आज जो कश्मीर पाकिस्तान के कब्जे में है, वह नेहरू की गलती के कारण है। उन्होंने कहा कि खंडित भारत में हिन्द स्वराज की अनंत यात्रा संभव नहीं है। इसके बारे में भी विचार करने की जरूरत है।

मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित प्रसिद्ध गांधीवादी चिंतक डा. रामजी सिंह ने कहा कि गांधीजी का हिन्द स्वराज शाश्वत ग्रंथ है। यह विश्व को मार्गदर्शन देने की एक छोटी सी किरण है। गांधीजी आत्मज्ञान एवं विज्ञान के समन्वय पर बल देते थे। उनका कहना था कि आत्मज्ञान के बिना विज्ञान अंधा है और विज्ञान के बिना आत्मज्ञान पंगु है। कार्यक्रम की अध्यक्षता वरिष्ठ पत्रकार श्री जवाहर लाल कौल ने की।

पुस्तक के बारे में बताते हुए श्री अजय कुमार उपाध्याय ने कहा कि यह पुस्तक मैंने अपने आत्मविकास के लिए लिखी है। पुस्तक के प्रकाशक, प्रभात प्रकाशन के श्री प्रभात कुमार ने कहा कि हमने ऐसी पुस्तकों का प्रकाशन किया है, जिससे भारत के गौरवशाली अतीत की झलक मिले। इसी कड़ी में यह पुस्तक है।

इस अवसर पर रा.स्व.संघ के वरिष्ठ प्रचारक श्री श्रीकांत जोशी, हिन्दू जागरण के अ.भा. सह संयोजक श्री अशोक प्रभाकर, दिल्ली प्रांत के सेवा प्रमुख श्री अजय कुमार सहित बड़ी संख्या में गण्यमान्य नागरिक उपस्थित थे। द प्रतिनिधि

हैदराबाद में “साम्प्रदायिक एवं लक्षित हिंसा रोकथाम विधेयक” पर संगोष्ठी

समाज में अविश्वास और विद्वेष बढ़ेगा

-राममाधव, सदस्य, अ.भा. कार्यकारी मंडल, रा.स्व.संघ

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय कार्यकारी मंडल के सदस्य श्री राममाधव ने कहा कि “साम्प्रदायिक एवं लक्षित हिंसा रोकथाम विधेयक” संविधान की मूल भावना के विपरीत राज्य सरकारों के कार्यों में हस्तक्षेप कर देश के संघीय ढांचे को ध्वस्त करेगा। इसके लागू होने पर भारतीय समाज में परस्पर अविश्वास और विद्वेष की खाई इतनी बड़ी और गहरी हो जाएगी, जिसको पाट पाना किसी के लिए भी सम्भव नहीं होगा। वे गत दिनों हैदराबाद में “साम्प्रदायिक एवं लक्षित हिंसा रोकथाम विधेयक” पर आयोजित संगोष्ठी को संबोधित कर रहे थे। संगोष्ठी का आयोजन स्वयंसेवी संस्था- प्रज्ञा भारती एवं सोशल कॉज के संयुक्त तत्वावधान में किया गया।

श्री राममाधव ने विधेयक पर गहरी चिन्ता व्यक्त करते हुए कहा कि जिस कमेटी ने इस विधेयक को तैयार किया है उसका चरित्र ही इस विधेयक के इरादे को स्पष्ट कर देता है। जब इसके सदस्यों और सलाहकारों में हिन्दूविद्वेषी घोर साम्प्रदायिक शक्तियों के हस्तक हों तो विधेयक के इरादे क्या होंगे, आसानी से कल्पना की जा सकती है।

श्री राममाधव ने कहा कि विधेयक मानता है कि बहुसंख्यक समाज हिंसा करता है और अल्पसंख्यक समाज उसका शिकार होता है, जबकि भारत का इतिहास कुछ और ही बताता है। हिन्दू ने कभी भी गैर हिन्दुओं को नहीं सताया, उनको संरक्षण ही दिया है। उसने कभी हिंसा नहीं की, वह हमेशा हिंसा का शिकार हुआ है। उन्होंने कहा कि संविधान की मूल भावना के अनुसार किसी आरोपी को तब तक अपराधी नहीं माना जाता जब तक वह दोषी सिद्ध न हो जाए, परन्तु इस विधेयक में आरोपी तब तक दोषी माना जायेगा जब तक कि वह अपने आपको निर्दोष सिद्ध न कर दे। विधेयक के प्रावधान पुलिस अधिकारी को इतना कस देते हैं कि वह उसे जेल में रखने का पूरा प्रयास करेगा ही, क्योंकि उसे अपनी प्रगति रपट शिकायतकर्ता को निरंतर भेजनी होगी।

