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चार लाख करोड़ के निवेश की तैयारीवेणुगोपालनगत दिनों कर्नाटक की राजधानी बंगलूरू में वैश्विवक निवेशक सम्मेलन का आयोजन राज्य की भाजपा सरकार द्वारा किया गया। इस सम्मेलन में देशी-विदेशी उद्यमियों ने भाग लिया और उन्होंने कर्नाटक में बड़ी मात्रा में पूंजी निवेश कर रोजगार बढ़ाने की इच्छा व्यक्त की। विपक्षी राजनीतिक दलों की टीका-टिप्पणी के बावजूद यह सम्मेलन सफल रहा। राज्य के विकास में जिस तरह से अनिवासी भारतीयों ने रुचि दिखाई उससे यह माना जाने लगा है कि कर्नाटक राज्य उद्यमियों के लिए एक उर्वरा भूमि है।वैश्विक निवेशक सम्मेलन में चार लाख करोड़ की योजनाओं से सम्बंधित प्रपत्रों पर समझौता हुआ। निवेशकों को मुख्यमंत्री ने भरोसा दिलाते हुए कहा कि उन्हें सरकार की ओर से हर प्रकार की मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। सम्मेलन में जिस प्रकार से निवेशकों ने रुचि दिखाई उससे राज्य के मुख्यमंत्री येदियुरप्पा को यह विश्वास होने लगा है कि दक्षिण में भारतीय जनता पार्टी की पहली सरकार कर्नाटक को समृद्ध राज्य बनाने का संकल्प पूरा करेगी। उन्होंने कहा कि चार लाख करोड़ के निवेश से राज्य के लगभग 10 लाख लोगों रोजगार मिलेगा।वैश्विक निवेशक सम्मेलन के पहले विपक्षी नेताओं द्वारा जिस तरह से इस सम्मेलन पर किसान विरोधी होने का आरोप लगाया जा रहा था, मुख्यमंत्री ने उसका जवाब देते हुए कहा कि उद्यमों की स्थापना के लिए जिस भूमि का अधिग्रहण होगा उसमें इस बात का ध्यान रखा जाएगा कि किसानों की उपजाऊ भूमि को नुकसान न हो। राज्य के उद्योग मंत्री मुरुगेश निराणी ने कहा कि राज्य में उन्हीं जमीनों का अधिग्रहण किया जाएगा जिनमें या तो साल में एक ही फसल का उत्पादन होता है या फिर जो ऊसर हैं। चार लाख करोड़ रुपए के निवेश के पहले चरण के तहत 69 कम्पनियों से 87894 करोड़ रुपए की 56 योजनाओं की मंजूरी सरकार ने दी है। इन योजनाओं से 1 लाख 30 हजार से अधिक लोगों को रोजगार मिलेगा। इन योजनाओं का 52 प्रतिशत हिस्सा उत्तर कर्नाटक में, दक्षिण कर्नाटक के क्षेत्रों में 41 प्रतिशत तथा पूरब और पश्चिमी क्षेत्रों में 7 प्रतिशत का निवेश होगा।इस अतिमहत्त्वाकांक्षी सम्मेलन में स्टील और लौह अयस्क के क्षेत्रों में सबसे अधिक 2,21,344 करोड़ की 38 योजनाओं के समझौता पत्र पर हस्ताक्षर हुए। इसके अलावा सीमेंट 36991 के करोड़ रु. की 9 योजनाएं, हर्बल विद्युत की 8 योजनाएं, आई टी पार्क की 8 योजनाएं, होटल की 10 योजनाएं, स्वास्थ्य की 6, योजनाएं, मूलभूतढांचा की 4 योजनाएं, आहार प्रसंस्करण की 23 योजनाएं, परिवहन की 12 योजनाएं, पर्यटन की 6 योजनाएं अभियांत्रिकी और ऑटो उद्योगों की क्रमश: 8 और 4 परियोजनाओं पर भी समझौता हुआ।इस वैश्विक सम्मेलन में जिन योजनाओं पर समझौता हुआ है उनका 70 प्रतिशत हिस्सा उत्तर कर्नाटक और हैदराबाद से सटे कर्नाटक के क्षेत्रों में आने वाले इलाकों में निवेश होगा। गौरतलब है कि विकास की दृष्टि से दोनों ही क्षेत्र काफी पिछड़े माने जाते हैं। कर्नाटक क्षेत्र के विकास के लिए केन्द्र सरकार से संविधान की धारा 371ए के तहत विशेष पैकेज की मांग भी काफी सालों से की जा रही है। विपक्षियों की विरोधी राजनीति को निवेशकों ने एक सिरे से नकारते हुए राज्य सरकार के आमंत्रण पर निवेश का जो समझौता किया है, उस पर सकारात्मक तौर पर तुरन्त कार्रवाई करने की जिम्मेदारी राज्य भाजपा सरकार की है। विकास और किसानों के हित की रक्षा के संकल्प के साथ मुख्यमंत्री बने बी.एस. येदियुरप्पा के सामने यह भी एक चुनौती है कि वे मैसूर-बंगलौर कारीडोर परियोजना की तरह ही निवेशकों की योजनाओं को विवाद में फंसने से बचाएं। यद्यपि मुख्यमंत्री ने यह विश्वास जताया है कि भूमि अधिग्रहण के मामले में किसानों को कोई नुकसान नहीं होगा। उनकी उपजाऊ जमीन का अधिग्रहण नहीं किया जाएगा। जिन किसानों की जमीनों का अधिग्रहण किया जाएगा उन्हें उचित मुआवजे के साथ ही प्रति एकड़ एक हजार वर्गफुट की विकसित जगह भी दी जाएगी।इस सम्मेलन को देखते हुए कहा जा सकता है कि राज्य के विकास की धारा को गति देने के लिए ही मुख्यमंत्री के नेतृत्व में यह सम्मेलन आयोजित हुआ। कर्नाटक को विकास के रास्ते पर चलने का संकल्प दो वर्ष पहले राज्य के मुख्यमंत्री बी.एस. येदियुरप्पा ने लिया था,अब उसे पूरा करने का मार्ग प्रशस्त कर दिया है। भाजपा ने राज्य की जनता की मूलभूत आवश्यकताओं के लिए जिन योजनाओं का उल्लेख चुनाव घोषणा पत्र में किया था, उसे पूरा करने हेतु महिलाओं के स्वास्थ्य एवं शिक्षा से संबंधित योजनाएं लागू कर दी गई हैं। राज्य में बेरोजगारी को दूर करने के लिए जिस कार्यक्रम की जरूरत थी, उसे भी दो साल पूरा होते-होते मुख्यमंत्री येदियुरप्पा ने साकार करने की पहल कर दी। दएक नजरबंगलूरु ग्रामीण जिला – 12 योजनाएं – 5479 करोड़कोप्पल जिला – 04 योजनाएं – 11320 करोड़चिक्कबल्लापुर – 03 योजनाएं – 19146 करोड़बेल्लारी – 07 योजनाएं – 3788 करोड़चित्रदुर्ग – 05 योजनाएं – 3472 करोड़बेलगाम – 04 योजनाएं – 2615 करोड़इसके अतिरिक्त शैक्षणिक क्षेत्रों में 1789 करोड़ रुपए34
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