पूर्व केंद्रीय मंत्री श्री आरिफ मोहम्मद खान ने कहा कि हमारे देश का कानून सभी को समानता का अधिकार देता है इसलिए साम्प्रदायिक कानून बनाना गलत है। उन्होंने कहा कि जिस कानून को मुस्लिमों का हितैषी बताकर प्रचारित किया जा रहा है, यदि वह लागू होता है तो क्या बहुसंख्यक समुदाय में अल्पसंख्यकों के प्रति असंतोष नहीं बढ़ेगा? केंद्र की मंशा भी यही है, ताकि “बांटो और राज करो” की नीति के तहत दोनों समुदायों को लड़ाकर देश पर राज किया जा सके।

संगोष्ठी को आंध्र प्रदेश के पूर्व पुलिस महानिदेशक श्री अन्जनेया रेड्डी ने भी संबोधित किया। इस अवसर पर बड़ी संख्या में हैदराबाद के गण्यमान्य नागरिक उपस्थित थे। दप्रतिनिधि

 

विविध

“सक्षम” का दो दिवसीय राष्ट्रीय अधिवेशन सम्पन्न

2012 होगा विकलांग सशक्तिकरण वषर््ा

विकलांगों के कल्याण के क्षेत्र में कार्यरत संस्था “सक्षम” का दो दिवसीय राष्ट्रीय अधिवेशन गत दिनों देहरादून में सम्पन्न हुआ। इसमें देशभर से आए सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने सहभागिता की। अधिवेशन के अंतिम दिन सक्षम की राष्ट्रीय कार्यकारिणी ने वषर््ा 2012 को विकलांग सशक्तिकरण वषर््ा के रूप मनाने का निर्णय लिया।

अधिवेशन का शुभारम्भ उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री श्री भुवन चंद खंडूरी द्वारा किया गया। इस अवसर संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि यह बहुत चिंता की बात है कि सरकार विकलांगों की समस्या के प्रति गंभीर नहीं है। उन्होंने कहा कि आम लोगों को विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से शिक्षित करके विकलांग लोगों को मुख्य धारा में लाने के काम में लगाना चाहिए।

समापन सत्र को संबोधित करते हुए रा.स्व.संघ के अ.भा. सह-सेवा प्रमुख श्री सुहासराव हिरेमठ ने कहा कि सक्षम संगठन अब पूर्णरूप से अखिल भारतीय रूप ग्रहण कर चुका है। संगठन को ग्राम और जिला स्तर तक पहुंचाने के लिए हमें तत्परता से लग जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि कोई भी कार्य तभी पूरा हो सकता है जब हम “जो कहा-सो किया” के सूत्र पर चलें।

अधिवेशन के अंतिम दिन राष्ट्रीय कार्यकारिणी का गठन किया गया, जिसमें डा. मिलिन्द कस्बेकर को पुन: राष्ट्रीय अध्यक्ष और राष्ट्रीय महामंत्री के रूप दिल्ली के श्रीराम अग्रवाल को चुना गया। इनके अलावा और भी अनेक दायित्वों के लिए कार्यकर्ताओं का चयन हुआ। द मनोज गहतोड़ी

            कामरेड बोले वंदेमातरम्

गत दिनों दिल्ली में एक ऐसा वाकया हुआ कि नेता तो क्या आम आदमी भी सुनकर हतप्रभ रह जाए। हुआ यूं कि वामपंथी विचारधारा को मानने वाले जो लोग कभी भारतमाता की जय और वंदेमातरम् के उद्घोषों को सुनकर चिढ़ते थे, उनके एक वरिष्ठ नेता और सांसद ने सरेआम भारतमाता की जय और वंदेमातरम के उद्घोष लगाए और लगवाए। जिससे ऐसा प्रतीत हुआ कि कामरेड अपने को बदलने का मन बना रहे हैं।

संसद मार्ग पर 8 नवंबर को सम्पन्न हुई संयुक्त विशाल श्रमिक रैली में एटक के राष्ट्रीय महामंत्री एवं सांसद गुरुदास दासगुप्ता जब उद्बोधन के लिए खड़े हुए तो उनके समर्थक इन्कलाब जिंदाबाद के उद्घोष लगाने लगे। इस पर गुरुदास दासगुप्ता ने समर्थकों को रोककर कहा कि नारा मैं लगाऊंगा, आप जवाब दीजिए। इसके बाद उन्होंने भारतमाता की जय और वंदेमातरम् के नारे लगाने शुरू कर दिए। गुरुदास दासगुप्ता के मुख से ऐसे नारे सुनकर रैली में उपस्थित हर व्यक्ति कुछ क्षण के लिए तो अवाक् रह गया। उसके बाद राष्ट्रवादी विचारधारा के समर्थकों ने जोर-जोर से नारे लगाने शुरू कर दिए। द प्रतिनिधि

बिरसा मुण्डा छात्रावास का 30वां वार्ष्ािकोत्सव सम्पन्न

गत दिनों वनवासी कल्याण आश्रम द्वारा कानपुर में संचालित बिरसा मुण्डा छात्रावास का 30वां वार्ष्ािकोत्सव धूमधाम से सम्पन्न हुआ। कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में वनवासी कल्याण आश्रम के राष्ट्रीय महामंत्री श्री गुणवंत सिंह कोठारी उपस्थित थे, जबकि मुख्य अतिथि थे कानपुर के गणेश शंकर विद्यार्थी स्मारक मेडिकल कालेज के न्यूरो सर्जरी विभाग के अध्यक्ष डा. इन्दु नारायण बाजपेयी। इस अवसर पर रा.स्व.संघ के क्षेत्र संघचालक डा. ईश्वर चंद्र गुप्त भी उपस्थित थे। कार्यक्रम का शुभारम्भ मंचस्थ अतिथियों द्वारा भगवान राम एवं भारतमाता के चित्र के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया। तत्पश्चात अपने संबोधन में श्री गुणवंत कोठारी ने कहा कि वनवासियों के हित के लिए जिन कानूनों में परिवर्तन आवश्यक है, शासन उसे पूर्ण करने की इच्छाशक्ति तत्परता से दिखाए। उन्होंने कहा कि वनवासी का विकास, भारत का विकास है। समारोह में छात्रावास के छात्रों ने विभिन्न प्रकार के सांस्कृतिक कार्यक्रमों का प्रदर्शन भी किया। इस अवसर पर अतिथियों ने “वनवासी मित्र” नामक स्मारिका भी लोकर्पित की। द प्रतिनिधि

राष्ट्रवादी पत्रकारिता का प्रशिक्षण

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के जियामऊ स्थित विश्व संवाद केन्द्र के सभागार में गत दिनों राज्य के विभिन्न जिलों से आए पत्रकारों को राष्ट्रवादी पत्रकारिता का प्रशिक्षण देने के साथ ही वैचारिक और समाजोन्मुख लेखन के लिए भी प्रेरित किया। उन्हें पिं्रट मीडिया के साथ ही इलेक्ट्रानिक तथा साइबर पत्रकारिता के बारे में भी विस्तार से जानकारी दी गई।

पत्रकारों का वरिष्ठ पत्रकार सर्वश्री आशुतोष शुक्ल, योगेश मिश्र, सुभाष सिंह, भारत सिंह, लोकनाथ, विवेकानंद दीक्षित, कृष्ण मोहन मिश्र, दिलीप अग्निहोत्री आदि ने मार्गदर्शन किया। वर्ग में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के क्षेत्र प्रचारक श्री शिव नारायण ने पत्रकारिता में राष्ट्रवादी विचार पक्ष पर बल देने की बात कही। दो दिन के इस कार्यक्रम में प्रमुख रूप से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के क्षेत्रीय सेवा प्रमुख श्री नवल किशोर, अवध प्रांत के सह संघचालक श्री प्रभु नारायण श्रीवास्तव, प्रचार विभाग के अवध प्रांत प्रचार प्रमुख श्री विजय गुप्ता, सह प्रचार प्रमुख श्री अमरनाथ और संवाद केंद्र प्रमुख श्री राजेंद्र आदि विशेष रूप से उपस्थित रहे। द शशि सिंह  

आचार्य विष्णुकांत शास्त्री की गीता-परिक्रमा (खंड- 3) लोकार्पित

विरोधाभासों के बीच जीवन जीने की कला सिखाती है गीता

-साध्वी ऋतम्भरा, प्रधान संरक्षिका, वात्सल्य ग्राम

“जीवन में अंतर की गहराई और हृदय की उंचाई होनी चाहिए क्योंकि विरोधाभासों के बीच ही जीवन चलता है। उत्थान-पतन, जय-पराजय, हषर््ा-शोक के बीच जीवन जीने की कला गीता सिखाती है।” उक्त उद्गार हैं वात्सल्य ग्राम, वृंदावन की प्रधान संरक्षिका साध्वी ऋतम्भरा के, जो गत 13 नवंबर को कोलकाता के श्री बड़ाबाजार कुमारसभा पुस्तकालय द्वारा प्रकाशित आचार्य विष्णुकांत शास्त्री द्वारा व्याख्यायित गीता-परिक्रमा-3 का लोकार्पण करते हुए बोल रही थीं। कार्यक्रम का आयोजन पुस्तकालय के सभागार में ही हुआ।

ग्रंथ के संपादक तथा समारोह के मुख्य वक्ता डा. नरेन्द्र कोहली ने कहा कि हमें अपने मूल ग्रन्थों को पढ़कर महापुरुष्ाों के जीवन से प्रेरणा लेनी चाहिए तथा अपना इतिहास स्वयं लिखना-रचना चाहिए। विडम्बना यह है कि विदेशियों द्वारा लिखित स्वार्थ प्रेरित इतिहास ही हम पढ़-समझ रहे हैं। कार्यक्रम की अध्यक्षता भगवद्गीता मर्मज्ञ पं. श्रीकांत शर्मा “बालव्यास” ने की।

कार्यक्रम का शुभारम्भ श्री सत्यनारायण तिवारी की गीता वंदना से हुआ। समारोह का संचालन पुस्तकालय के अध्यक्ष डा. प्रेमशंकर त्रिपाठी ने किया तथा धन्यवाद ज्ञापन किया श्री जुगलकिशोर जैथलिया ने। मंच पर श्री विमल लाठ एवं श्री महावीर बजाज भी आसीन थे। इस अवसर पर पुस्तकालय के वरिष्ठ उपाध्यक्ष श्री गोविन्दनारायण काकड़ा को जीवन के 75 वषर््ा पूर्ण करने पर सम्मानित किया गया। द प्रतिनिधि

उज्जैन में मालवा प्रांत का बाल शिविर सम्पन्न

3711 बाल स्वयंसेवक सहभागी हुए

मध्य प्रदेश के उज्जैन में गत दिनों राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के तत्वावधान में बाल शिविर सम्पन्न हुआ। 11-13 नवम्बर तक चले मालवा प्रांत के शिविर में 3711 बाल स्वयंसेवकों ने भाग लिया। शिविर में उज्जैन, शाजापुर, मन्दसौर, इन्दौर, खण्डवा, खरगोन एवं धार जिलों के 7वीं से 10वीं कक्षा तक के छात्र सम्मिलित हुए।

शिविर का उद्घाटन रा.स्व.संघ के अ.भा. सह-सेवा प्रमुख श्री सुहासराव हीरेमठ ने किया। इस अवसर पर प्रांत कार्यवाह श्री अशोक सोहनी एवं श्री विनीत नवाथे भी उपस्थित थे। स्वयंसेवकों को सम्बोधित करते हुए श्री हीरेमठ ने कहा कि हम यहां भारतमाता की आराधना करने के लिए एकत्र हुए हैं। माता ही अपने पुत्रों को संगठित रखती है, इसलिए हमें भारतमाता की नित्य पूजा करनी चाहिए।

शिविर में क्षेत्र प्रचारक श्री विनोद कुमार, सह-क्षेत्र प्रचारक श्री रामदत्त चक्रधर, मालवा प्रांत के संघचालक श्री कृष्ण कुमार अष्ठाना एवं प्रांत प्रचारक श्री पराग अभ्यंकर ने भी स्वयंसेवकों का मार्गदर्शन किया। द प्रतिनिधि

18 हिन्दू परिवार स्वधर्म में वापस

विश्व हिन्दू परिष्ाद, पूर्व आंध्र प्रांत के तत्वावधान में गत दिनों सम्पन्न हुए स्वधर्म वापसी के कार्यक्रम में 18 परिवारों के 40 सदस्यों ने स्वेच्छा से अपना मूल हिन्दू धर्म पुन: स्वीकार कर लिया है। इन परिवारों को कुछ समय पूर्व ईसाइयों ने धन और बल के जोर पर मतांतरित कर दिया था। पश्चिम गोदावरी जिले में गोदावरी नदी के किनारे सम्पन्न हुए इस कार्यक्रम में मुनिश्री आनंद सरस्वती ने स्वधर्म में वापस हुए लोगों का स्वागत किया तथा उन्हें आशीर्वाद दिया। इस अवसर पर विश्व हिन्दू परिष्ाद् के वरिष्ठ कार्यकर्ता श्री कन्ना भास्कर सहित विहिप के अनेक कार्यकर्ता उपस्थित थे। द प्रतिनिधि

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